भारत के 15 प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य : जानिए किस राज्य में कौनसी फसल होती है सबसे ज्यादा

Share Product प्रकाशित - 19 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

भारत के 15 प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य : जानिए किस राज्य में कौनसी फसल होती है सबसे ज्यादा

भारत में खेती की विशेषता : भारत के 15 राज्य जहां सबसे ज्यादा होती है खेती

भारत एक कृषि प्रधान देश है। भारत के 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश खेती की विविधता से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रहे हैं। भारतीय कृषि की सबसे बड़ी खूबसूरती यह है कि यहां हर तरह की भूमि, जलवायु और मौसम के अनुसार खेती की जा सकती है। फसलों की जितनी विविधता भारत में मौजूद है शायद ही किसी अन्य देश में हो। वर्तमान में देश की आधी से ज्यादा आबादी कृषि कार्यों से जुड़ी हुई है। 2022-23 में कुल जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में कृषि का योगदान करीब 15 प्रतिशत रहा है। भारत में कृषि क्षेत्र को सबसे बड़े रोजगार उत्पादक क्षेत्र के रूप में जाना जाता है, क्योंकि खेती से 50 से 60 प्रतिशत जनसंख्या को सीधा रोजगार मिलता है।

Buy Used Tractor

ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में भारत में सबसे ज्यादा खेती कहां होती है?, किस राज्य में सबसे अधिक कृषि भूमि पर खेती होती है?, भारत का प्रमुख उत्पादक राज्य कौन सा है?, किस फसल के उत्पादन में कौनसा राज्य प्रथम है?, किस राज्य में कितनी कृषि होती है?, किस तरह की कृषि होती है? आदि सवालों के जवाब दिए जा रहे हैं। साथ ही आपको भारत के 15 कृषि उत्पादक राज्यों (Top 15 Agriculture Producing States in India) की विस्तृत जानकारी दी जा रही है। 

भारत के टॉप 15 कृषि उत्पादक राज्य (Top 15 Agriculture Producing States in India)

राज्य का नाम कृषि क्षेत्रफल (मिलियन हेक्टेयर) कुल उत्पादन (मिलियन टन) उपज (किग्रा/प्रति हेक्टेयर)
उत्तरप्रदेश 19.55 56.11 2870
मध्यप्रदेश 16.17 39.05 2415
पंजाब 6.67 28.21 4233
राजस्थान 14.71 21.05  1431
पश्चिम बंगाल 6.64 20.50 3088
महाराष्ट्र 11.67 17.14 1469
हरियाणा 4.23 16.33 3864
बिहार 6.45 16.19 2511
तेलंगाना 4.73 15.10 3189
कर्नाटक 7.99 13.81 1728   
तमिलनाडू 3.96 12.05 3040
आंधप्रदेश 3.97 11.27 2841
गुजरात 4.59 10.06 2189
ओडिशा 4.97 9.95 2001
छत्तीसगढ़ 4.76 8.90 1869
स्त्रोत : कृषि सांख्यिकी एक झलक 2022

भारत की प्रमुख फसलें : उत्पादक राज्यों की सूची (औसत उपज के आधार पर) - (Major crops of India: List of producing states)

