Published - 15 May 2020
जहां एक ओर लॉकडाउन के कारण देश में कई मजदूरों का रोजगार छिन गया है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश में गन्ना छिलाई में प्रतिदिन 10 लाख मजदूरों को रोजगार उपलब्ध हो रहा है। यह सब संभव हुआ लॉकडाउन में भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चीनी मिलों को बंद नहीं करने से। इससे लॉकडाउन के दौरान भी यहां की 119 चीनी मिलों में निरंतर गन्ने की पेराई का कार्य जारी रहा। सीतापुर जिले में तो अभी भी गन्ने की पेराई का कार्य चल रहा है। इससे न केवल चीनी के उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है बल्कि मजदूरों को भी रोजगार मिल सका और किसानों को भी राहत मिली। प्रमुख सचिव गन्ना विकास विभाग संजय आर भूसरेड्डी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान जहां विभिन्न उद्योगों में बेरोजगारी की समस्या थी वहीं चीनी उद्योग द्वारा 72,424 कार्यरत मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके अलावा गन्ना छिलाई में 10 लाख मजदूरों को प्रतिदिन रोजगार मिल रहा है।
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राज्य में अब तक 105 करोड़ 65 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जा चुकी है जबकि पिछले सत्र में 100 करोड़ 29 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की गई थी। यानि इस बार 5 करोड़ क्विंटल गन्ने की पेराई ज्यादा हुई है।
बात करें सीतापुर जिले की बिसवां चीनी मिल की तो यहां 125.66 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जा चुकी है। अब तक बिसवां चीनी मिल में 1,45,8550 क्विंटल चीनी का उत्पादन हो चुका है। यहां करीब 852 कर्मचारी काम कर रहे हैं। जिला गन्ना अधिकारी के अनुसार बिसवां चीनी मिल द्वारा 8 मई तक 2,68,38.06 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा सूझबूझ से लिए गए निर्णय के परिणामस्वरूप इस बार भी उत्तर प्रदेश अधिकतम चीनी उत्पादन में सफल रहा और लॉकडाउन के दौरान चीनी का उत्पादन अधिक कर यह देश का पहला राज्य बन गया है। सरकार की सराहना करते हुए बिसवां चीनी मिल में अपना गन्ना देने आए गन्ना किसान रमेश चंद्र दीक्षित ने कहा कि अगर ये चीनी मिल बंद हो गई होती तो हमारी फसल के साथ-साथ हम भी बर्बाद हो गए होते। गन्ना किसान अमर सिंह ने कहा कि कोरोना संकट काल के दौरान भी चीनी मिल में उनका गन्ना बिना किसी रुकावट के लिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान 119 चीनी मिलों का संचालन एक बड़ी चुनौती थी, इसके बावजूद यहां की चीनी मिलो का संचालन निरंतर जारी रखा गया जिससे गन्ना मिलो में काम करने वाले मजदूरों सहित किसानों को राहत पहुंची।
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