हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद 30 नवंबर तक होगी

Share Product Published - 18 Nov 2021 by Tractor Junction

हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद 30 नवंबर तक होगी

हरियाणा में मूंग खरीद की अवधि बढ़ाई, किसानों को होगा लाभ

रबी की बुवाई का सीजन चल रहा है। वहीं दूसरी ओर किसानों से खरीफ की फसल की खरीद का काम चल रहा है। इसी क्रम में हरियाणा राज्य में इस समय मूंग की खरीद की जा रही है। मूंग की खरीद के लिए अंतिम तिथि 15 नवंबर थी। लेकिन किसानों की मांग को देखते हुए हरियाणा सरकार ने इस तिथि को 15 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। अब राज्य में 30 नवंबर तक मूंग की खरीद की जाएगी। मूंग की खरीद तिथि बढऩे से किसानों को लाभ होगा। इससे अब राज्य के अधिक से अधिक मूंग उत्पादक किसान अपनी उपज बेच पाएंगे। किसानों के हित को देखते हुए हैफेड व नैफेड द्वारा मूंग की खरीद राज्य की 38 अधिसूचित मंडियों में इस महीने होती रहेगी। 

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इस बार अच्छी बारिश से क्षेत्र में हुआ है मूंग का अधिक उत्पादन

मूंग खरीद के लिए भिवानी, चरखी दादरी, हिसार, फतेहाबाद, महेंद्रगढ़ व सिरसा की मंडियों में व्यवस्था की गई है। अकेले भिवानी जिले में इस बार रिकॉर्ड 50 हजार हेक्टेयर भूमि पर मूंग की थी। अच्छा मानसून रहने की वजह से मूंग की अच्छी पैदावार हुई है। भिवानी जिले की छह मंडियों में मूंग की सरकारी खरीद होगी। भिवानी में पिछले साल 90 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरा की बिजाई की गई थी। अबकी बार करीब 60 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजारे की बिजाई की गई है। बाजरे का कम हुआ दायरा मूंग बिजाई के प्रति किसानों का बढ़ा रुझान बता रहा है। ज्यादातर मरुस्थली इलाकों के किसानों ने इस बार बाजरा बिजाई न कर मूंग बोई है। 

इन्हीं किसानों को मिलेगा प्रोत्साहन राशि का लाभ

कृषि विभाग ने भी खरीफ सीजन बिजाई की रिपोर्ट तैयार के आधार पर उन किसानों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशिक का लाभ मिलेगा जिनकी पोर्टल पर फसल रजिस्टर्ड होगी, वहीं मंडी में एमएसपी पर किसान उस फसल को भी बेच पाएंगे।

मूंग खरीद के लिए मंडियों में एजेंसियों के लिए निर्धारित दिन

भिवानी मंडी सहित अन्य मंडियों में किसानों से हैफेड और एचडब्ल्यूसी एजेंसी के माध्यम से मूंग की खरीद की जा रही है। इसके लिए जो दिन निर्धारित किए गए हैं वे इस प्रकार से हैं-

जिला मंडी  हैफेड एचडब्ल्यूसी
भिवानी सिवानी     1,3,5 1,4,6
             तोशाम 1,3,5      2,4,6
                लोहारू   2,4,6 1,3,5
                 भिवानी 1,3,5 2,4,6
                    जूई 1,3,5 2,4,6
                      बहल 2,4,6 1,3,5
चरखी दादरी                   चरखी दादरी 1,3,5 2,4,6
बाढड़ा                         00 00
हिसार                       हिसार 2,4,6 1,3,5
हांसी                         1,3,5 2,4,6
बरवाला                  2,4,6  1,3,5
आदमपुर                     1,3,5 2,4,6
फतेहाबाद भट्टूकलां                 1,3,5 2,4,6
        फतेहाबाद  2,4,6 1,3,5
महेंद्रगढ़ महेंद्रगढ़                   1,3,5 2,4,6
अटेली                    2,4,6 1,3,5
सिरसा  सिरसा 1,3,5  2,4,6
ऐलनाबाद                    2,4,6 1,3,5
डबवाली   1,3,5 2,4,6
डिंगमंडी                    2,4,6 1,3,5
कालांवाली                   1,3,5   2,4,6


