Published - 29 Oct 2020 by Tractor Junction
भारत में पहला एक मात्र राज्य केरल है जिसने केंद्र सरकार की ओर से हर वर्ष जारी किए जाने वाले प्रमुख अनाज व तिलहन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की तर्ज पर सब्जियों का न्यूनतम आधार मूल्य तय करने की पहल की है। इसके पीछे कारण यह है कि राज्य सरकार चाहती है कि सब्जियों का न्यूनतम आधार मूल्य तय हो ताकि सब्जियों की खेती करने वाले किसान को कम दाम पर अपनी उपज नहीं बेचनी पड़े। यह एक तरीका निकाला गया है किसान की आय बढ़ाने का। केरल राज्य ने इसकी शुरुआत भी कर दी है।
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जानकारी के अनुसार केरल राज्य सरकार ने 16 सब्जियों का आधार मूल्य तय किया है। इसके अनुसार उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक पर इन सब्जियों का विक्रय होगा ताकि किसान को लागत निकलने के साथ ही मुनाफा हो सके। मीडिया में प्रकाशित जानकारी के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बताया कि यह योजना एक नवंबर से प्रभावी होगी। योजना की ऑनलाइन शुरुआत करते हुए, उन्होंने कहा कि यह पहला मौका है जब केरल में उत्पादित 16 किस्मों की सब्जियों के लिए आधार कीमत तय की गई है। उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य द्वारा यह पहली ऐसी पहल है, जो किसानों को राहत और सहायता प्रदान करेगी। एक सरकारी विज्ञप्ति में मुख्यमंत्री के हवाले से कहा गया है कि सब्जियों का आधार मूल्य, उनकी उत्पादन लागत से 20 प्रतिशत अधिक होगा। यहां तक कि अगर बाजार मूल्य इससे नीचे चला जाता है, तो किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर खरीदा जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सब्जियों को गुणवत्ता के अनुसार वर्गीकृत किया जाएगा और आधार मूल्य उसी के हिसाब से तय किया जाएगा। उन्होंने कहा कि देश भर के किसान संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन पिछले साढ़े चार साल से हमने उनका समर्थन किया है। सरकार ने राज्य में कृषि को विकसित करने के लिए कई लक्षित पहल की हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि केरल में पिछले साढ़े चार साल में सब्जी उत्पादन दुगुना हो गया है। इस दौरान सब्जियों का उत्पादन सात लाख टन से बढक़र 14.72 लाख टन हो गया है।
केरल सरकार ने कुल 21 खाने-पीने की चीजों के लिए एमएसपी तय किए हैं। राज्य में तापियोका का एमएसपी 12 रुपए प्रति किग्रा तय किया गया है। वहीं, केला 30 रुपए, अन्नास 15 रुपए प्रति किग्रा और टमाटर का एमएसपी 8 रुपए प्रति किग्रा तय किया गया है। किसानों की लागत खर्च से 20 फीसदी ऊपर दर पर एमएसपी तय की गई है। इसी प्रकार अन्य सब्जियों व फलों के एमएसपी तय किए जा रहे हैं। सब्जियों के यह एमएसपी 1 नवंबर से राज्य में लागू होंगे। इस योजना के तहत केरल सरकार 1000 स्टोर भी खोलेगी।
केरल के मुख्यमंत्री पी. विजयन द्वारा मीडिया को बताए गए अनुसार यह योजना किसानों को आर्थिक तौर पर और ज्यादा मजबूत बनाएगी। सब्जियों का आधार मूल्य उनकी उत्पादन लागत से 20 फीसदी अधिक रखा जाएगा। यदि बाजार मूल्य इससे नीचे चला भी जाता है, तो चिंता की बता नहीं है। किसानों से उनकी उपज को आधार मूल्य पर ही खरीदा जाएगा। हालांकि सब्जियों को क्वालिटी के अनुसार बांटा जाएगा और आधार मूल्य उसी हिसाब से लगाया जाएगा। वहीं केरल के कृषि विशेषज्ञ जी. जनार्दन कहते हैं कि न्यूनतम मूल्य तय होने से किसान फल-सब्जियां उगाने के लिए प्रेरित होंगे। उन्हें यह भरोसा मिलेगा कि वे अपनी उपज का एक निश्चित मूल्य हासिल करेंगे। उनकी आमदनी बढ़ेगी जिससे वे इनके भंडारण पर भी ज्यादा रकम खर्चा कर पाएंगे।
केरल राज्य की देखादेखी अब झारखंड भी नाराज किसानों के हित में यही सिस्टम अपने लागू करने जा रहा है। इसको लेकर सरकार में मंथन किया जा रहा है। मीडिया में प्रकाशित जानकारी के मुताबिक, किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य दिलाने और उन्हें बिचौलियों से मुक्त कराने के लिए झारखंड सरकार भी सब्जियों का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने जा रही है। इसके लिए केरल, कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के ड्राफ्ट का अध्ययन कर रिपोर्ट मंगवाई गई है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही सब्जियों की एमएसपी तय की जाएगी। झारखंड के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबु बकर सिद्दीक के मुताबिक, झारखंड सरकार सब्जियों की एमएसपी तय करने को लेकर गंभीर है, ताकि किसानों को औने-पौने दामों में अपनी फसल को न बेचना पड़े। उन्होंने माना कि सब्जियों के लिए एमएसपी सिस्टम लागू करने से पहले उन्हें बहुत तैयारी करनी होगी और सब्जियों के रखरखाव के लिए बड़े पैमाने पर कोल्ड स्टोरेज की भी व्यवस्था करनी होगी।
कर्नाटक सरकार भी ऐसी मांग पर विचार कर रही है। वहीं, पंजाब में किसान ऐसी मांग कर रहे है। महाराष्ट्र में अंगूर, टमाटर, प्याज जैसी फसलों के किसान भी एमएसपी की मांग कर रहे हैं। पंजाब के किसान संगठनों ने हाल में राज्य सरकार से सब्जियों और फलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने की मांग की है। इन सबसे ऊपर केरल राज्य सब्जियों के लिए न्यूनतम मूल्य तय करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
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