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बारिश और ओलावृष्टि से इन तीन राज्यों में हुए फसल नुकसान का मुआवजा देगी सरकार

प्रकाशित - 05 Mar 2024

जानें, किन किसानों को मिलेगा मुआवजा और इसके लिए कहां करना होगा आवेदन

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से देश में कई राज्यों में गेहूं व सरसों (wheat and mustard) की खड़ी फसल को नुकसान पहुंचा है। इससे किसान परेशान हैं। किसानों की इस परेशानी को समझते हुए राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर किसानों को मुआवजा दिए जाने की घोषणा कर रही है। इसके लिए सर्वे कराने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश और हरियाणा में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं। ऐसे में हरियाणा राज्य सरकार ने किसानों को मुआवजा सहायता राशि दिए जाने का ऐलान कर दिया है। सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव सहायता की जाएगी ताकि उनके नुकसान की भरपाई की जा सके।

राज्य के किसान कहां दर्ज कराएं नुकसान की रिपोर्ट (Where should farmers of the state file loss reports?)

बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से हरियाणा में गेहूं व सरसों की (wheat and mustard) फसल को भारी नुकसान हुआ है। किसानों को हुए नुकसान से राहत दिलाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्‌टर ने किसानों से अपील की है कि वे बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से फसलों के नुकसान की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज कराएं, उनके नुकसान की भरपाई की जाएगी। फसल नुकसान की जानकारी किसान इस पोर्टल पर 15 मार्च 2024 तक अपलोड कर सकते हैं।

मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन जरूरी (Registration required on Meri Fasal Mera Byora portal)

फसल नुकसान मुआवजा को लेकर राज्य सरकार ने कहा है कि किसानों को फसलों को हुए नुकसान के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (my crop my details portal) पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए आवश्यक दस्तावेज के रूप में परिवार पहचान पत्र को अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार ने अभी तीन जिलों अंबाला, यमुनानगर और पंचकूला के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल को खोला है। ऐसे में इन तीन जिलों के किसान 10 मार्च तक अपनी फसल का मुआवजा लेने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

राज्य के किसानों को कैसे मिलेगा फसल नुकसान का मुआवजा (How will farmers of the state get compensation for crop loss?)

बेमौसमी बारिश व ओलावृष्टि से जिन किसानों की फसल को नुकसान हुआ है। उन्हें सबसे पहले खुद नुकसान की जानकारी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद राजस्व अधिकारी किसान के खेत में सर्वे का कार्य करेंगे। रिपोर्ट तैयार कर सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद किसानों के बैंक खाते में फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। राज्य के जो किसान फसल नुकसान मुआवजा प्राप्त करना चाहते हैं, वे पोर्टल की वेबसाइट https://ekshatipurti.haryana.gov.in/ पर जाकर अपनी फसलों के नुकसान का विवरण निर्धारित समय से पहले भर दें। हरियाणा सरकार ने पहले से शर्तें रखी हुई है कि उन्हीं किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान किया जाएगा जिनका रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर दर्ज होगा।

राज्य में कितना हुआ है फसलों को नुकसान (How much damage has been done to crops in the state?)

राज्य में हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं व सरसों की खड़ी फसल को नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि सूबे के 570 गांवों में बारिश और ओलावृष्टि का प्रभाव देखने को मिला है। इसमें से 200 से अधिक गांवों में करीब 3 लाख हैक्टेयर में गेहूं और सरसों की फसल को नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। हालांकि कृषि विभाग की ओर से अभी तक नुकसान कोई स्पष्ट आंकड़ा जारी नहीं किया गया है। किसानों की परेशानी को देखते हुए राज्य सरकार ने स्पेशल गिरदावरी का काम 15 मार्च तक बढ़ा दिया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि पिछले दिनों हुई बारिश के बाद से सूबे में गिरदावरी का काम पहले से चल रहा है। अब मौजूदा बारिश और ओलावृष्टि के कारण फसलों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए स्पेशल गिरदावरी के आदेश दिए गए हैं जिसे 15 मार्च 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा।

