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राष्ट्रीय बागवानी मेला 2020 : 5-8 फरवरी

Published - 05 Feb 2020

ट्रैक्टर जंक्शन पर देश के जागरूक किसानों का एक बार फिर स्वागत है। आप सभी किसान जानते हैं कि केंद्रीय बजट 2020 में केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र पर सबसे ज्यादा फोकस किया है। सरकारी एजेंसियां, कृषि से जुड़े मंत्रालय, निजी कंपनियां, बागवानी परिचय, एनजीओ व सामाजिक संगठन देश के किसानों की दशा सुधारने व नई दिशा देने के लिए निरंतर कार्य कर रहे हैं। फरवरी 2020 में देशभर में कृषि, बागवानी, पशुपालन व डेयरी उद्योग में किसानों को नए-नए प्रयोग बताने के लिए कई आयोजन हो रहे हैं।  इसी कड़ी में आज किसान भाइयों को राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 की जानकारी देते हैं।

राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 

कृषि मेला की जानकारी 2020- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अधीन भारतीय बागवानी अनुसंधान परिषद, हेसरघट्टा, बेंगलुरू में 5 फरवरी से 8 फरवरी तक राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020, किसान मेला दिल्ली 2020 का आयोजन किया जा रहा है। यह कृषि मेला 2019 ‘बागवानी (bagwani krishi) : कृषि को उद्यम बनाती हुई’ थीम पर आधारित है। यह मेला सोसायटी फॉर प्रोमोशन ऑफ हॉर्टिकल्चर, बेंगलुरू, बागवानी विभाग, कनार्टक सरकार, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड, गुरुग्राम और कर्नाटक राज्य कृषि विभाग के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। 

राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 के उद्देश्य

  • बागवानी के नवाचारों के बारे में प्रौद्योगिकियों व अन्य प्रदर्शनियों के बारे में जानकारी देना।
  • बागवानी-प्रौद्योगिकियों के प्रभावी प्रसार के लिए बागवानी की उभरती चुनौतियों पर वैज्ञानिकों-किसानों-साझेदार के बीच चर्चा।
  • किसानों से परिचर्चा के लिए बागवानी क्षेत्र के विभिन्न सेवादाताओं, जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, विकास विभाग, निजी उद्योग, वित्तीय संस्थाएं, गैर सरकारी संगठन, कृषक उत्पादक संगठन और बाजार पदाधिकारियों को एक मंच पर लाना।

राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 में शामिल विषय 

  • फलों, सब्जियों, शोभाकारी, औषधीय व सुगंधित फसलों, खुम्ब, रोपण फसलों और मसाला फसलों का उत्पादन व संरक्षण।
  • रोपण सामग्री उपलब्ध कराने वाली पौधशालाएं व उद्योग को लाना।
  • संरक्षित खेती
  • बागवानी आधारित मिश्रित खेती
  • सस्योत्तर प्रौद्योगिकी एवं मूल्य संवर्धन
  • बागवानी में यंत्रीकरण
  • राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 में शामिल स्टॉल व प्रदर्शनी
  • बीज एवं रोपण सामग्रियां
  • सिंचाई प्रणालियां
  • उवर्रक/कीटनाशक
  • खाद्य प्रसंस्करण और पैकेजिंग 
  • हरित गृह और निर्माण सामग्रियां 
  • कृषि निर्यात सेवाएं
  • बाजार पदाधिकारी
  • पौध वृद्धि संशोधक
  • वित्तीय संगठन
  • सरकारी, अद्र्धसरकारी और गैर सरकारी संगठन
  • ऊतक संवर्धन 
  • स्त्री शक्ति समूह
  • स्वयं सहायता समूह
  • उद्यान साधन-सामग्रियां
  • कृषक हितैषी समूह एवं कृषक उत्पादक संगठन
  • बागवानी उत्पादन-सामग्रियां
  • व्यवसाय इन्क्युबेशन केंद्र
  • देशी तकनीकी ज्ञान

‘शहरी बागवानी’ पर कार्यशाला विशेष आकर्षण, रजिस्ट्रेशन फीस 1500 रुपए

मेले में ,मेला देना शहर ‘शहरी बागवानी’ पर कार्यशाला विशेष आकर्षण का केंद्र होगी। कार्यशाला चारों दिन आयोजित होगी। कार्यशाला में घर के पीछे या छत पर ताजी सब्जियां, फूल और फल उगाने के लिए ‘खेत से मेज तक’ या ‘वर्टिकल/छत पर खेती’ पर जानकारी दी जाएगी। कार्यशाला में स्थान चयन, उगाने के लिए सही सामग्रियों का चयन (जैसे माध्यम, बीज, जल, उवर्रक, खाद, जैव कीटनाशक और रसोई अवशिष्टों को खाद में बदलना आदि), बुवाई रोपाई, जैविक रूप से कीटों की पहचान और नियंत्रण, वर्टिकल फार्मिंग मॉडल, वर्टिकल फार्मिंग में क्या करें और क्या न करें विषयों को शामिल किया गया है। इस एक दिवसीय कार्यशाला में भाग लेने के इच्छुक व्यक्तियों का पंजीकरण शुल्क के रूप में सोसायटी फॉर प्रोमोशन ऑफ हार्टीकल्चर को 1500 रुपए का भुगतान करना होगा। इसमें भोजन शामिल है।

