प्रकाशित - 23 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
हर साल किसानों की फसलों को बारिश और ओलावृष्टि से काफी नुकसान होता है। ऐसे में किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से पीएम फसल बीमा योजना चलाई जा रही है, जो किसान के लिए सुरक्षा कवच का काम कर रही है। केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें भी अपने स्तर पर बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान की भरपाई करने का प्रयास कर रही हैं। इसी कड़ी में राज्य सरकार की ओर से मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना (mukhyamantree bhaavaantar bharapaee yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को उनकी उपज का कम भाव मिलने पर भरपाई की जाती है। राज्य के किसान मुख्यमंत्री भावांतर भरपाई योजना और बागवानी बीमा योजना के तहत अपनी फसलों का बीमा करवा कर प्रति एकड़ 40,000 रुपए तक मुआवजा प्राप्त कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार की ओर से किसानों हित में भावांतर भरपाई योजना (bhaavaantar bharapaee yojana) को 2021 में शुरू किया गया था। इस योजना के तहत बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों को उनकी उत्पादित फसल के मंडी में कम दाम मिलने पर राज्य सरकार की ओर से उनके नुकसान की भरपाई की जाती है। यह किसानों के लिए एक अनूठी योजना है जिसका लाभ अब तक प्रदेश के किसानों को मिल रहा है।
राज्य सरकार की ओर से किसानों को बागवानी फसल (Horticultural crops) के विक्रय से हुई हानि की भरपाई के लिए यह योजना चलाई जा रही है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य मंडी में सब्जी व फल की कम कीमत के दौरान किसानों को निर्धारित संरक्षित मूल्य देकर उनके जोखिम को कम करना है। इस योजना के माध्यम से सरकार किसानों को फसल विविधिकरण के लिए भी प्रोत्साहित कर रही है ताकि किसान बेहतर लाभ प्राप्त कर सकें।
योजना के पहले चरण में टमाटर, प्याज, आलू एवं फूलगोभी को शामिल किया गया है। योजना का उद्देश्य इन चारों फसलों पर 48,000 रुपए से लेकर 56,000 रुपए प्रति एकड़ की आमदनी को सुनिश्चित करना है। किसान प्रथम चरण में टमाटर, प्याज, आलू, फूलगोभी के तहत भावंतर योजना का लाभ ले सकते हैं। इसके लिए किसानों को भावंतर भरपाई योजना के तहत पंजीकरण (Registration under Bhavantar Compensation Scheme) करना होगा। तभी किसान का फसल बेचने से हुई हानि की भरपाई की जाएगी। हालांकि योजना के तहत अन्य बागवानी फसलों को भी शामिल किया गया है जिनमें गाजर, मटर, शिमला मिर्च, बैंगन, भिंडी, मिर्च, करेला, बंद गोभी, मूली, अमरूद, चीकू, किन्नू, आडू, आलूबुखारा, आम, नाशपाती, लीची, आंवला, बेर, लहसुन व हल्दी को लिस्टेड किया है जिसके मूल्य पहले से निर्धारित कर दिए गए हैं।
भावंतर भरपाई योजना का लाभ (Benefits of Bhavantar Compensation Scheme) प्राप्त करने के लिए राज्य के किसानों को इस योजना के तहत पंजीकरण करना होगा। इसके लिए किसान को बिजाई अवधि के दौरान मार्केटिंग बोर्ड की वेबसाइट (www.hsamb.gov.in) पर बागवानी भावान्तर (BBY) ई-पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करना होगा, तभी योजना का लाभ मिल सकेगा। पंजीकरण बाद किसानों का क्षेत्र प्रमाणीकरण किया जाएगा। प्रमाणित क्षेत्र से अंसतुष्ट होने पर किसान इसके लिए अपील भी दायर कर सकते हैं। योजना के तहत किसान का नि:शुल्क पंजीकरण किया जाएगा। पंजीकरण केवल निर्धारित अवधि के लिए ही खुला रहेगा। भावंतर भरपाई योजना में पंजीकरण सर्व सेवा केंद्र, ई-दिशा केंद्र, मार्केटिंग बोर्ड, बागवानी विभाग, कृषि विभाग और इंटरनेट कियोस्को के माध्यम से कराया जा सकता है। किसान भावंतर भरपाई योजना और बागवानी योजना की अधिक जानकारी के लिए जिला स्तर बागवानी विभाग के जिला उद्यान अधिकारी या मार्केटिंग बोर्ड के डीएमईओ से संपर्क कर सकते हैं।
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