किसानों को कितना मिलेगा मुआवजा (How much compensation will farmers get)

हरियाणा में जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं करवाया है उन किसानों को फसल के 75 फीसदी से अधिक नुकसान के लिए 15,000 रुपए प्रति एकड़ और 50 से 75 प्रतिशत के बीच फसल नुकसान होने पर 12,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। वहीं जिन किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के तहत फसलों का बीमा करवाया है, उन किसानों को योजना के नियमों के अनुसार 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान पर मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।

उत्तर प्रदेश में भी फसल नुकसान का सर्वे के निर्देश (Instructions for survey of crop loss in Uttar Pradesh also)

यूपी में पिछले दिनों हुई बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को किसानों की फसलों को हुए नुकसान का सर्वे करने के निर्देश दिए हैं ताकि उनके नुकसान की भरपाई की जा सके। प्रदेश के सभी जनपदों में सर्वे का कार्य चल रहा है। फसल नुकसान के अलावा आकाशीय बिजली से हुई जनहानि और पशुहानि का भी सर्वे किया जा रहा है ताकि प्रभावित व्यक्ति को मुआवजा दिया जा सके।

किसान राहत पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा डेटा (Data will be uploaded on Farmer Relief Portal)

प्रमुख सचिव राजस्व पी. गुरु प्रसाद ने बताया कि सीए के निर्देशानुसार बारिश और ओलावृष्टि से हुए फसलों के नुकसान का सर्वे कार्य शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा सर्वे से जो किसान छूट जाएंगे उनके लिए विशेष क्षेत्रीय शिविर लगाया जाएगा। इसके डेटा से जुड़ी जानकारी राहत पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। राहत आयुक्त जीएस नवीन के अनुसार झांसी, इटावा, ललितपुर, सहारनपुर सहित सभी जिलों में नुकसान का आंकलन किया जा रहा है।

24 घंटे में खाते में मुआवजा राशि देने की कोशिश (Efforts will be made to credit the compensation amount into the account within 24 hours)

सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश में कहा है कि संबंधित विभाग को विवरण उपलब्ध कराया जाए जिससे किसानों के खाते में 24 घंटे के भीतर क्षतिपूर्ति की धनराशि खाते में भेजी जा सके। सीएम के आदेश की पालना में सोमवार को सहारनपुर के जिलाधिकारी सहित अधिकारियों ने किसानों से संपर्क किया और खेतों में जाकर फसल नुकसान का जायजा लिया।

मध्यप्रदेश भी मौसम से फसलों को भारी नुकसान, मुआवजे की मांग (Madhya Pradesh also suffers heavy loss to crops due to weather, demand for compensation)

हरियाणा, उत्तर प्रदेश की तरह ही मध्यप्रदेश में भी कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मध्यप्रदेश के गुना जिले में आंधी के साथ हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की रबी की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। यहां तेज हवा से गेहूं, सरसों की फसल खेतों में बिछ गई है जिससे उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा ओलावृष्टि और बारिश से धनिया व मसूर की फसल को भारी नुकसान हुआ है। जिले के कंचनपुरा, खयावदा, पुरा पोसर, विन्ख्याई, सकतपुर, किशनगढ़ और म्याना सहित दर्जनों गांवों में फसल को नुकसान होने के समाचार मिले हैं।

किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है। किसानों ने अभी तक प्रशासन की ओर से उनके पास कोई अधिकारी सर्वे के लिए नहीं पहुंचने पर नाराजगी जताई है। नाराज किसानों ने नेशनल हाईवे 46, स्टेट हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। किसानों ने राज्य और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने की बात कही है। इधर फसल नुकसान के संबंध में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया व सांसद केपी यादव ने किसानों को आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है। इतना ही नहीं सांसद केपी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है। वहीं गुना कलक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि ओलावृष्टि से 15 गांव प्रभावित हुए हैं। गुना एसडीएम द्वारा नुकसान का सर्वे किया जा रहा है।

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