प्रकाशित - 23 Sep 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को हर साल प्राकृतिक आपदा से फसल नुकसान होता है। इस नुकसान को कम करने के लिए सरकार की ओर से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) चलाई जा रही है। लेकिन फसल नुकसान की भरपाई के लिए यह योजना काफी नहीं हैं। इसके लिए स्थानीय स्तर पर योजना को शुरू किया जाना बेहद जरूरी है ताकि किसान को तुरंत राहत प्रदान की जा सके। इस बात को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से कपास किसानों के लिए नई योजना शुरू की गई है। इस योजना का नाम फसल सुरक्षा योजना (Fasal suraksha yojana) है। अभी यह योजना विशेषकर कपास किसानों (cotton farmers) के लिए लागू की गई है।
बता दें कि कपास किसानों को प्राकृतिक आपदा और गुलाबी सुंडी रोग (Pink bollworm disease of cotton) से काफी नुकसान होता है। इस बार भी कई किसानों को कपास की खेती में गुलाबी सुंडी रोग के कारण नुकसान हुआ है। ऐसे में यह योजना किसानों को राहत प्रदान करेगी। इस योजना के तहत कपास की फसल में नुकसान (Loss in cotton crop) होने पर प्रति एकड़ 30,000 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको प्रदेश सरकार की ओर से शुरू की गई फसल सुरक्षा योजना (Fasal suraksha yojana) की जानकारी दे रहे हैं, जिसमें हम आपको फसल सुरक्षा योजना क्या है, इसमें कपास फसल नुकसान पर कितना मुआवजा मिल सकता है, इससे किसान को क्या लाभ होगा, इस योजना के लिए कैसे आवेदन किया जा सकता है, इसके लिए किन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी आदि बातों की जानकारी दे रहे हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) की तर्ज पर प्रदेश सरकार की ओर से किसानों के लिए फसल सुरक्षा योजना (Fasal suraksha yojana) शुरू की गई है। अभी फिलहाल यह योजना प्रदेश के केवल सात जिलों के लिए लागू की गई है। इस योजना के तहत केवल कपास किसान ही आवेदन कर पाएंगे। इसमें भी पीएम फसल बीमा योजना की तरह किसानों को अपनी कपास की फसल का बीमा कराने के लिए निर्धारित राशि का प्रीमियम जमा कराना होगा। इस योजना की खास बात यह है कि प्रदेश सरकार की ओर से इस योजना में मुआवजे की राशि को पहले से ही निर्धारित कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि इस योजना से कपास किसानों को काफी राहत मिलेगी।
फसल सुरक्षा योजना (Fasal suraksha yojana) के तहत उन किसानों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा जिनकी कपास की फसल को प्राकृतिक आपदा से नुकसान हुआ हो, इसके लिए किसान को इस योजना के तहत रजिस्ट्रेशन कराना होगा तभी उसको इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा। फसल सुरक्षा योजना (Fasal suraksha yojana) से जुड़कर किसान को कपास की फसल में हानि होने पर अधिकतम 30,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा मिल सकेगा।
फसल सुरक्षा योजना (Fasal suraksha yojana) का पूरा नाम हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (Haryana Fasal suraksha yojana) है। इस योजना के तहत हरियाणा सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कलस्टर दो का चयन किया है। इसके तहत राज्य के कुल सात जिलों को शामिल किया गया है। यह योजना पूरी तरह से राज्य सरकार की योजना है और हरियाणा सरकार ही अपने स्तर किसानों को कपास की फसल में नुकसान (Loss in cotton crop) होने पर मुआवजा प्रदान करेगी। इस योजना के तहत शामिल किए जिलों में अंबाला, हिसार, गुरुग्राम, करनाल, महेंद्रगढ़ एवं सोनीपत जिले शामिल हैं। अभी फिलहाल इन जिलों के किसान ही इस योजना का लाभ ले पाएंगे।
फसल सुरक्षा योजना को प्रदेश सरकार ने सात जिलों के कपास उत्पादक किसानों के लिए लागू किया है। इसमें शामिल होने के लिए किसान को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तरह ही 5 प्रतिशत की राशि बतौर प्रीमियम के जमा करानी होगी तभी उन्हें इस योजना का लाभ मिल पाएगा। यदि बात करें इस योजना की प्रीमियम राशि की तो इस योजना में शामिल होने के लिए किसान को प्रति एकड़ 1500 रुपए की दर से प्रीमियम देना होगा। यह योजना बिल्कुल प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की तरह ही है। बस इतना सा अंतर है कि इस योजना में मुआवजे की राशि फिक्स कर दी गई हे जो 30,000 रुपए प्रति एकड़ है।
हरियाणा फसल सुरक्षा योजना (Haryana Fasal Suraksha Yojana) में आवेदन के लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। आवेदन के लिए आपको जिन दस्तावेजों की जरूरत होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं
यदि आप हरियाणा के उन जिलों से हैं जिनके लिए यह योजना लागू की गई तो आप इसमें आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (meri phasal mera byaura portal) हरियाणा पर आवेदन किया जा सकता है। इस योजना में आवेदन शुरू हो गए हैं और आवेदन की अंतिम तिथ 27 सितंबर रखी गई है। किसान निर्धारित प्रीमियम शुल्क (premium fee) जमा कराकर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हें। योजना की अधिक जानकारी के लिए आप कृषि विभाग हरियाणा से संपर्क कर सकते हैं, इसके अलावा हरियाणा फसल सुरक्षा योजना के टोल फ्री नंबर (Toll free number of Haryana Crop Protection Scheme) 1800-180-2117 पर कॉल करके भी योजना से संबंधित जानकारी ले सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों करतार ट्रैक्टर, सॉलिस ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।