प्रकाशित - 05 Jul 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सावन का महीना लगते ही कई राज्यों में बारिश हो रही है। बारिश के मौसम में किसान कटहल की खेती (Jackfruit Farming) करके काफी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। खास बात यह है कि इसकी खेती के लिए सरकार की ओर से 50 प्रतिशत तक सब्सिडी भी दी जा रही है। ऐसे में कटहल की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो सकती है। कटहल में आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए व सी और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व काफी मात्रा में पाए जाते हैं। इसकी सब्जी बनाकर खाई जाती है जो काफी पोष्टिक होती है। इसके पौधे को बरसात में लगाया जा सकता है। इसकी बाजार मांग भी काफी है और कीमत भी अच्छी मिल जाती है। यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और दक्षिण भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है। अब तो करीब-करीब पूरे भारत में इसकी खेती होने लगी है। इसे फल व सब्जी दोनों माना जाता है। इसका पेड़ साल में दो बार फल देता है। ऐसे में किसान इसकी खेती करके काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) (सूक्ष्म सिंचाई) आधारित शुष्क बागवानी योजना के तहत कटहल की खेती के लिए बिहार सरकार की ओर से प्रदेश के किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसान फल पौधे के लिए अधिकतम 4 हैक्टेयर तथा न्यूनतम 0.1 हैक्टेयर के लिए आवेदन किया जा सकता है। इसमें कटहल को भी शामिल किया गया है। इस योजना के तहत फल फसलों के लिए 60,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। यानि आपको कटहल की खेती के लिए 30,000 रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से अनुदान मिल जाएगा। यह अनुदान आपको तीन वर्षों में क्रमश: 60:20:20 अनुपात में जो 18,000:6000:6000 रुपए के रूप में दिया जाएगा। यह योजना बिहार के सभी 38 जिलों में संचालित की जा रही है।
किसानों को कहटल की खेती करने के लिए जो अनुदान दिया जाएगा, उसका भुगतान तीन किस्तों में किया जाएगा, जो इस प्रकार से है
योजना का लाभ किसान अपने खेत की मेड पर भी ले सकते हैं। किसान अपने खेत की मेड़ पर कटहल के पौधे लगा सकते हैं। लेकिन इसमें आवश्यक शर्त ये है कि किसान को अपने खेत में ड्रिप सिंचाई सिस्टम (Drip Irrigation System in Farm) की स्थापना करना जरूरी होगा। बता दें कि योजना का मुख्य लक्ष्य सूक्ष्म सिंचाई के जरिये कम बारिश वाले क्षेत्र में फल-पौधे को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत किसान न्यूनतम 0.1 हैक्टेयर और अधिकतम 4 हैक्टेयर में इच्छानुसार फल-पौध का चयन एवं आवेदन कर सकते हैं।
किसान की ओर से शुष्क बागवानी योजना (Dry Gardening Plan) के लिए चिह्नित किये गए प्लाट पर ड्रिप सिंचाई सिस्टम की स्थापना पूर्व में नहीं गई हो। यदि किया गया है, तो योजना हेतु चिह्नित प्लाट पर किसी प्रकार का पौधरोपण का कार्य नहीं किया गया होना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के बाद ही प्लाट योजना के लिए मान्य होगा।
योजना के अनुसार कटहल के पौधे से पौधे की दूरी 10X10 रखी जानी चाहिए। वहीं एक हैक्टेयर में करीब 100 पौधों का रोपण किया जा सकता है।
कटहल की खेती पर सब्सिडी के लिए राज्य के किसान ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी उनमें आधार कार्ड, जमीन के कागजात, आवेदक का मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक हो तथा किसान के बैंक खाते की पासबुक की कॉपी शामिल है। किसान सब्सिडी के लिए इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/Home.aspx पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। वहीं इस योजना की अधिक जानकारी के लिए किसान प्रखंड उद्यान पदाधिकारी या अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान से संपर्क कर सकते हैं।
कटहल की खेती से कितना मिलेगा उत्पादन
कटहल की खेती करने वाले जानकारों के मुताबिक एक कटहल का वजन 20 किलोग्राम तक होता है और एक पेड़ पर करीब 30 कटहल प्राप्त होते हैं। यानि आपको एक पेड़ से 600 किलोग्राम कटहल प्राप्त होगा। वहीं ऐसे ही 100 पौधे लगाए जाते हैं तो आपको 60,000 किलोग्राम का उत्पादन प्राप्त होगा।
यदि कम से कम भी भाव यदि 30 रुपए प्रति किलोग्राम भी लगाया जाए तो आप कुल उत्पादन 60,000X30=18,00,000 रुपए इसे बेचने से मिलेंगे। इसमें से यदि लागत एक लाख रुपए भी आती है तो उसे हटा भी दी जाए तो भी आप इससे 17,00,000 रुपए की कमाई कर सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों आयशर ट्रैक्टर, वीएसटी ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।
अगर आप नए ट्रैक्टर, पुराने ट्रैक्टर, कृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।