Published - 06 Oct 2020
किसानों की ओर से नए कृषि कानून के विरोध के बीच शुरू की गई धान की समर्थन मूल्य पर खरीद जोरो पर चल रही है। पिछले 8 दिनों में केद्र सरकार ने करीब 5.73 लाख टन धान की खरीद की है। इससे किसानों के जेब में करीब 1,082.46 करोड़ रुपए पहुंचे हैं। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार अब तक केंद्र सरकार की ओर से 6 लाख टन धान की खरीद की जा चुकी है। केंद्र के अनुसार पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख राज्यों से पिछले आठ दिनों में 1,082.46 करोड़ रुपए का लगभग 5.73 लाख टन धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है।
सरकार ने बताया है कि 41,084 किसानों से एमएसपी पर 1,082.46 करोड़ रुपये का धान खरीदा गया है। पंजाब और हरियाणा में 26 सितंबर से धान की खरीद शुरू हुई, जबकि अन्य राज्यों में यह 28 सितंबर से शुरू हुई। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, 3 अक्टूबर तक धान की कुल खरीद 5,73,339 टन रही है। बता दें कि सरकार ने चालू वर्ष के लिए धान का एमएसपी (सामान्य ग्रेड) 1,868 रुपए प्रति क्विंटल और ए ग्रेड किस्म का धान का एमएसपी 1,888 रुपए प्रति क्विंटल तय किया हुआ है। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इस खरीफ सत्र (2020-21) में समर्थन मूल्य के अनुसार 495 लाख टन (49.5 मिलियन टन) धान खरीद का लक्ष्य रखा है। पिछले साल सरकार ने लगभग 420 लाख टन धान की खरीद की थी जिसको इस साल बढ़ाकर 495 लाख टन खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
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वैसे राज्य सरकार ने अधिकारियों ने ऐसी तैयारी की है कि किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है। इसके लिए हरियाणा में इस बार धान की खरीद के लिए 200 अतिरिक्त केंद्र बनाए जा रहे हैं। इसी के साथ राज्य में कुल 400 धान खरीद केंद्र हो जाएंगे। ये खरीद केंद्र उन 8 जिलों में बनाए जा रहे हैं जिनमें धान की पैदावार अधिक होती है। इसी के साथ हरियाणा में खरीद के लिए मेरा पोर्टल मेरा ब्योरा के तहत पंजीकृत किसानों को प्राथमिकता दी जा रही है। इधर पंजाब में धान की खरीद के लिए बनाए गए खरीद केंद्रों पर किसानों की आवाजाही बनी हुई है। हालांकि पंजाब में कृषि कानून विरोध के जारी रहने से इस बार यहां की मंडियों में किसानों की आवाजाही में कमी आई है।
मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार छत्तीसगढ़ में धान की खरीद शुरू करने को लेकर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों के हित में फैसला लेते हुए 60 लाख मीट्रिक टन धान लेने का फैसला किया है। इस हिसाब से प्रदेश को 90 लाख मीट्रिक टन धान की आवश्कता पड़ेगी। हमारी मांग है कि प्रदेश सरकार भी किसानों के हित में फैसला लेते हुए अब प्रति एकड़ 15 क्विंटल के स्थान पर 20 क्विंटल धान की खरीद करें। साथ ही धान की खरीद एक नबंवर से शुरू की जानी चाहिए। बता दें कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है और अभी यहां धान की खरीद को लेकर तारीख तय की जानी है।
जानकारी के अनुसार कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया सीसीआई ने 40.80 लाख रुपए में एमएसपी पर 147 गांठ खरीदी है। कपास की एक गांठ 170 किलोग्राम की होती है। पिछले साल भारतीय कपास निगम यानी कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा हरियाणा के किसानों से सीधे 30 लाख क्विंटल कपास की खरीद की गई थी। बता दें कि इस साल खरीफ सीजन की कपास के लिए केंद्र सरकार ने 5515 और 5825 रुपए प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया गया है। मीडियम स्टेपल कपास का एमएसपी 5515 रुपए/क्विंटल और स्टेपल कपास का एमएसपी 5825 रुपए/ क्विंटल है। पिछले साल यह मूल्य 5,150 और 5,450 रुपए था।
हरियाणा सरकार ने इस वर्ष 2020-2021 में कपास की खरीद को और बढ़ाने का लक्ष्य निधारित किया है। कपास की खरीद के लिए पिछले साल हरियाणा में 20 कपास खरीद केंद्र थे, जिसे इस साल बढ़ाकर 40 कर दिया गया है। कपास को लेकर सरकार ने पहले ही साफ कर दिया है कि कपास की खरीद के दौरान 12 फीसदी तक नमी के पहले से ही तय मानक का पालन किया जाएगा और इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।
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