फसल का नाम

राज्यवार फसल उत्पादन की स्थिति
  प्रथम द्वितीय तृतीय
चावल       पश्चिम बंगाल        उत्तर प्रदेश                  पंजाब                 
गेहूं उत्तर प्रदेश           मध्य प्रदेश              पंजाब
ज्वार महाराष्ट्र कर्नाटक        राजस्थान       
बाजरा राजस्थान उत्तर प्रदेश हरियाणा
मक्का कर्नाटक मध्य प्रदेश महाराष्ट्र
रागी कर्नाटक तमिलनाडु उत्तराखंड
मसूर उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश    पश्चिम बंगाल
जौ राजस्थान उत्तर प्रदेश पंजाब
पोषक/मोटा अनाज कर्नाटक राजस्थान महाराष्ट्र
अरहर दाल महाराष्ट्र कर्नाटक उत्तरप्रदेश
चना महाराष्ट्र मध्य प्रदेश राजस्थान
उड़द महाराष्ट्र आंध्र प्रदेश मध्यप्रदेश
मूंग राजस्थान मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश
दलहन मध्य प्रदेश महाराष्ट्र राजस्थान
मूंगफली गुजरात राजस्थान तमिलनाडु
सरसों राजस्थान मध्यप्रदेश हरियाणा
सूरजमुखी कर्नाटक हरियाणा ओडिसा
गन्ना उत्तरप्रदेश महाराष्ट्र कर्नाटक
कपास महाराष्ट्र गुजरात तेलंगाना
जूट पश्चिम बंगाल असम बिहार
चाय असम पश्चिम बंगाल तमिलनाडु
सोयाबीन महाराष्ट्र मध्यप्रदेश कर्नाटक
कॉफी कर्नाटक केरल तमिलनाडु
तंबाकू गुजरात आंधप्रदेश उत्तरप्रदेश

1. उत्तर प्रदेश : गेहूं और गन्ने की सबसे ज्यादा खेती (Uttar Pradesh: Highest cultivation of wheat and sugarcane)

उत्तरप्रदेश भारत का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक राज्य (Largest agricultural producing state) है। यहां की प्रमुख फसलों में गेहूं, गन्ना, धान, सब्जी, मशरूम, बाजरा, जौ आदि शामिल है। यहां गेहूं व गन्ने की सबसे ज्यादा खेती होती है।  देश के गेहूं व गन्ना उत्पादन में उत्तरप्रदेश का पहला स्थान है। देश का 35 प्रतिशत गेहूं व 48 प्रतिशत गन्ना यूपी में पैदा होता है। इसके अलावा आलू भी उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा पैदा होता है, जो कुल उत्पादन का 44 प्रतिशत है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि में उत्तरप्रदेश का हिस्सा 12 प्रतिशत है। यहां भूमि का औसत आकार 0.9 हेक्टेयर है।

भारत सरकार के कृषि सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के अनुसार क्षेत्रफल और उत्पादन के मामले में उत्तरप्रदेश सबसे आगे है। खाद्यान्न वर्ष 21-22 में यहां 19.55 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। जबकि कुल उत्पादन 56.11 मिलियन टन प्राप्त हुआ था। प्रति हैक्टेयर उत्पादकता 2870 किलोग्राम रही।

  • प्रमुख खरीफ फसल : चावल, मक्का, बाजारा, ज्वार, मूंगफली, अरहर, सोयाबीन, तिल।
  • प्रमुख रबी फसल : गेहूं, जौ, जई, तोरिया (लाही), राई, सरसों, अलसी, मक्का, बेबी कॉर्न, चना, मटर, मशरूम, आलू, बरसीम।
  • जायद : गन्ना, धान, मूंग, उड़द, सूरजमुखी, बाजरा, मक्का, कपास, जूट, मेंथा।

2. मध्यप्रदेश : दलहन उत्पादन में अव्वल राज्य (Madhya Pradesh: Top state in pulses production)

मध्यप्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य (India's second largest agriculture state) है। देश के कुल क्षेत्रफल में मध्यप्रदेश का हिस्सा 9.38 प्रतिशत है। यहां की करीब 151.91 लाख हेक्टेयर भूमि ही कृषि योग्य है। जबकि कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 307.56 लाख हेक्टेयर है। मध्यप्रदेश भारत का दूसरा सबसे बड़ा कृषि उत्पादक राज्य (Second largest agriculture state in India) है। मध्यप्रदेश दलहन उत्पादन में प्रथम स्थान रखता है। गेहूं, मक्का, मसूर, चना, मूंग, सरसों व सोयाबीन के उत्पादन में दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। उड़द के उत्पादन में तीसरा स्थान रखता है। यहां खाद्यान्न वर्ष 2021-22 में 16.17 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। जबकि कुल उत्पादन 39.05 मिलियन टन रहा। प्रति हैक्टेयर कृषि उत्पादकता 2415  किलोग्राम रही।

