प्रकाशित - 21 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए कृषि वानिकी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत बिहार में बागवानी करने की इच्छा रखने वाले किसानों के लिए खुशखबर है। पारंपरिक अनाज की खेती करने वाले किसान अक्सर मेड़ पर कोई पौधा नहीं लगाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें उस छोटी सी जमीन का बड़ा फायदा नहीं मिल पाता है। राज्य सरकार, बिहार द्वारा किसानों के लिए एक कल्याणकारी योजना चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत बिहार के किसानों को मेड़ पर पेड़ लगाने पर भारी सब्सिडी दिया जा रहा है। जो किसान इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं और पारंपरिक कृषि साथ बेर, जामुन आदि पेड़ को लगाना चाहते हैं, वह इस योजना में आवेदन कर सकते हैं।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम बिहार हॉर्टिकल्चर योजना की जानकारी, पात्रता, और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी दे रहे हैं।
शुष्क फसलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार कृषि विभाग द्वारा ये योजना लाई गई। पीएम किसान सिंचाई योजना आधारित शुष्क बागवानी योजना का उद्देश्य प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाना और बागवानी फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देना है। योजना के तहत किसानों को नींबू की खेती, आंवला, बेर, जामुन आदि के पेड़ लगाने पर किसानों को 50% तक अनुदान दिया जाएगा। अधिकतम अनुदान की राशि 30000 रुपए प्रति हेक्टेयर रखी गई है। बताया जा रहा है कि सरकार के इस कदम से प्रदेश में बागवानी फसलों के उत्पादन को बल मिलेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को फल फसलों के लिए कुल लागत का 50% अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि इन फलों की बागवानी के लिए अधिकतम 60 हजार रुपए की लागत का 50% अनुदान 30000 रुपए किसानों को दिए जाएंगे। बिहार के इस हार्टिकल्चर योजना से मिलने वाले लाभ की राशि कुल तीन वर्षों में किसानों को दिए जाएंगे। जिसका अनुपात 60:20:20 होगा। यानि पहले साल किसान को 18000 रुपए, दूसरे साल किसान को 6000 रुपए और तीसरे साल किसान को 6000 रुपए दिए जाएंगे। इस तरह कुल 30 हजार रुपए का अनुदान किसान को मिल जाएगा। बता दें कि किसान 0.1 हेक्टेयर से अधिकतम 4 हेक्टेयर जमीन के लिए अनुदान ले सकते हैं। और किसान द्वारा मेड़ पर लगाए गए पौधों के लिए समानुपातिक रकवा को ही अनुदान के लिए मान्य किया जाएगा।
ऐसे किसान जो बिहार राज्य के स्थाई निवासी हैं और न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर जमीन के मालिक हैं। वे इस योजना का लाभ ले सकते हैं। हालांकि इसके अलावा भी कुछ पात्रता शर्तें रखी गई है। जैसे किसान के खेत में ड्रिप सिंचाई उपकरण का संस्थापन अनिवार्य रूप से होना चाहिए। इस योजना का लाभ लेने के लिए खेतों में सूक्ष्म सिंचाई का होना आवश्यक है।
योजना के तहत दिए जा रहे लाभ को पाने के लिए ये जरूरी है कि किसान पीएम सिंचाई योजना के लाभार्थी हों। तभी किसान इस योजना के तहत इन फसलों की खेती कर सकते हैं। इसके अलावा इन फसलों की बागवानी करते समय में कुछ सवाल किसान के मन में आते हैं जैसे आंवला, बेर, कटहल, जामुन, बेल, अनार, नींबू , मीठा नींबू की खेती पर अनुदान के लिए किसान कितना पेड़ खरीदें और बागवानी में पौधों से पौधों के बीच की दूरी क्या रखें, तो इसके बारे में पूरी जानकारी के लिए ध्यानपूर्वक इस चार्ट को जरूर देखें।
क्रम संख्या | पेड़ का नाम | पेड़ से पेड़ के बीच की दूरी | कुल पेड़/पौधों की संख्या (प्रति हेक्टेयर ) | किसान अंश की राशि |
---|---|---|---|---|
1. | बेल | 8×8 | 156 | 0 |
2. | अनार | 5×5 | 400 | 0 |
3. | नींबू | 5×5 | 400 | 0 |
4. | मीठा नींबू | 5×5 | 400 | 0 |
5. | जामुन | 8×8 | 156 | 0 |
6. | कटहल | 10×10 | 100 | 0 |
7. | बेर | 6×6 | 278 | 0 |
8. | आंवला | 6×6 | 278 | 0 |
इस तरह किसान प्रति हेक्टेयर पौधों की संख्या के हिसाब से और पौधों के बीच के दूरी के हिसाब से खेत में इन पेड़ों को लगाकर अच्छी आमदनी कर सकते हैं और साथ ही बिहार सरकार द्वारा वृक्षारोपण पर सरकारी सब्सिडी का लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।
शुष्क फसलों को बढ़ावा देने वाली इस योजना का लाभ लेने के लिए बिहार सरकार के हॉर्टिकल्चर या बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा और वहां ऑनलाइन आवेदन देना होगा। ऑनलाइन आवेदन करने के लिए किसान horticulture.bihar.gov.in/HORTMIS/PMKSY_DryLandHorti/ShuskBagwaniOnlineApp2022.aspx इस लिंक को खोलें।
आवेदन पूर्ण होने के बाद पात्र किसानों को बागवानी के लिए, सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर फ्रूट, देसरी, वैशाली द्वारा पौधा उपलब्ध करा दिया जाएगा।
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