हरियाणा में न्यूनतम समर्थन मूल्य कब होगी खरीद मूंगफली की खरीद ( Minimum Support Price )

हरियाणा में खरीफ सीजन 2021-22 के लिए मूंगफली की खरीदी 1 नवंबर 2021 से शुरू होगी जो 31 दिसंबर 2021 तक की जाएगी। इसके अलावा अरहर, उड़द और तिल की खरीदी 1 दिसंबर 2021 से शुरू की जाएगी। 

क्या है मूंग सहित अन्य फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2021

केंद्र सरकार प्रत्येक वर्ष खरीफ तथा रबी फसल को मिलाकर 23 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है। यह मूल्य देश के सभी राज्यों के लिए एक सामान लागू होते हैं। 2021 के लिए सरकार की ओर से मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, तिल का जो एमएसपी तय किया हुआ है वे इस प्रकार से है-

फसल  एमएसपी
मूंग 7275 रुपए प्रति क्विंटल
उड़द 6300 रुपए प्रति क्विंटल
तुअर (अरहर) 6300 रुपए प्रति क्विंटल
मूंगफली  5550 रुपए प्रति क्विंटल
तिल 7307 रुपए प्रति क्विंटल

इस बार प्रदेश के किसानों के पास नहीं हुई एमएसपी पर बाजरे की खरीद 

जैसा कि हरियाणा सरकार ने एमएसपी पर 25 प्रतिशत तक किसानों से बाजरा खरीदने की बात कही थी, लेकिन सरकार अपनी बात से मुकर गई। एमएसपी पर बाजरे की खरीद की अंतिम तिथि 15 नवंबर थी, जो निकल चुकी है और अभी तक किसानों से एमएसपी पर बाजारा नहीं खरीदा गया है। इससे किसानों में हताशा है। बता दें कि धान के बाद बाजारा प्रदेश की दूसरी मुख्य फसल है। इस बार प्रदेश में बाजरा की फसल भी अच्छी हुई है। लेकिन इस बार बाजरे की एमएसपी पर खरीद शुरू होने से पहले ही बंद हो गई। बता दें कि समर्थन मूल्य पर फसल खरीद के लिए 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक का समय निर्धारित किया था, मगर इसके बाद सरकार खरीद शुरू करने से पहले समर्थन मूल्य पर बाजरा खरीदने के मुकर गई। 

सरकार ने समर्थन मूल्य की बजाय भावांतर भरपाई योजना के तहत पंजीकृत किसानों के खातों में 600 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से पैसे डालने की बात कही थी। इसके साथ ही सरकार ने मार्केट में बाजरे का भाव मेंटेन रखने के लिए किसानों का 25 प्रतिशत बाजरा समर्थन मूल्य पर खरीदने की बात कही थी। चूंकि अब बाजरा खरीद कार्य का एक महीने से अधिक समय बीत गया है, लेकिन सरकार ने अभी तक न तो भावांतर भरपाई के तहत सरकार ने किसानों के खातों में पैसे डाले हैं और न ही किसानों का समर्थन मूल्य पर 25 प्रतिशत बाजरा खरीदा है। अब बाजरा की सरकारी खरीद बंद हो चुकी है और इसी के साथ ही किसान हताश हो गए हैं। किसानों का कहना है कि बाजरे की सरकारी खरीद नहीं होने से हम हताश है। हमें मजबूरन बाजार में औने-पौने दामों पर बाजरा बेचना पड़ रहा है। 

एमएसपी से बहुत कम है बाजरे का बाजार मूल्य

खरीफ विपणन वर्ष 2021 के लिए बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। जबकि हरियाणा बाजार में किसानों को बाजरे का भाव 1400-1600 रुपए प्रति क्विंटल का भाव मिल रहा है। जो न्यूनतम समर्थन मूल्य से बहुत कम है। इस कीमत पर बाजरा बेचने पर किसानों की लागत भी नहीं निकल पा रही है।

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