  • प्रमुख रबी फसल : गेहूं, चना, मटर, मसूर, सरसों, गन्ना, अलसी।
  • प्रमुख खरीफ फसल : सोयाबीन, धान, मक्का, अरहर, मूंग उड़द, ज्वार, बाजरा, कोदों, कुटकी, तिल, कपास।
  • प्रमुख जायद फसल : मूंग, उड़द, मूंगफली, मक्का एवं ग्रीष्मकालीन धान।

3. पंजाब : प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता में प्रथम (Punjab: First in agricultural productivity per hectare)

पंजाब प्रति हेक्टेयर कृषि उत्पादकता में पहले स्थान पर है। कम भूमि में सबसे ज्यादा उत्पादन यहां की खेती की खासियत है। भारत के कुल क्षेत्रफल में पंजाब का हिस्सा मात्र 1.4 प्रतिशत है। इसके बावजूद यह प्रांत देश में गेहूं के कुल उत्पादन 22 प्रतिशत, चावल में 12 प्रतिशत और कपास में 12 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है। यहां की प्रमुख फसलों में गेहूं, जौ, धान, मक्का, कपास और गन्ना है। पंजाब के आनंदपुर साहिब में विश्व की सबसे बड़ी अनाज मंडी (World's largest grain market) है। खाद्यान्न वर्ष 2021-22 में यहां 6.67 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई। इससे 28.21 मिलियन टन उत्पादन प्राप्त किया गया। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 4233 किलोग्राम रही।

  • प्रमुख रबी फसल : गेहूं, चना, जौ, आलू, सब्जियां
  • प्रमुख खरीफ फसल : धान, मक्का, गन्ना, कपास, दाल, बाजरा

4. राजस्थान : कृषि जोत का औसत आकार देश में सबसे ज्यादा (Rajasthan: Average size of agricultural holding is highest in the country)

देश की फसल उत्पादकता में राजस्थान का चौथा स्थान है। है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि में राजस्थान का हिस्सा 11 प्रतिशत है। राजस्थान में कृषि जोत का औसत आकार 3.96 हेक्टेयर है जो देश में सर्वाधिक है। खाद्यान्न वर्ष 21-22 में प्रदेश में 14.71 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। इस अवधि में कुल उत्पादन 21.05 मिलियन टन प्राप्त हुआ। प्रति हेक्टेयर उपज 1431 किलोग्राम दर्ज की गई। राजस्थान में सर्वाधिक खाया जाने वाला व सर्वाधिक पैदा होने वाला अनाज गेहूं है। श्रीगंगानगर में सबसे ज्यादा गेहूं का उत्पादन होता है। जबकि राजस्थान में सबसे अधिक क्षेत्र में बाजारा बोया जाता है, लेकिन प्रति हेक्टेयर उत्पादकता कम है। राजस्थान बाजरा, जौ, सरसों और मूंग उत्पादन में अव्वल राज्य है।

  • राजस्थान में रबी फसल : गेहूं, जौ, चना, सरसों, मसूर, मटर, अलसी, तारामीरा, सूरजमुखी
  • खरीफ फसल : मूंग, बाजरा, ज्वार मक्का, मूंगफली, कपास, सोयाबीन, गन्ना, धान
  • जायद : तरबूज, खरबूजे व ककड़ी

5. पश्चिमी बंगाल : चावल और जूट की खेती में नंबर वन (West Bengal: Number one in rice and jute cultivation)

