Published - 20 Nov 2020 by Tractor Junction
हरियाणा के गुरुग्राम में रहने वाले एक किसान ने अपने घर से ही मिलिट्री मशरूम की खेती कर लाखों की कमाई कर ये साबित कर दिया कि खेती के लिए जरूरी नहीं की आपके पास कई बीघा खेत हो। आप घर पर भी ऐसी कई प्रकार की चीजें हैं जिनका उत्पादन करके रुपया कमा सकते हैं। जी हां, ऐसा ही कुछ कर दिखाया है हरियाणा के गुरुग्राम जिला के जमालपुर में रहने वाले विनोद यादव ने। इन्होंने अपने घर के एक 15 15 के कमरे को लैब में बदलकर मिलिट्री मशरूम की खेती का काम शुरू किया और देखते ही देखते वे इस काम में माहिर हो गए और आज मिलिट्री मशरूम की खेती कर के लाखों की कमाई कर रहे हैं। इनके मशरूम की खेती करने की शुरुआत की कहानी भी काफी दिलचस्प है।
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विनोद बताते हैं कि बदलते मौसम के कारण उन्हें एलर्जी की समस्या हो गई थी। इसी सिलसिले में विनोद के एक दोस्त ने उन्हें मिलिट्री मशरूम का सेवन करने की सलाह दी। दोस्त की सलाह पर विनोद ने मशरूम का सेवन शुरू किया। कुछ ही दिनों में इसके उन्हें आचश्र्चजनक और सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। इससे उत्साहित होकर विनोद ने मिलिट्री मशरूम की खेती करने का मन बना लिया और फिर क्या था। उन्होंने अपने घर से इस काम की शुरुआत की। उन्होंने घर के 15 15 के आकार के एक कमरे को लैब में तब्दील किया और करीब एक लाख रुपए की लागत से संसाधन को खरीद कर, इसकी खेती शुरू कर दी। इसके लिए उन्होंने इंटरनेट से मिलिट्री मशरूम की खेती का प्रशिक्षण लिया और मशरूम का उत्पादन शुरू किया। शुरुआत में विनोद सिर्फ आधा किलो मशरूम का ही उत्पादन कर पाते थे। लेकिन धीरे-धीरे इस काम में महारत हासिल होने पर आज वे डेढ़ से दो किलो मशरूम का उत्पादन करते हैं। बाजार में मिलिट्री मशरूम 2 से 3 लाख रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिकता है। इस तरह उन्हें मिलिट्री मशरूम की खेती से हर माह 70 से 80 हजार रुपए की इनकम होती है। सबसे खास बात यह है कि इस मशरूम को सुखा कर तीन से चार साल तक भी रखा जा सकता है। इसलिए भी इसकी खेती में नुकसान की संभावना कम है। मिलिट्री मशरूम की खेती काफी लाभप्रद है।
यह औषधीय रूप से काफी उपयोगी है। इस मशरूम का उपयोग सभी, अस्थमा, कैंसर, डायबिटीज जैसी लाइफ स्टाइल बीमारियों की दवाइयां बनाने में किया जाता है। इस मशरूम के सेवन से स्टैमिना और इम्युनिट भी अच्छी तरह से रहता है। इसलिए भी इस मशरूम की कीमत और मांग बढ़ गई है। यह मशरूम जिम जाने वाले युवाओं में काफी लोकप्रिय है क्योंकि इससे स्टैमिना भी बढ़ता है और इसके कोई साइड इफेक्ट्स भी नहीं हैं।
विनोद के अनुसार हर दिन करीब 1 ग्राम मिलिट्री मशरूम का सेवन करना ही पर्याप्त है। इसे हर दिन सुबह के समय खाना चाहिए। पर ध्यान रहे इसके सेवन से पहले इसे एक कप गर्म पानी में भिगोना चाहिए, ताकि यह पूरी तरह से स्वच्छ हो जाए। इसे शहद के साथ सेवन करना भी काफी लाभकारी होता है।
विनोद बताते हैं कि मिलिट्री मशरूम को उगाने के लिए ऑटो क्ले, लेमिनार फ्लो, रोटरी शैकर जैसे उपकरणों की आवश्यकता पड़ती है। जिसे मैंने स्थानीय बाजार से खरीदा। वहीं, मैंने इसके लिक्विड कल्चर मीडिया को उत्तरप्रदेश से मंगवाया। वह बताते हैं कि सबसे पहले प्लास्टिक या कांच के जार, ब्राउन राइस आदि को ऑटो क्ले में 122 डिग्री ताप बैक्टीरिया फ्री किया जाता है। इसके बाद आलू के पल्प को उबालकर इसे फिल्टर करने के बाद इसमें एस्ट्रोड, पैक्टॉन जैसे पोषक तत्व मिलाए जाते हैं। इसके बाद 40 मिलीलीटर ब्राउन राइस, 40 मिलीलीटर लिक्विड कल्चर डाला जाता है। इसकेे बाद, लैब में बॉक्स को सात दिनों के लिए पूरी तरह से अंधेरे में रखा जाता है। मिलिट्री मशरूम को तैयार होने में करीब 110 दिन लगते हैं। इस पूरी प्रक्रिया के दौरान कमरे का तापमान 18-22 डिग्री रहना चाहिए। उत्पाद तैयार होने के बाद इसे डिहाडड्रेटर में ड्राय किया जाता है। विनोद बताते हैं कि एक बोतल में करीब 5-7 ग्राम सूखा मशरूम तैयार होता है और सामान्य ताप पर इसे 3-4 वर्ष तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
विनोद कुमार बताते हैं कि मशरूम की खेती करने से पहले उन्होंने उत्पाद को बेचने का काम शुरू कर दिया था। गांव के जिम, अखाड़े, अस्पताल के लोगों से बात की और इस शोरूम के लाभ बताए। उसके बाद मांग के हिसाब से खेती की शुरुआत की। सबसे खास बात यह है कि इस शोरूम को सुखा कर तीन से चार साल तक भी रखा जा सकता है। इसलिए भी इस खेती में नुकसान की संभावना कम है।
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