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कस्टम हायरिंग सेंटर : ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की खरीद पर 8 लाख रुपए का अनुदान

प्रकाशित - 08 May 2023

जानें, कौन कर सकता है आवेदन और क्या रहेगी आवेदन की प्रक्रिया

खेतीबाड़ी और बागवानी के कामों में कृषि यंत्रों की आवश्यकता को देखते हुए इसकी खरीद पर किसानों को सरकार की ओर से सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। लेकिन इसके बाद भी कई किसान इतने गरीब है जो इन्हें खरीदने में असमर्थ होते हैं। ऐसे किसानों के लिए सरकार की ओर कस्टम हायरिंग सेंटर खोले जा रहे हैं ताकि वे सस्ती दर पर किराये से कृषि यंत्र लेकर अपने खेती-किसानी के कामों को कम श्रम और कम समय में पूरा कर सकें। वहीं जो किसान समूह कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते हैं, उन्हें 8 लाख रुपए तक कृषि मशीनरी पर अनुदान दिया जा रहा है। यह अनुदान ट्रैक्टर सहित अन्य कृषि यंत्रों की ख्ररीद पर दिया जा रहा है। दरअसल राजस्थान सरकार की ओर से किसान समूहों को कस्टम हायरिंग सेंटर की स्थापना के लिए लागत का 80 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। सरकारी दर के अनुसार 10 लाख रुपए की लागत से तैयार होने वाले कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए सरकार की ओर से 80 प्रतिशत यानि 8 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। जो किसान समूह कस्टम हायरिंग सेंटर खोलना चाहते हैं, वे इसमें आवेदन करके राज्य सरकार से कृषि यंत्रों पर मिलने वाली सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। 

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको कस्टम हायरिंग सेंटर पर राजस्थान सरकार की ओर से मिलने वाले अनुदान, आवेदन की प्रक्रिया और दस्तावेजाें की पूरी जानकारी दे रहे हैं। 

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कितनी मिलती है सब्सिडी (Subsidy in Custom Hiring Center)

राजस्थान सरकार की ओर से कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए 8 लाख्र रुपए की सब्सिडी दी जा रही है। यदि किसान 10 लाख रुपए तक कृषि यंत्र खरीदता है तो उसे 8 लाख रुपए का अनुदान दिया जाएगा। यानि 10 लाख रुपए के कृषि यंत्र आपको 2 लाख रुपए में मिल जाएंगे।

कौन कर सकता है कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए राज्य सरकार जिन किसान संगठन या संस्थाओं को सब्सिडी का लाभ प्रदान कर रही है, वे इस प्रकार से हैं

  • क्रय-विक्रय सहकारी समितियां (के.वी.एस.एस)
  • ग्राम सेवा सहकारी समितियां (जी.एस.एस)
  • कृषक उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ)

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन हेतु किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता (Documents Custom Hiring Center)

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आवेदन हेतु आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। ये प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार से हैं

  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का आधार कार्ड
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का पैन कार्ड
  • जमीन के कागजात
  • बैंक खाता विवरण हेतु पासबुक की प्रथम पेज की कॉपी
  • ट्रैक्टर की पंजीकरण की कॉपी
  • आवदेन पत्र पर कृषक की स्व्:प्रमाणित फोटो
  • स्व्: हस्ताक्षरित बिल की प्रति
  • आवेदन करने वाले व्यक्ति का भामाशाह कार्ड
  • अनुदान क्लेम विभाग के स्थानीय अधिकारियों के द्वारा प्रमाणित

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए कैसे करें आवेदन (How to Apply for Custom Hiring Center)

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए आप अपने क्षेत्र के ई-मित्र कियोस्क पर निर्धारित किए गए शुल्क को देकर आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद उप निर्देशक, कृषि जिला परिषद कार्यालय द्वारा प्राप्त आवेदनों को रजिस्टर में एंट्री करके भौतिक सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद किसानों को बजट की उपलब्धता के अनुरूप वरियता क्रम में नियमानुसार अनुदान दिया जाएगा। योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए प्रमुख कृषि यंत्र

आम तौर पर कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए ट्रैक्टर, रोटावेटर, स्ट्रा रीपर, थ्रेसर, सीड ड्रिल, डिस्क हैरो, सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल मशीन, पावर टिलर, कल्टीवेटर, हैपी सीडर आदि कृषि मशीनें होती है जो किसानों को किराये पर दी जाती है।   

राजस्थान में अब तक खोले गए कस्टम हायरिंग सेंटर

राजस्थान सरकार की सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की आधिकारिक वेबसाइट में दी गई जानकारी के मुताबिक कृषि आयुक्त कानाराम ने बताया कि सबमिशन ऑन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन योजना के तहत किसानों को कम दर पर उन्नत कृषि यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए पिछले 4 सालों में 43 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत से 748 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित किए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा 2022-23 में राजस्थान कृषि तकनीक मिशन के तहत आगामी 2 वर्षों में जीएसएस एवं केवीएसएस के माध्यम से 1500 कस्टम हायरिंग केंद्र स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपए का अनुदान दिया जाना प्रस्तावित है। जिसमें से मिशन के तहत वित्तीय वर्ष 2022-2023 में 600 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना करने का लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य के अनुरूप अब तक 500 हायरिंग केंद्र स्थापित करने की चयन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों करतार ट्रैक्टर, ऐस ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

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