Published - 18 Nov 2021 by Tractor Junction
रबी की बुवाई का सीजन चल रहा है और किसानों को डीएपी सहित अन्य उर्वरकों की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार इस बार किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इधर सरकार कह रही है कि डीएपी की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। हालत ये हो गए हैं कि जैसे ही डीएपी का वितरण होता है वहीं रात में ही किसानों की लंबी-लंबी कतारे लग जाती है। इसके बाद भी अधिकांश किसानों को डीएपी नहीं मिल पा रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए सरकार की ओर नंबर जारी किए गए हैं। किसान भाई डीएपी सहित अन्य उर्वरकों की समस्या होने पर इसकी शिकायत इस नंबर पर कॉल करके कर सकते हैं।
इस समय देश के विभिन्न राज्यों में उर्वरकों की काफी कमी देखी जा रही है। जिसके कारण किसानों काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उर्वरक की कमी के कारण रबी फसल की बुवाई में देरी हो रही है। ऐसे में उर्वरकों की कालाबाजारी कर किसानों को अधिक दामों पर उर्वरक बेचा जा रहा है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार उत्तरप्रदेश फर्रुखाबाद के कायमगंज मेें डीएपी खाद की किल्लत के बीच आलू तंबाकू की बोवाई को जरूरत में खाद पाने के लिए किसान रात में ही इफको केंद्र के बाहर लाइन में लग जाते हैं। फिर भी बड़ी मशक्कत के बाद किसानों को खाद नहीं मिल पा रही है।
मौसम असंतुलन से बेमौसम वर्षा व तराई क्षेत्र के खेतों में बाढ़ का पानी भरने से किसानों को आलू व तंबाकू की दोबारा बोआई करनी पड़ रही है। जिसके लिए डीएपी खाद जरूरी है। बता दें कि इफको केंद्र पर डीएपी वितरण के दौरान भीड़ उमड़ रही है। यहां 12 नवंबर को खाद आने के बाद लगातार वितरण चल रहा है, लेकिन किसानों की भीड़ कम नहीं हो रही। यहां डीएपी लेने आए किसानों ने बताया कि खाद की किल्लत के कारण रात के तीन-चार बजे ही लोग लाइन में लग जाते हैं, जिससे कहीं अपना नंबर आने तक खाद समाप्त न हो जाए।
इधर इफको केंद्र के प्रभारी रोहित सोलंकी ने मीडिया को बताया कि 12 नवंबर के बाद 1800 बोरी डीएपी आई, जिसे उसी दिन से वितरण किया जा रहा है। अब तक करीब 1300 बोरी का वितरण हो चुका है। किसानों की भारी भीड़ को देखते हुए प्रति एकड़ दो बोरी के हिसाब से डीएपी दी जा रही है।
किसानों को उर्वरकों की किल्लत नहीं हो, इसके लिए हाल ही में उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने राज्य में उपलब्ध उर्वरक तथा किसानों के बीच इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठक की है। किसानों को समय से उर्वरक मिल सके तथा उर्वरक की उपलब्धता को लेकर निर्देश भी जारी किया है। किसानों की उर्वरक से सम्बन्धित समस्याओं को सुनने और उनके निस्तारण के लिए सहकारी क्षेत्र में कृषि निदेशालय के साथ प्रत्येक जनपद में एक-एक कन्ट्रोल-रूम स्थापित कर उनके दूरभाष जारी करने के आदेश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री ने डी.ए.पी., एन.पी.के. एवं एस.एस.पी. की आपूर्ति तथा उपलब्धता की जानकारी जारी की है। उन्होंने कहा है कि अक्टूबर 2020 में 4.02 लाख मी.टन के सापेक्ष अक्टूबर 2021 में 4.10 लाख मी. टन डी.ए.पी. की बिक्री हुई है। इसी प्रकार नवंबर 2020 में 6.06 लाख मी. टन की बिक्री के सापेक्ष माह नवंबर में दिनांक 15 नवंबर 2021 तक 2.84 लाख मी. टन की बिक्री हो चुकी है। प्रदेश में 15 नवंबर 2021 तक 3.79 लाख मी. टन फास्फेट उर्वरक (डी.ए.पी. + एन.पी.के.) तथा 63 हजार मी.टन सिंगल सुपर फास्फेट उर्वरक उपलब्ध है।
उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री समीक्षा बैठक के बाद बताया कि प्रदेश के सहकारी समितियों में 89 हजार मी. टन डी.ए.पी. स्टाक उपलब्ध है। माह नवंबर में 1 से 15 नवंबर 2021 के मध्य 131 फास्फेट उर्वरकों की रैक्स डिस्पेच हुई। इसमें से 71 रैक्स जनपदों में पहुंच चुकी है तथा 60 रैक्स आगामी 02 दिन में जिलों को उपलब्ध करा दी जाएगी। इसके अलावा केंद्र सरकार के द्वारा 30 नवंबर 2021 तक 3.00 लाख मी.टन फास्फेटिक उर्वरकों की आपूर्ति प्रदेश हेतु की जाएगी।
राज्य के कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने निर्देश दिए हैं कि किसानों की उर्वरक से संबंधित समस्याओं को सुनने और उनके निस्तारण के लिए सहकारी क्षेत्र में पी.सी.एफ. तथा कृषि निदेशालय के साथ प्रत्येक जनपद में एक-एक कंट्रोल-रूम स्थापित कर उनके दूरभाष नंबर दैनिक समाचार-पत्रों में प्रकाशित कराएं जाएं।
कृषि निदेशालय संख्या- 0522-2204531 एवं 7839883070 है। इसके अलावा समस्त उर्वरक बिक्री केंद्रों में नोटिस बोर्ड लगाया जाएगा। जिसमें उर्वरकों की उपलब्धता स्टाक की मात्रा एवं विक्रय मूल्य/दर का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा।
मीडिया में प्रकाशित खबरों से मिली जानकारी के अनुसार फर्रुखाबाद में खाद की कालाबाजारी के प्रति कृषि विभाग कितना संवेदनशील है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मात्र कंट्रोल-रूम में टेलीफोन पर दर्ज कराई गई एक शिकायत पर ही उर्वरक विक्रेता का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया।
जिला कृषि अधिकारी डा. आरके सिंह ने बताया कि विकास खंड राजेपुर के गांव गांधी स्थित जय भोले खाद भंडार पर डीएपी निर्धारित से अधिक मूल्य पर बेचे जाने की शिकायत ग्रामीणों द्वारा कंट्रोल-रूम में दर्ज कराई गई। यह व्यवहार उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के प्रस्तर 3 का उल्लंघन है। इसी क्रम में लाइसेंसी का उर्वरक बिक्री लाइसेंस संख्या 94833 को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। आदेश निर्गत होने की तिथि से उर्वरक व्यापार पर प्रतिबंध भी लगा दिया गया है। लाइसेंसी को निर्देशित किया गया है कि वह इस के संबंध में 20 नवंबर तक अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें। साथ ही फर्म के अभिलेख जांच के लिए उनके समक्ष प्रस्तुत करें।
किसानों के लिए यूरिया और डीएपी की जरूरत को देखते हुए केंद्र सरकार ने यूरिया और डीएपी रेट को नियंत्रित करने के लिए इस पर सब्सिडी गई है। जिससे किसानों को पुरानी रेट पर ही यूरिया और डीएपी उपलब्ध कराया जा रहा है। यूरिया और डीएपी के ताजा रेट इस प्रकार से हैं-
उर्वरक | वास्तविक कीमत | सरकारी सब्सिडी | सब्सिडी के बाद कीमत |
यूरिया | 2265 | 2000 | 265 |
डीएपी | 2850 | 1650 | 1200 |
बता दें कि किसानों के लिए 45 किलो की यूरिया की प्रति बोरी 265 रुपए है। जबकि 50 किलो की डाय आमोनियम फास्फेट की कीमत 1200 रुपए प्रति बोरी है।
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