पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शुरू

Share Product Published - 28 Sep 2020 by Tractor Junction

पंजाब और हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शुरू

पंजाब में 113 लाख टन और हरियाणा में 44 लाख टन धान खरीदेगी सरकार

केंद्र सरकार की घोषणा के साथ ही पंजाब व हरियाणा में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीद शुरू कर दी गई है। इसी के साथ पंजाब व हरियाणा की मंडियों में धान की आवक शुरू हो गई है। वहीं 2020-21 खरीफ मार्केटिंग सत्र के लिए सभी प्रमुख उत्पादक राज्यों में धान की खरीदारी 1 अक्टूबर से शुरू की जाएगी। जानकारी के अनुसार केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि हरियाणा और पंजाब की मंडियों में धान की समय से पहले आवक होने के कारण केंद्र सरकार ने दोनों राज्यों में 26 सितंबर 2020 से ही धान के लिए खरीदारी शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। मंत्रालय ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) जैसी सरकारी खरीद एजेंसियां खरीदारी के लिए तैयार हैं। इसलिए इसकी यहां की मंडियों में खरीद शुरू कर दी गई है।

 

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धान का समर्थन मूल्य / कितने समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर हो रही है धान की खरीद

इस सीजन में मंडियों में धान की सरकारी खरीद के लिए एमएसपी साधारण किस्म की धान के लिए 1,868 रुपए प्रति क्विंटल का एमएसपी तय किया गया है। ए ग्रेड के लिए एमएसपी 1,888 रुपए प्रति क्विंटल है। केंद्र सरकार का किसानों से पूरे देश में 495.37 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसमें पंजाब में 113 लाख टन और हरियाणा में 44 लाख टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा गया है।

 


हरियाणा में अभी फिलहाल पीआर-126 किस्म की ही खरीद शुरू

हरियाणा में अभी फिलहाल पीआर-126 किस्म की खरीद 27 सितंबर से शुरू कर दी गई है। इस किस्म की खेती कुरुक्षेत्र, कर्नाल, अंबाला और कैथल जिलों में होती है। इस किस्म की धान मंडियों में आ रही है।


हरियाणा में धान की खरीद के लिए क्या की गईं है तैयारी

हरियाणा ने इस साल 25 सितंबर से ही धान की खरीद की अनुमति मांगी थी, लेकिन केंद्र सरकार अब हरी झंडी दी है। वैसे राज्य सरकार के अधिकारियों ने ऐसी तैयारी की है कि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होनी चाहिए। वहां इस बार धान की खरीद के लिए 200 अतिरिक्त केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसी के साथ राज्य में कुल 400 धान खरीद केंद्र हो जाएंगे। ये खरीद केंद्र उन 8 जिलों में बनाए जाएंगे जिनमें धान की पैदावार अधिक होती है।


हरियाणा में धान की खरीद को लेकर क्या स्थिति

हरियाणा के कुरुक्षेत्र, करनाल, अंबाला और कैथल चार जिलों में किसान पीआर -126 किस्म की धान फसल लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं। इन जिलों की मंडियों में लगभग चार लाख क्विंटल धान की आवक हुई है। यहां धान की खरीद के लिए हाफेड, हरियाणा राज्य भंडारण निगम और खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग सहित प्रदेश की खरीद एजेंसियों द्वारा खरीद की व्यवस्था की गई है। इसके तहत हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा किसानों को मंडियों में आने के लिए जारी किए जाने वाले गेट पास को बाजार समिति के कर्मचारियों सत्यापित कर रहे हैं। इस दौरान यह देखा जा रहा है कि जो किसान मंडी में अपनी फसल लेकर आ रहे हैं, उन्होंने खुद को मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया है या नहीं।


पंजाब में धान खरीद की खरीद के लिए व्यवस्था

पंजाब की मुख्य सचिव विनी महाजन ने मीडिया को बताया कि धान खरीद सत्र के लिए राज्य की तैयारियों की समीक्षा की। आमतौर पर पंजाब में धान खरीद का मौसम एक अक्टूबर से शुरू होता है, लेकिन मंडी में जल्दी धान आने से खरीद पहले ही शुरू की जा रही है। पंजाब में कुल 4,019 खरीद केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 152 मुख्य यार्ड, 283 सब-यार्ड, 1,436 खरीद केंद्र, 524 अस्थायी यार्ड और 1,624 मिलें शामिल हैं। इन खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 4500 की जाएगी। बता दें कि संसद से पिछले सप्ताह पारित हुए कृषि विधेयकों के विरोध में किसान-मजदूर संगठनों द्वारा आयोजित पंजाब बंद की अवधि बढ़ गई है। किसान मजदूर संघर्ष समिति ने घोषणा की है कि पंजाब में चल रहा रेल रोको आंदोलन 29 सितंबर 2020 तक चलेगा। इससे हो सकता है कि इस दौरान यहां धान की खरीद प्रभावित हो।


सरकार ने क्यों लिया समय से पहले इन दो राज्यों में धान खरीद का फैसला? 

केंद्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को बताया कि वर्ष 2020-21 के खरीफ मार्केटिंग सीजन में धान की खरीद एक अक्टूबर 2020 से प्रस्तावित थी। लेकिन हरियाणा और पंजाब में धान की अगेती कटाई को देखते हुए जल्दी खरीद शुरू करने का फैसला लिया गया। इस खरीद प्रक्रिया में राज्य की सभी खरीद एजेंसी के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम भी हिस्सा लेगी। इस दौरान इस पर विशेष ध्यान रखा जाएगा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमत पर कतई खरीद नहीं हो।

 

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