कुल कृषि उत्पादकता के मामले में पश्चिम बंगाल भारत का पांचवां सबसे बड़ा राज्य है। यह राज्य कम भूमि में ज्यादा उत्पादन करता है। खाद्यान्न वर्ष 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार पश्चिम बंगाल 6.64 मिलियन हेक्टेयर भूमि में 20.50 मिलियन टन खाद्यान्न उत्पादन करता है। करीब 54 प्रतिशत सिंचिंत क्षेत्र के बावजूद यहां की भूमि प्रति हेक्टेयर 3088 किलोग्राम की उपज पैदा करती है। पश्चिम बंगाल की 70 प्रतिशत (4 में से 3 व्यक्ति) आबादी प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़े हुए हैं। यह राज्य चावल और जूट की खेती में अग्रणी है। इसके अलावा मक्का, दाले, तेल के बीज, गेहूं, जौ, आलू, गन्ना, तंबाकू और सब्जियां बड़ी मात्रा में उगाई जाती है। भारत में जूट की 66 प्रतिशत जरूरतों को पश्चिम बंगाल पूरा करता है। पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग के बागान चाय के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

  • प्रमुख फसलें : गेहूं, चावल, गन्ना, जूट, सरसों, मक्का, राई, आलू,
  • फल : अनानास, केला, आम, पपीता, अमरूद, कटहल, लीची
  • औषधीय व मसाला फसलें : काली मिर्च, हल्दी, अदरक, सर्पगंधा, पान, बड़ी इलायची
  • नकदी फसल : नारियल, सुपारी, चाय

6. महाराष्ट्र : ज्वार, कपास, गन्ना, अरहर, चना, उड़द और सोयाबीन के उत्पादन में सबसे आगे (Maharashtra: At the forefront in the production of jowar, cotton, sugarcane, pigeon pea, gram, urad and soybean)

महाराष्ट्र की दो तिहाई जनसंख्या कृषि से जुड़ी हुई है। यह राज्य ज्वार, कपास, गन्ना, अरहर, चना, उड़द और सोयाबीन के उत्पादन में सबसे आगे है। यहां खाद्यान्न वर्ष 2021-22 में 11.67 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। जबकि कुल उत्पादन 17.14 मिलियन टन रहा। प्रति हैक्टेयर कृषि उत्पादकता 1469  किलोग्राम रही। यह राज्य तिलहन का सबसे ज्यादा उत्पादन (Highest production of oilseeds) करता है, यहां सोयाबीन, सूरजमुखी व मूंगफली प्रमुख तिलहनी फसल है।  नकदी फसलों में गन्ना, कपास, हल्दी, तंबाकू और प्याज शामिल है। फलों की खेती में अंगूर, काजू, आम, केला, संतरा, चीकू व अनार ज्यादा लोकप्रिय है।

  • प्रमुख फसल : धान, ज्वार, गन्ना, बाजरा, गेहूं, तूर (अरहर), उडद, चना और दलहन

7. हरियाणा : सबसे ज्यादा गेहूं की खेती (Haryana: Highest cultivation of wheat)

खेती-किसानी के मामले में हरियाणा एक समृद्ध राज्य (Haryana is a prosperous state) है। नहरों और बेहतर सिंचाई सुविधाओं के कारण यहां कम जमीन में रिकॉर्ड उत्पादन प्राप्त होता है। खाद्यान्न वर्ष 21-22 के आकड़ों के अनुसार राज्य में 4.23 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती से 16.33 मिलियन टन उत्पादन प्राप्त हुआ। प्रति हेक्टेयर 3864 किलोग्राम उपज मिली जो देश में पंजाब के बाद सर्वाधिक है। हरियाणा में सबसे ज्यादा गेहूं की खेती (Wheat Farming) होती है। इसके बाद धान, गन्ना व सरसों का नंबर आता है। हरियाणा के 65 फीसदी जनसंख्या अपनी आजीविका के लिए खेती से जुड़ी हुई है। कृषि के क्षेत्र में हरियाणा की प्रगति के पीछे चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का महत्वपूर्ण योगदान है।