परिचय : भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान 

भारतीय बागवानी का परिचय, कृषि अनुसंधान, बागवानी साधन परिषद-भारतीय बागवानी अनुसंधान परिषद बेंगलुरू की स्थापना 1967 में हुई थी। संस्थान देश के बागवानी क्षेत्र के लिए प्रतिवर्ष 13 हजार करोड़ रुपए का योगदान देता है। वर्तमान में यहां पर 54 बागवानी फसलों पर कार्य किया जा रहा है। इनमें 13 फल, 26 सब्जियां, 10 पुष्प और 5 औषधीय फसलें शामिल है। यहां अब तक 289 किस्मों का विमोचन किया गया है। जैसे फलों में 39, सब्जियों में 131, पुष्पों में 111 और औषधीय फसलों में 31, साथ ही फसल उत्पादन और संरक्षण की 145 प्रौद्योगिकियों का विमोचन किया जा चुका है। संस्थान ने 80 प्रौद्योगिकियों का व्यावसायीकरण किया है। यहां से 300 से अधिक छात्रों ने स्नातकोत्तर अध्ययन पूर्ण किया है।

पिछले मेले में 22 राज्यों के 25 हजार किसान हुए शामिल, इस 30 हजार किसानों के आने की उम्मीद

वर्ष 2019 में आयोजित राष्ट्रीय बागवानी मेले में 22 राज्यों के 25 हजार किसानों ने शिरकत की थी। मेेले में चालीस फसलों की 120 उन्नत/रोग-रोधी किस्मों (58 सब्जियां, 15 फल, 34 फूल और 13 औषधी फसल) का प्रदर्शन किया गया था। बागवानी फसलों की विभिन्न उत्पादक सामग्रियों का प्रदर्शन करने वाले 158 स्टाल मेेले में शामिल थी। इसके अलावा मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन, पशु-पालन सहित बागवानी आधारित मिश्रित कृषि प्रणालियों का प्रदर्शन किया गया। सब्जी फसलों की मृदा रहित खेती व जलवायु अनुकूल बागवानी फसलों का प्रदर्शन किया गया। इस बार मेले में 30 हजार से अधिक किसानों के आने की उम्मीद की जा रही है।

बिहार के किसान करेंगे मखाना, मगही पान, स्ट्रॉबेरी और मधु (लीची) का प्रदर्शन

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् और भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु में 5 से 8 फरवरी तक आयोजित राष्ट्रीय बागवानी मेले में बिहार का उद्यान निदेशालय भी दो हाईटेक स्टॉल लगाएगा। इस स्टॉल पर मखाना, मगही पान, स्ट्रॉबेरी और मधु (लीची) को प्रदर्शित किया जायेगा। बिहार के कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कहा है कि राष्ट्रीय बागवानी मेले में भाग लेने से बिहार के जीआई टैग प्राप्त उद्यानिक फसल को राज्य के बाहर पहचान मिलेगी। व्यवसायियों से सम्पर्क होने के कारण बाजार के अवसर भी मिलेंगे। विभाग स्वीत योजना के अन्तर्गत राष्ट्रीय बागवानी मेला में स्टॉल लगाने तथा परिभ्रमण के लिए तीन पदाधिकारियों एवं दरभंगा, नवादा, औरंगाबाद तथा वैशाली जिले के कुल आठ किसानों को भेजा गया है। वहां ये अधिकारी और किसान मखाना, मगही पान, स्ट्रॉबेरी तथा मधु (लीची) का स्टॉल लगाएंगे।

बजट में घोषित कृषि उड़ान योजना उद्यानिकी फसलों से जुड़ी

केंद्रीय बजट 2020 में उद्यानिकी फसलों के लिए कृषि उड़ान योजना को शुरू करने की घोषणा की गई है। इसके साथ ही फल व सब्जियों के लिए रेलगाड़ी की व्यवस्था की जाएगी। केंद्रीय बजट में एक जिला-एक उत्पाद योजना को शामिल किया गया है जिससे बागवानी की फसलों को भी लाभ मिलेगा।

राष्ट्रीय बागवानी मेला-2020 की अधिक जानकारी के लिए https://iihr.res.in पर सर्च कर सकते हैं।

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