प्रकाशित - 25 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को फल व सब्जियों की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से सरकार की ओर से उन्हें सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जा रहा है। योजना के तहत राज्य के किसानों को आंवला, नींबू, बेल और कटहल की खेती के लिए सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए राज्य के उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों से आवेदन मांगे गए हैं। इच्छुक किसान इस योजना के तहत आवेदन करके अनुदान का लाभ उठा सकते हैं। खास बात यह है कि इस योजना के तहत राज्य के किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है जो अधिकतम 50,000 रुपए है। किसान अपने खेत की मेड़ पर इन पौधों को लगाकर इनसे अच्छी कमाई कर सकता है। उद्यान विभाग की ओर से किसानों को पौधे भी उपलब्ध कराए जाएंगे। ऐसे में किसान आसानी से आंवला, नींबू, बेल और कटहल की खेती कर सकेंगे।
राज्य सरकार की ओर से शुष्क बागवानी फसलों के क्षेत्र विस्तार योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से आंवला, नींबू, बेल और कटहल की खेती के लिए अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को प्रति हैक्टेयर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 50,000 रुपए सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। किसानों को यह अनुदान दो किस्तों में दिया जाएगा। इसमें लाभार्थी को पहले साल 30,000 रुपए प्रति हेक्टेयर और दूसरे साल 20,000 रुपए प्रति हेक्टेयर सब्सिडी दी जाएगी। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि दूसरी किस्त का भुगतान प्रखंड उद्यान पदाधिकारी स्तर से सत्यापन द्वारा पहले साल लगाए गए पौधों में से 75 प्रतिशत पौधे जीवित पाए जाने के बाद ही दिया जाएगा।
बिहार सरकार की ओर से फसल विविधीकरण योजना के तहत शुष्क बागवानी फसलों के क्षेत्र विस्तार के लिए योजना चलाई जा रही है। इस योजना में राज्य के जुमई, मुंगेर, नवादा, औरंगाबाद, कैमुर एवं रोहतास जिलों के किसान आवेदन कर सकते हैं।
आंवला, नींबू, बेल और कटहल के पौधों पर सब्सिडी लेने के इच्छुक किसानों को इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए आवेदन उद्यान निदेशालय, कृषि विभाग बिहार की वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर किया जा सकता है। योजना में आवेदन के लिए किसान के पास कृषि विभाग के डीबीटी कार्यक्रम हेतु संचालित एमआईएस पोर्टल dbtagriculture.bihar.gov.in पर पंजीयन होना जरूरी है। पंजीकृत नंबर के माध्यम से ही किसान योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं।
राज्य के जो किसान आंवला, नींबू, बेल और कटहल के पौधों पर अनुदान का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं, उनके पास आधार कार्ड, डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण के बाद प्राप्त यूनिक आईडी, जमीन के कागज, मोबाइल नंबर, बैंक पासबुक होना जरूरी है।
योजना के तहत लाभार्थी किसानों को आंवला, नींबू, बेल और कटहल के पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। योजना के तहत लाभार्थी किसानों को अधिकतम 4 हैक्टेयर और न्यूनतम 5 पौधे प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत किसानों को आंवला के प्रति हैक्टेयर 400 पौधे, बेल के प्रति हैक्टेयर 100 पौधे, कटहल के प्रति हैक्टेयर 100 पौधे और नींबू के प्रति हैक्टेयर 400 पौधे दिए जाएंगे। योजना के कार्यान्वयन के लिए पौधरोपण सामग्री की उपलब्धता सेंटर ऑफ एक्सलेंस, देसरी वैशाली/विभागीय/कृषि विश्वविद्यालय/कृषि अनुसंधान संस्थान/ केंद्रीय एजेंसी/ राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड एक्रिडिटेड नर्सरी से अथवा ई-निविदा द्वारा चयनित योग्य एजेंसी के जरिये कराई जाएगी। किसान इन कैश या कैश इन काइंड प्रक्रिया द्वारा सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं। इस योजना से संबंधित अधिक जानकारी के लिए किसान अपने क्षेत्र के उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
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