प्रकाशित - 22 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से कई लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है। लेकिन अभी भी कई किसान जानकारी के अभाव में सरकारी योजनाओं का सही से लाभ नहीं ले पा रहे हैं। किसानों को सरकारी योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ मिले और किसान अपनी इनकम बढ़ा सके, इसके लिए हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको समय-समय पर सरकारी योजनाओं की जानकारी देते रहते हैं।
आज हम आपको सरकार की ओर से किसानों के लिए चलाई जा रही चुनिंदा टॉप 10 ऐसी सरकारी योजनाओं की जानकारी दे रहे हैं जो किसानों की आय में बढ़ोतरी करने में सहायक सिद्ध हो रही है। आइए जानते हैं, इन टॉप 10 सरकारी योजनाओं के बारे में।
केंद्र सरकार की ओर से पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) चलाई जा रही है। इसके तहत किसानों को पीएम सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना से जुड़े किसानों को हर साल 6,000 रुपए सीधे उनके खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं। अभी तक किसानों को इस योजना की 16 किस्तें मिल चुकी है और 17वीं किस्त किसानों को दी जानी है। इस योजना के तहत राजस्थान के किसानों को 6,000 की जगह 8,000 देने का वादा विधानसभा चुनाव से पहले किया गया था। ऐसे में यहां 2,000 रुपए की सहायता राशि राज्य सरकार की ओर से किसानों के खाते में दी जाएगी।
मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना (mukhyamantri kisan kalyan yojana) को मध्यप्रदेश सरकार की ओर से राज्य के किसानों के लिए चलाया जा रहा है। इस योजना के तहत पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) की तर्ज पर किसानों हर साल तीन किस्तों में 6,000 रुपए दिए जा रहे हैं। इस तरह से यहां के किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अलग-अलग किसान सम्मान निधि योजना का लाभ दिया जा रहा है। मध्यप्रदेश के किसानों को इन दोनों योजनाओं से हर साल 12,000 रुपए मिल रहे हैं।
किसानों को खेत में तालाब बनाने के लिए सब्सिडी दी जाती है। मध्यप्रदेश में बलराम योजना, उत्तर प्रदेश में खेत तालाब योजना और राजस्थान में खेत तलाई योजना के नाम से योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत एमपी में तालाब निर्माण के लिए लागत का 75 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 50 प्रतिशत और राजस्थान में 70 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इस योजना के तहत किसान सब्सिडी का लाभ लेकर खेत में तालाब बनाकर 24 घंटे सिंचाई की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
किसानों को सस्ती दर पर खेती के लिए आधुनिक कृषि यंत्र व मशीनों का लाभ मिल सके। इसके लिए कृषि यंत्र अनुदान योजना (krishi yantra anudan yojana) चलाई जा रही है। इस योजना को अलग-अलग राज्य में अलग-अलग नाम से संचालित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में ई-कृषि यंत्र अनुदान योजना, उत्तर प्रदेश में कृषि यंत्रीकरण योजना, बिहार में कृषि यांत्रिकरण योजना (agricultural mechanization scheme) और राजस्थान में कृषि यंत्र अनुदान योजना चलाई जा रही है। इन योजनाओं में किसानों को कृषि यंत्र खरीदने के लिए राज्य द्वारा निर्धारित नियमों के अनुसार अनुदान का लाभ प्रदान किया जाता है।
किसानों को खेती के साथ ही पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। पशुहानि से सुरक्षा के लिए सरकार की ओर से पशु बीमा योजना (Livestock Insurance Scheme) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को पशुओं का बीमा नाममात्र की प्रीमियम पर किया जाता है। कई राज्यों में तो यह बीमा नि:शुल्क किया जाता है। किसी कारणवश पशु की मौत होने पर किसान को सरकार की ओर से पशु हानि पर नियमानुसार मुआवजा दिया जाता है।
गिरते जल स्तर को देखते हुए सरकार की ओर से सूक्ष्म सिंचाई योजना (micro irrigation scheme) के तहत खेत में ड्रिप व स्प्रिंकलर की व्यवस्था स्थापित करने पर सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इसके लिए किसान को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। जबकि हरियाणा में इसके लिए किसानों को 75 प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है।
किसानों को कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) के तहत सोलर पंप (solar pump) पर 60 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। इस योजना के तहत किसान सब्सिडी पर अपने खेत में सोलर पंप लगवाकर 24 घंटे सिंचाई की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। सोलर पंप पर सब्सिडी के अलावा बैंक से 30 प्रतिशत लोन भी मिल सकता है। ऐसे में किसान सरकार की कुसुम योजना के तहत मात्र 10 प्रतिशत पैसा खर्च करके खेत में सोलर पंप लगवाकर अपने बिजली बिल को कम कर सकते हैं। साथ ही हर समय सिंचाई की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
यूपी सरकार की ओर से नि:शुल्क बोरिंग योजना के तहत राज्य के किसानों को सिंचाई के लिए अपने खेत में बोरिंग लगवाने पर सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत लघु, सीमांत व अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के किसानों को सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के तहत लघु किसानों को 5,000 रुपए, सीमांत किसानों को 7 हजार रुपए और अनुसूचित जाति के किसानों को 10,000 रुपए की सब्सिडी दी जाती है। पंपसेट की व्यवस्था किसान को स्वयं करनी होती है। बोरिंग का कार्य शासन द्वारा चयनित एजेंसी द्वारा किया जाता है।
आवारा पशुओं से फसलों की सुरक्षा के लिए राजस्थान सरकार की ओर से तारबंदी योजना चलाई जा रही है। तारबंदी योजना के तहत खेत की तारबंदी कराने के लिए सामान्य श्रेणी के किसानों को 50 प्रतिशत या अधिकतम 40,000 रुपए और लघु व सीमांत किसानों को 60 प्रतिशत या 48,000 रुपए जो भी कम हो अनुदान दिया जाता है। वहीं यूपी सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को खेत सुरक्षा योजना के तहत 1.43 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाती है। इस योजना के तहत फसलों को जानवरों से बचाने के लिए खेत के चारों ओर 12 वोल्ट का करंट लगने वाली सौर इलेक्ट्रिक बाड़ लगाई जाती है।
सरकार की ओर से किसानों को वृद्धावस्था में पेंशन देने के लिए पीएम किसान मानधन योजना (PM Kisan Maandhan Yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को हर माह 3,000 रुपए और साल में 36,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी। इस योजना के तहत किसान को मामूली प्रीमियम भी जमा करना होता है। यह एक स्वैच्छिक योजना है। इसमें किसान अपनी इच्छा से जुड़ सकता है। जो किसान पीएम किसान सम्मान निधि योजना का लाभ ले रहे हैं, वे चाहे तो अपनी प्रीमियम की राशि को पीएम किसान सम्मान निधि योजना में मिलने वाली किस्त से भी कटा सकते हैं। इस तरह किसान बिना कोई पैसा खर्च किए फ्री में इस योजना का लाभ उठा सकता है।
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