Published - 28 Jun 2021
कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण ग्रामीण भारत में बड़ी संख्या में किसान प्रभावित हुए हैं। इनमें डेयरी, बागवानी, मत्स्य व कृषि वानिकी से जुड़े किसान शामिल है। लॉकडाउन प्रतिबंधों के कारण व्यवसाय बंद रहने, शादी-समारोह पर प्रतिबंध, होटल व रेस्टोरेंट पर कम कामकाज से दूध, दही, घी, पनीर जैसे डेयरी-आधारित उत्पादों की बिक्री में भी काफी कमी आई है और किसानों की आय कम हुई है। डेयरी किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने राज्य के डेयरी किसानों के लिए कोरोना सहायता पैकेज की घोषणा की है। इस योजना का लाभ राज्य के 1 लाख 20 हजार किसानों को मिलेगा।
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ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने डेयरी किसानों के लिए पिछले दिनों राहत पैकेज की घोषण की थी। इस कोविड सहायता पैकेज के तहत राज्य के सबसे बड़े दूध खरीद समूह, ओडिशा राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ के साथ पंजीकृत 1 लाख 20 हजार डेयरी किसानों को 11 करोड़ रुपए की सहायता की जाएगी। यह पहल प्रत्येक किसान को चारा खरीदने के लिए अधिकतम 6 हजार रुपए प्रदान करेगी।
डेयरी किसानों के लिए इस योजना को शुरू करने के पीछे मुख्यमंत्री नवीन पटनायक का तर्क है कि कोविड-19 की पहली लहर में कृषि और उससे बड़े उद्योग कम प्रभावित हुए थे। कोरोना की पहली लहर से ग्रामीण भारत में लोग ज्यादा प्रभावित नहीं हुए थे। भारतीय अर्थव्यवस्था को कृषि व उससे जुड़े उद्योगों ने बड़ा सहारा दिया था। लेकिन अब दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था का हर दूसरा क्षेत्र अस्त-व्यस्त है। कोविड -19 की दूसरी लहर के बीच राज्यव्यापी लॉकडाउन के दौरान डेयरी किसान बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जब दूध उत्पादकों और अन्य सहकारी संघों के राज्य के शीर्ष संगठन ओएमएफईडी ने कम मांग के कारण प्रतिदिन दूध की खरीद को लगभग 5.45 लाख लीटर से घटाकर 2 लाख से 3.75 लाख लीटर कर दिया है।
डेयरी किसानों का कहना है कि लॉकडाउन प्रतिबंधों के चलते काम-धंधे बंद रहने से पनीर, घी, दूध और दही जैसे डेयरी-आधारित उत्पादों की बिक्री में भी काफी कमी आई है। डेयरी उद्योग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में विशेष रूप से छोटे और सीमांत किसानों के लिए महत्वपूर्ण योगदान देता है। कोविड महामारी के कारण दूध और डेयरी उत्पादों की मांग में उल्लेखनीय गिरावट आई है, जिसका डेयरी किसानों की आजीविका पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है।
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक कोविड-19 की दूसरी लहर में जून माह की 17 तारीख को भूमिहीन किसानों, निर्माण श्रमिकों, शहरी गरीबों, खाद्य सुरक्षा लाभार्थियों, मनरेगा श्रमिकों और जनजाति समाज की मदद के लिए 1690 करोड़ रुपए का कोविड-19 पैकेज लांच कर चुके हैं। इस पैकेज के तहत, राज्य के सभी 17.89 लाख भूमिहीन किसानों को 1,000 रुपये की विशेष सहायता मिलेगी, जबकि 207 करोड़ रुपये उन भूमिहीन किसानों को दिए जाएंगे जिन्हें आजीविका और आय वृद्धि के लिए कृषक सहायता (कालिया) योजना के तहत अपनी तीसरी किस्त नहीं मिली है। सीएम ने कार्यक्रम की घोषणा करते हुए कहा कि जहां कोविड-19 महामारी ने समाज के कई हिस्सों की वित्तीय स्थिति को प्रभावित किया है, वहीं सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचितों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है।
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