फसल नुकसान मुआवजा : किसानों को 32,000 प्रति हेक्टेयर की दर से मिलेगा मुआवजा

Share Product प्रकाशित - 02 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

फसल नुकसान मुआवजा : किसानों को 32,000 प्रति हेक्टेयर की दर से मिलेगा मुआवजा

फसल नुकसान मुआवजा : प्रदेश के कई जिलों में फसल खराब होने की सूचना, सर्वे के आदेश

किसानों की फसलों की सुरक्षा के लिए पीएम फसल बीमा योजना (PM fasal beema yojana) चलाई जा रही है। इस योजना के तहत किसानों को प्राकृतिक कारणों से हुए नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। इसमें बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, तूफान, आंधी से हुए फसल नुकसान का मुआवजा शामिल है। इसी कड़ी में पिछले दिनों मध्यप्रदेश हुई बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से कई जिलों में किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है। ऐसे में राज्य सरकार ने प्रभावित किसानों के खेतों में फसल को हुए नुकसान का सर्वे करने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं। बताया जा रहा है कि जिन किसानों की फसलों को बारिश व ओलावृष्टि से नुकसान हुआ है उन्हें 32,000 रुपए प्रति हैक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य में कई जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। इससे किसान परेशान हैं। इसे देखते हुए प्रशासन की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। फसल नुकसान की रिपोर्ट सरकार को भेजी जा रही है। इस संबंध में राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा कि फसल में 50 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने पर 32,000 रुपए प्रति हैक्टेयर की दर से राहत राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। वह शाजापुर जिले के मोहम्मदपुर और बापचा गांवों में ओलावृष्टि से प्रभावित फसलों का निरीक्षण कर रहे थे।

ओलावृष्टि से किन फसलों को हुआ नुकसान (Which crops were damaged due to hailstorm)

वर्मा के मुताबिक ओेलावृष्टि से हुए नुकसान का सर्वे करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। सर्वे के बाद किसानों को राहत राशि प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि से गेहूं, चना, मसूर, धनिया और प्याज आदि की फसल को नुकसान पहुंचा है। फसलों के नुकसान के आधार पर राहत राशि प्रदान की जाएगी। बता दें कि सूबे के कुछ क्षेत्रों में 26 फरवरी को भी बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि हुई थी जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा था। उन्होंने अधिकारियों को फसल नुकसान का सर्वे संवेदनशीलता के साथ करने के निर्देश दिए जिससे किसानों को परेशानी नहीं हो।

राज्य के किन क्षेत्रों में हुआ है फसलों को नुकसान (In which areas of the state have crops been damaged?)

पश्चिमी विक्षोभ से बिगड़े मौसम के कारण हुई बेमौसमी बारिश के कारण 26 व 27 फरवरी को जबलपुर, शहडोल, ग्वालियर एवं नर्मदापुरम के सभी जिलों व रीवा संभाग के कुछ जिलों में फसल को नुकसान हुआ है। सागर, दमोह, खंडवा, इंदौर, टीकमगढ़, निवाड़ी, छतरपुर, सतना, बड़वानी, पन्ना, भोपाल, विदिशा, रायसेन, खरगोन, सिंगरौली एवं सीधी जिलों में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है।  

फसल मुआवजे के लिए कितनी राशि की गई है मंजूर (How much amount has been approved for crop compensation?)

राजस्व मंत्री वर्मा ने बताया कि इससे पहले 11 से 14 फरवरी 2024 के बीच राज्य के कई क्षेत्रों में बारिश और ओलावृष्टि हुई थी। आठ जिलाें में सर्वे के बाद 25 तहसीलों के 196 गांवों में 17 करोड़ 81 लाख रुपए की राहत राशि वितरित करने की प्रक्रिया चल रही है। इससे 16 हजार 481 किसानों को राहत मिलेगी। इस बार भी किसानों को सर्वे के बाद जल्द ही उन्हें फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा।

कितने फसल नुकसान पर किसानों को मिलता है मुआवजा (How much compensation do farmers get for crop loss?)

सरकार की ओर से चलाई जा रही पीएम फसल बीमा योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान की भरपाई की जाती है। इस योजना के तहत किसानों को मौसम से हुए नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा राशि किसानों को 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसलों के नुकसान पर दिया जाता है।

फसल नुकसान होने पर किसान कहां दे सूचना (Where should farmers inform about crop loss?)

किसानों को फसल नुकसान की सूचना कृषि विभाग और बीमा कंपनी को 72 घंटे के भीतर देनी होती है। फसल नुकसान की सूचना पर कृषि विभाग और बीमा कंपनी के अधिकारी फसल नुकसान का सर्वे करते हैं और इसके बाद शासन को रिपोर्ट भेजी जाती है। इसके बाद बीमा कंपनी फसल में हुए नुकसान के हिसाब से मुआवजा राशि प्रभावित किसानों को देती है। हर राज्य में अलग-अगल बीमा कंपनियां कार्यरत है जो किसानों का बीमा करती हैं। ऐसे में किसानों को फसल नुकसान की सूचना उस बीमा कंपनी को देनी चाहिए जिससे उन्होंने बीमा कराया है। बीमा कंपनी का टोल फ्री नंबर भी आपको बीमा कंपनी द्वारा दी गई पॉलिसी में आपको मिल जाएगा। आप इस नंबर पर बीमा कंपनी को सूचना दे सकते हैं।

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