Published - 31 Aug 2021 by Tractor Junction
केंद्र सरकार की ओर किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है जिनका लाभ देश के किसानों को मिल रहा है। ऐसी ही एक योजना केंद्र सरकार की ओर से किसानों को सस्ती दर पर खाद उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इसकी शुुरुआत मध्यप्रदेश से की जा रही है। समाचार पत्रों व मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार और पीएम नरेंद्र मोदी की मंशा के मुताबिक मध्यप्रदेश में ई वाउचर का इस्तेमाल सबसे पहले किसानों के लिए शुरू किया जाएगा। शुरुआत में ये ई वाउचर किसानों को खाद की खरीदी के लिए दिए जाएंगे। योजना सफल रही तो दूसरी वस्तुओं की खरीद के लिए भी इनका इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार ने प्रस्ताव तैयार किया है। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सहकारिता और कृषि विभाग को निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही सरकार किसानों को सब्सिडी की राशि के डिजिटल वाउचर उपलब्ध कराएगी। खास बात ये है कि ये वाउचर किसानों को फसल का सीजन शुरू होने पहले उपलब्ध कराएगी।
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क्या है ई-वाउचर
किसानों को सीधा पहुंचाने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश सरकार की ओर से किसानों को ई-वाउचर दिए जाएंगे जिससे वे सहकारी समिति के द्वारा संचालित खाद की दुकानों से खाद खरीद सकेंगे। केंद्र सरकार की मोदी सरकार प्रयोग के तौर पर पहले इस योजना को मध्यप्रदेश में शुरू करने जा रही है। सफल रहने पर इसे अन्य प्रदेशों में भी लागू किया जा सकता है। ई-वाउचर से किसानों को फायदा होगा। वहीं दूसरी ओर खाद की कालाबाजारी पर भी रोक लग सकेगी।
वास्तविक किसानों की हो सकेगी पहचान
ई-वाउचर के प्रचलन के माध्यम से वास्तविक किसान की पहचान करना आसान हो जाएगा। वाउचर के इस्तेमाल से सरकार को भी ये पता चलेगा कि जो किसान खाद खरीद रहा है, वो वास्तविकता में किसान ही है या उसकी जगह कोई अन्य तो इसकी खरीद तो नहीं कर रहा है। इससे समितियों का लेखा जोखा भी सरकार की निगरानी में रहेगा। वहीं दूसरी ओर से खाद की कालाबाजारी रोकने और असली किसान को सब्सिडी का लाभ दिलाने के संदर्भ में आने वाले दिनों में ये योजना कारगर साबित हो सकती है।
जानकारी के मुताबिक किसान को ई वाउचर उसके मोबाइल पर उपलब्ध कराया जाएगा। जब किसान खाद खरीदने जाएगा तो ये वाउचर स्कैन करने के बाद ही उसे खाद मिल सकेगी। वाउचर स्कैन करते ही ये जानकारी सामने आ जाएगी कि किसान को कितनी खाद दी जा सकती है। ये वाउचर कोई हितग्राही किसी दूसरे को ट्रांसफर नहीं कर सकेगा।
अक्सर खबरे आती है कि सहकारी संघ के दुकानदार खाद वितरण में गड़बडिय़ां कर देते हैं जिससे सस्ती दर पर किसानों को खाद नहीं मिल पाता है और किसान आए दिन इस बात की शिकायत करते रहते हैं। इसे ध्यान मेें रखते हुए सरकार की ओर से यह पहल की गई है ताकि खाद वितरण में सालों से हो रही गड़बडिय़ों को रोका जा सके।
कृषि विभाग द्वारा मध्यप्रदेश राज्य में रासायनिक उर्वरकों, बीज एवं कीटनाशक रसायन की गुणवत्ता पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। कृषि विभाग के जिला स्तरीय अधिकारी अपने-अपने इलाकों में लगातार दबिश देकर बीज, खाद और कीटनाशक औषधियों के सेम्पल ले रहे हैं, जिसकी जांच गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला में की जा रही है। खरीफ सीजन 2021 में 28 अगस्त 2021 की स्थिति में राज्य में बीज के 39 नमूने तथा रासायनिक उर्वरक के 87 नमूने अमानक पाए गए हैं, जिनके लाट के विक्रय पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाने के साथ ही संबंधित फर्मों को कृषि विभाग ने नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया गया है। कीटनाशक औषधि का भी 67 विश्लेषित नमूनों में से एक नमूना अमानक पाया गया है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ सीजन 2021 में बीज के अब तक 2234 नमूने लिए गए हैं, सभी नमूनों का विश्लेषण किया जा चुका है। उक्त नमूनों में 2195 नमूने मानक स्तर के तथा 39 नमूने अमानक पाए गए है। इसी तरह रासायनिक उर्वरकों की गुणवत्ता की जांच-पड़ताल के लिए कृषि विभाग के उर्वरक निरीक्षकों द्वारा 2211 नमूने विभिन्न संस्थानों से लिए गए हैं। जिसमें से 1977 नमूनों की जांच की जा चुकी है। 234 नमूनों की जांच जारी है।
रासायनिक उर्वरकों के विश्लेषित सैम्पल में से 1890 मानक स्तर के तथा 87 अमानक पाए गए हैं। अमानक बीज एवं खाद के लाट के विक्रय को विभाग द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के साथ संबंधित संस्थाओं को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। कृषि विभाग की टीम कीटनाशक औषधियों के गुणवत्ता की भी जांच कर रही है। जांच पड़ताल टीम ने अब तक कुल 163 सेम्पल विभिन्न फर्मों से लिए गए हैं, जिसमें से 67 नमूनों का विश्लेषण करने पर 66 सैम्पल मानक स्तर के तथा एक सैम्पल अमानक पाया गया।
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