Published - 11 May 2021 by Tractor Junction
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने देश को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता बनाने के उद्देश्य से, खरीफ 2021 सत्र में कार्यान्वयन के लिए एक विशेष खरीफ रणनीति तैयार की है। राज्य सरकारों के साथ परामर्श के बाद अरहर, मूंग और उड़द की बुआई के लिए रकबा बढ़ाने और उत्पादकता बढ़ाने दोनों के लिए के लिए विस्तृत योजना तैयार की गई है। जिसके तहत किसानों को दलहन फसलों के प्रमाणित बीज नि:शुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे। बता दें कि भारत विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है। शाखाहारी खाने में दाल सबसे अधिक प्रोटीन दायक होती है। तूर, उड़द, मूंग, मसूर, मटर, चना भारत की मुख्य फसलें हैं। दहलनी फसलों का उत्पादन करने वाले राज्यों में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक प्रमुख रूप से शामिल हैं।
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बीज रणनीति के तहत, सभी उच्च उपज वाली किस्मों (एचवाईवीएस) के बीजों का उपयोग करना शामिल किया गया है। केंद्रीय बीज एजेंसियों या राज्यों में उपलब्ध यह उच्च उपज की किस्म वाले बीज, एक से अधिक फसल और एकल फसल के माध्यम से बुआई का रकबा बढ़ाने वाले क्षेत्र में नि: शुल्क वितरित किए जाएंगे। सरकार की ओर से आने वाले खरीफ सत्र 2021 के लिए 20,27,318 (वर्ष 2020-21की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक मिनी बीज किट) वितरित करने का प्रस्ताव रखा गया है।
सरकार की ओर से निशुल्क बीज वितरण कार्यक्रम के क्रियान्वयन में करीब 82.01 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। सरकार की ओर से जो बीज वितरित किया जाएगा उसका मूल्य 82.01 करोड़ रुपए आंका गया है। अरहर, मूंग और उड़द के उत्पादन और उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इन मिनी किट्स की कुल लागत केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी।
पिछले 15 वर्षों सरकार की ओर सेअरहर के एचवाईवीएस बीज की 13,51,710 मिनी किड्स पिछले दस वर्षों के दौरान वितरित की गई, जिनकी एक से अधिक के लिए उत्पादकता 15 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से कम नहीं है। वहीं मूंग की 4,73,295 मिनी किट्स, पिछले दस वर्षों के दौरान मूंग के एचवाईवीएस प्रमाणित बीजों की मात्रा जारी की गई है, लेकिन एक से अधिक फसल के लिए उनकी उत्पादकता 10 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से कम नहीं है। इसी प्रकार उड़द के प्रमाणित बीजों वाले उड़द के 1,08,508 मिनी किट्स पिछले 15 वर्षों के दौरान जारी की गई है और केवल एक फसल के लिए उनकी उत्पादकता 10 क्विंटल प्रति हैक्टेयर से कम नहीं है।
इस योजना के अंतर्गत, केन्द्रीय एजेंसियां / राज्य एजेंसियों द्वारा आपूर्ति की गई मिनी किट 15 जून 2021 तक जिला स्तर पर अनुमोदित केंद्र तक पहुंचाई जाएंगी, जिसकी कुल लागत 82.01 करोड़ रुपए केंद्र सरकार द्वारा वहन की जाएगी, जिससे किसानों को यह किट्स नि:शुल्क मिल सके।
देश में दालों की मांग को पूरा करने के लिए भारत अब भी 4 लाख टन अरहर, 0.6 लाख टन मूंग र लगभग 3 लाख टन उड़द का आयात कर रहा है। विशेष कार्यक्रम तीन दालों, अरहर, मूंग और उड़द का उत्पादन औसत उत्पादकता को काफी हद तक बढ़ा देगा और आयात के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और भारत को दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगा।
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