  • प्रमुख फसलें : गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जौ, गन्ना, कपास, दलहन, तिलहन और आलू

8. बिहार : 60 प्रतिशत भूमि पर कृषि कार्य (Bihar: Agricultural work on 60 percent land)

बिहार की 80 प्रतिशत जनसंख्या खेती पर निर्भर है और यहां की 60 प्रतिशत भूमि पर खेती की जाती है जो भारत के राष्ट्रीय औसत 42 प्रतिशत से काफी अधिक है। यहां चार सीजन भदई, अगहनी, रबी और गरमा में खेती की जाती है। बिहार में सबसे ज्यादा खेती अगहनी सीजन में होती है। अगहनी फसलों में धान, ज्वार, बाजरा, गन्ना और अरहर प्रमुख है। यहां की सबसे प्रमुख फसल धान है जिसकी खेती राज्य के सभी भागों में होती है। धान को भदई, अगहनी और गरमा तीनों सीजन में उगाया जाता है। धान के बाद गेहूं व मक्का की खेती होती है। बिहार में धान का सालाना उत्पादन 5 मिलियन टन, गेहूं का 4 से 4.5 मिलियन टन और मक्का का 1.5 मिलियन टन है। बिहार लीची का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है (Bihar is the largest producer of litchi) और अनानास के मामले में तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है।

  • प्रमुख फसल : धान, गेहूं, मक्का, जौ, गन्ना, तंबाकू, महुआ, ज्वार, दलहन और तिलहन

9. तेलंगाना : कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक राज्य (Telangana: Third largest producer of cotton state)

कृषि के क्षेत्र में तेलंगाना लगातार प्रगति कर रहा है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 114.84 लाख हेक्टेयर है। इस कुल भौगोलिक क्षेत्रफल में से 40.5 प्रतिशत भूमि पर खेती की जाती है।  तेलंगाना की अर्थव्यवस्था में सेवा क्षेत्र के बाद कृषि का सबसे बड़ा योगदान है। तेलंगाना के किसान सिंचाई के लिए वर्षा आधारित जल स्त्रोतों पर निर्भर है। यहां की प्रमुख नदियां गोदावरी और कृष्णा है। तेलंगाना में सबसे ज्यादा धान की खेती की जाती है। दूसरे नंबर पर मक्का की खेती (maize cultivation) होती है। कपास की खेती (Cotton Farming) में भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य तेलंगाना है। 

तेलंगाना में खाद्यान्न वर्ष 21-22 में 4.73 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। इस दौरान कुल उत्पादन 15.10 मिलियन टन रहा। प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 3189 किलोग्राम दर्ज की गई।

  • प्रमुख फसलें : चावल, मक्का, कपास, ज्वार, अरंडी, मूंगफली, सोयाबीन, अरहर, हरा चना, काला चना, तिल।

10. कर्नाटक : सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य (Karnataka: Largest coffee producing state)

  

कर्नाटक की 55.60 प्रतिशत आबादी कृषि एवं इससे जुड़े कार्यों से रोजगार प्राप्त कर रही है। राज्य की 114 लाख हेक्टेयर भूमि कृषि योग्य है जो कुल भूमि का 60 प्रतिशत है। खाद्यान्न वर्ष 21-22 में कर्नाटक में 7.99 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। जबकि कुल उत्पादन 13.81 मिलियन टन प्राप्त हुआ था। कर्नाटक की 72 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर अच्छी बारिश से खेती होती है जबकि शेष 28 प्रतिशत भूमि पर सिंचाई की व्यवस्था है। कर्नाटक वृक्षारोपण और उद्यानिकी फसलों के मामले में एक अग्रणी राज्य है। यह सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक राज्य (Largest coffee producing state) है और चाय, सुपारी, नारियल, काजू, इलायची, रबर, संतरा और अंगूर महत्वपूर्ण बागवानी और उद्यानिकी फसले हैं। गन्ना यहां की प्रमुख नकदी फसल है। कर्नाटक की सबसे प्रमुख फसल चावल है।

