प्रकाशित - 15 Sep 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान (paddy) है। देश के कई राज्यों में धान की खेती (Paddy farming) की जाती है। हर साल लाखों मीट्रिक टन धान की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर होती है। धान की एमएसपी (MSP of paddy) को लेकर किसान कई बार सरकार से एमएसपी (MSP) बढ़ाने की मांग कर चुके हैं। ऐसे में धान की एमएसपी में बढ़ोतरी की गई है। यह बढ़ोतरी नई धान खरीद नीति के तहत की गई है। हाल ही राज्य सरकार की कैबिनेट की बैठक में धान खरीद नीति (paddy purchase policy) को मंजूरी दी गई है। साथ ही धान की एमएसपी में 143 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। धान खरीद की नई नीति की मंजूरी के बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price) अब बढ़कर 2183 रुपए हो गया है और ग्रेड-ए धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसमें 143 रुपए प्रति क्विंटल 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। बता दें कि इससे पहले धान का एमएसपी 2040 रुपए था जो अब 2183 रुपए हो गया है।
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक धान खरीद नीति के तहत प्रदेश में खाद्य विभाग और भारतीय खाद्य नगम सहित कुल छह खरीद एजेंसियों और 4,000 खरीद केंद्रों के माध्यम से धान की खरीद की जाएगी। इस बार यूपी में 70 लाख टन धान खरीद का स्थाई लक्ष्य रखा गया है। सभी क्रय एजेंसियों की ओर से धान खरीद का भुगतान केंद्र सरकार के पीएफएमएस पोर्टल (PFMS Portal) के माध्यम से 48 घंटे के भीतर किया जाएगा।
खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में हरदोई, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, बरेली, मुरादाबाद, मेरठ, सहारनपुर, आगरा, अलीगढ़ और झांसी में 1 अक्टूबर 2023 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक धान की एमएसपी पर सरकारी खरीद की जाएगी।
वहीं लखनऊ, रायबरेली, उन्नाव, चित्रकूट, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन, बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर एवं प्रयागराज में 1 नवंबर 2023 से 29 फरवरी 2024 तक धान की खरीदी होगी।
उत्तर प्रदेश में करीब 4,000 खरीद केंद्रों पर धान की खरीद की जाएगी। इसमें खाद्य विभाग की विपणन शाखा द्वारा 1350, उत्तर प्रदेश सहकारी संघ (पीसीएफ) द्वारा 1600, उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव यूनियन लिमिटेड (पीसीयू) द्वारा 550, उप्र उपभोक्ता सहाकारी संघ (यूपीएसएस) द्वारा 200, उत्तर प्रदेश राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा 100 और भारतीय खाद्य निगम द्वारा 200 खरीद केंद्र स्थापित किए जाएंगे जहां किसानों से धान की खरीद होगी। नई धान नीति के तहत धान विक्रय से पहले किसान के पंजीकरण और सभी खरीद एजेंसियों पर ऑनलाइन धान खरीद की प्रक्रिया अनिवार्य की गई है। खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में इलेक्टॉनिक पीओएस मशीन के जरिए किसान के बायोमीट्रिक प्रमाणीकरण द्वारा क्रय केंद्रों पर धान की खरीद होगी।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय दवारा जारी से एक रिपोर्ट में बताया गया कि अब तक 384.05 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की रोपाई और बुवाई हो चुकी है। जबकि इस अवधि तक पिछले साल सिर्फ 367.83 लाख हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। देश में धान का सामान्य क्षेत्र 399.45 लाख हैक्टेयर है। जिन क्षेत्रों में पिछले साल के मुकाबले धान की रोपाई का रकबा बढ़ गया है, उनमें बिहार पहले नंबर पर आता है। जहां पिछले साल से 5.08 लाख हैक्टेयर अधिक रोपाई हो चुकी है। दूसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ है जहां पिछले साल से 4.52 रकबा अधिक बुवाई हो चुकी है। तेलंगाना में 2.64 लाख हैक्टेयर, झारखंड में 1.82 लाख हैक्टेयर, हरियाणा में 1.64 लाख हैक्टेयर तथा उत्तर प्रदेश में धान की रोपाई पिछले साल से 1.19 लाख हैक्टेयर बढ़ी है।
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