  • कर्नाटक की खरीफ फसल : ज्वार, बाजरा, मक्का, दालें, मूंगफली, लालमिर्च, सोयाबीन, कपास, हल्दी
  • कर्नाटक की रबी फसल : गेहूं, सरसों, जौ, तिल और मटर

11. तमिलनाडु : इलायची, काली मिर्च, लौंग और दालचीनी के लिए प्रसिद्ध (Tamil Nadu: Famous for cardamom, black pepper, cloves and cinnamon)

  

तमिलनाडू एक प्रमुख कृषि उत्पादक राज्य है। इस राज्य की 60 प्रतिशत जनसंख्या कृषि और संबद्ध गतिविधियों से जुड़ी हुई है। राज्य का क्षेत्रफल 130.33 लाख हेक्टेयर है और सकल फसल क्षेत्र लगभग 59.42 लाख हेक्टेयर है। यहां खाद्यान्न वर्ष 2021-22 में 3.96 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती की गई थी। जबकि कुल उत्पादन 12.05 मिलियन टन रहा। इस राज्य की प्रमुख खाद्यान्न फसलें चावल, ज्वार व दाले हैं। यहां चावल हर क्षेत्र में उगाया जाता है। सांबा, पोन्नी और सोना मसूरी चावल प्रजातियों की सबसे ज्यादा खेती होती है। तमिलनाडू की प्रमुख व्यापारिक फसलों में गन्ना, कपास, सूरजमुखी, नारियल, काजू, मिर्च, गिंगेली, तिल और मूंगफली शामिल है। यहां चाय, कॉफी, रबड़, इमारती लकड़ी और चंदन की खेती भी बहुतायत में की जाती है। तमिलनाडू इलायची, कालीमिर्च, लोंग और दालचीनी के लिए प्रसिद्ध है।

12. आंध्र प्रदेश : सबसे ज्यादा चावल की खेती (Andhra Pradesh: Maximum rice cultivation)

आंधप्रदेश भारत के प्रमुख कृषि राज्यों में से एक है। यहां के लोगों का प्रमुख व्यवसाय और अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार कृषि है। आंध्रप्रदेश की 62 प्रतिशत भूमि पर खेती की जाती है। आंधप्रदेश में सबसे ज्यादा चावल की खेती की जाती है। इस प्रदेश को चावल का कटौरा भी कहा जाता है। यहां के लोग भोजन में सबसे अधिक चावल का सेवन करते हैं। राज्य के कुल अनाज उत्पादन में चावल की भागीदारी 77 प्रतिशत है। आंध्रप्रदेश में चावल समुद्र तट के किनारे डेल्टा इलाकों में उगाया जाता है। आंधप्रदेश की अन्य प्रमुख फसलों में ज्वार, बाजरा, दाल, तिलहन, कपास, गन्ना, कालीमिर्च और तंबाकू है। वर्जीनिया तंबाकू का लगभग 4/5 भाग यहीं पैदा होता है। राज्य के 23 प्रतिशत हिस्से में सघन वन है। आंध प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान सूरजमुखी और मूंगफली के उत्पादन में जबरदस्त वृद्धि दर्ज की है।

13. गुजरात : कपास, मूंगफली और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य (Gujarat: Largest producer of cotton, groundnut and spices state)

गुजरात का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल लगभग 161.98 लाख हेक्टेयर है। राज्य में 61% भौगोलिक क्षेत्र पर खेती की जाती है। यहां की 9 प्रतिभूमि बंजर और 5 प्रतिशत क्षेत्र चारागाह भूमि के अंतर्गत है। गुजरात कपास, मूंगफली और मसालों का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। गुजरात अरंडी, जीरा, सौंफ, तिल और साइलियम भूसी की अधिक पैदावार के लिए भी प्रसिद्ध है। राज्य को 7 उप कृषि जलवायु क्षेत्रों में बांटा गया है। इसके अलावा चावल, गेहूं, ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर और चना यहां की मुख्य फसल है। गुजरात के लोगों की खुशहाली और समृद्धि खेती से जुड़ी हुई है। खाद्यान्न वर्ष 21-22 के आकड़ों के अनुसार गुजरात में 4.59 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में खेती से 10.06 मिलियन टन उत्पादन प्राप्त हुआ।

14. ओडिशा : सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्यों में से एक (Odisha: One of the largest rice producing states)

ओडिशा की अर्थव्यवस्था में कृषि की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है। ओडिशा की कुल आबादी का 76 प्रतिशत हिस्सा कृषि कार्यों से जुड़ा हुआ है। राज्य के कुल क्षेत्रफल के 45 प्रतिशत भाग पर खेती की जाती है। कृषि योग्य कुल भूमि के 80 प्रतिशत भाग पर चावल की खेती की जाती है। ओडिशा भारत के सबसे बड़े चावल उत्पादक राज्यों में से एक है। ओडिशा की अन्य प्रमुख फसलें जूट, तिलहन, दालें, नारियल, मेस्ता, गन्ना, चाय, रबड़, कपास, चना, सरसों, मक्का, तिल, रागी, आलू और सोयाबीन है। राज्य के प्रमुख कृषि केंद्र कटक, ढेंकनाल, बालेश्वर और संबलपुर है। उड़ीसा की गिनती देश के गरीब राज्यों में होती है। इसके पीछे कई कारण है जैसे यहां की अधिकांश भूमि अनुपजाऊ या एक से अधिक फसलों के लिए अनुपयुक्त है, सूर्य के प्रकाश की उपलब्धता में कमी, मध्यम मिट्‌टी, उर्वरकों का न्यूनतम उपयोग, मानसूनी वर्षा की अनियमितता आदि। उपरोक्त कारणों से यहां उपज कम पैदा होती है, जिससे किसानों को कम मुनाफा मिलता है।

15. छत्तीसगढ़ : खरीफ प्रधान प्रदेश के 83 प्रतिशत क्षेत्र में खरीफ की खेती (Chhattisgarh: Rice bowl of India)

छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। यहां की 70 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों में संलग्न है। राज्य की अर्थव्यवस्था और रोजगार में कृषि का महत्वपूर्ण योगदान है। राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का योगदान 25 प्रतिशत है। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 135,194 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। राज्य की 35 प्रतिशत भूमि पर खेती की जाती है। छत्तीसगढ़ एक खरीफ प्रधान प्रदेश है जहां की 83 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि पर खरीफ की खेती की जाती है जबकि रबी की खेती मात्र 17 प्रतिशत जमीन पर की जाती है। राज्य की प्रमुख फसल चावल है। जिसे 70 प्रतिशत से अधिक कृषि योग्य भूमि में उगाया जाता है। छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा (rice bowl of india) भी कहा जाता है। राज्य की निम्न भूमि में धान की खेती बहुतायत में की जाती है। उच्चभूमि में मक्का व अनाज की खेती होती है। यहां की महत्वपूर्ण नकदी फसल कपास और तिलहन है। छत्तीसगढ़ की प्रमुख फसल चावल, गेहूं, बाजरा, दालें, तिलहन, तिवरा, चना, कोटा-कुटकी, मक्का, उड़द और सोयाबीन है।

नोट : उपरोक्त आंकड़े अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय और इंटरनेट पर उपलब्ध विभिन्न स्त्रोतों से जुटाए गए हैं। हर वर्ष नई फसल आने पर इनमें बदलाव संभव है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों को ही अधिकृत माना जाए।

हमसे शीघ्र जुड़ें

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back