प्रकाशित - 16 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
फरवरी माह में कहीं तेज धूप के साथ तापमान में बढ़ोतरी हो रही है तो कहीं बारिश और ओलों से फसलों को नुकसान हो रहा है। इस समय मौसम का मिजाज काफी बदला हुआ है जो किसी के समझ नहीं आ रहा है। हालांकि मौसम विभाग की ओर से समय-समय पर अलर्ट जारी किए जाते हैं। इसके बावजूद मौसम का रूख ऐसा बना हुआ है जिसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। ऐसे में किसानों की फसलें इस मौसम से खराब हो रही है। पिछले दिनों यूपी में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई। इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। इसके लिए सरकार ने फसल नुकसान का सर्वे कार्य शुरू कर दिया है ताकि मौसम से किसानों की फसलों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी बांदा जिले में बेमौसम और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि यहां किसानों की सरसों, चना, मसूर और गेहूं की फसल पूरी तरह से खराब हो गई है। बारिश के साथ आई तेज हवाओं के कारण तैयार फसल आड़ी हो गई और बारिश से खराब हो गई। फसल नुकसान की जानकारी मिलते ही जिले की डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से मौके पर जाकर निरीक्षण करने और फसल नुकसान का आंकलन करके रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में सर्वे रिपोर्ट तैयार की जाएगी और जिन किसानों को मौसम से नुकसान हुआ है उनको मुआवजा दिया जाएगा।
पिछले दिनों 13 व 14 फरवरी को चित्रकूट जिले से सटे गांवों जिसमें कालिंजर थाना क्षेत्र सबसे ज्यादा ओलावृष्टि हुई। यहां पर दर्जनों गांवों में सैकड़ों एकड़ जमीन में बोई गई फसलों को नुकसान हुआ है। वहीं बांदा जिले के नरैनी तहसील क्षेत्र में बारिश के साथ ओले गिरने से कई गांवों के किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन बोई गई फसलों का नुकसान हो गया। इसी प्रकार प्रयागराज में भी कोराव तहसील में बीते दो दिनों में हुई बारिश व ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान हुआ है।
तहसील क्षेत्र के पत्थरताल, देवघाट, बडोखर, खीरी, लेडीयारी, सुहास क्षेत्र के कई गांवों में बारिश व ओलावृष्टि से किसान की फसलों को नुकसान पहुंचा है। इसी प्रकार चित्रकूट जिले में ओलावृष्टि हुई जिससे नौ गावों में फसलों को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा है। अनुमान के मुताबिक यहां डेढ़ सौ हैक्टेयर से ज्यादा गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है। इसके अलावा भरतकूप और मानिकपुर क्षेत्र में सरसों, चना की फसल को नुकसान हुआ है। बारिश का पानी खेत में भरने से मटर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है।
कृषि उप निदेश राजकुमार के मुताबिक सर्वे का काम कृषि विभाग और राजस्व विभाग की टीम कर रही है। गांव-गांव जाकर सर्वे का काम किया जा रहा है। तहसील के अफसर, लेखापाल, कृषि विभाग के कर्मचारी, कृषि बीमा के कर्मचारी गांव-गांव जाकर नुकसान का आंकलन कर रहे हैं। जल्द ही रिपोर्ट बनाकर सौंपी जाएगी और किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।
जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा कराया है। वह किसान नुकसान की जानकारी अपनी बीमा कंपनी जिससे उन्होंने बीमा करवाया है, उसे दे सकते हैं। इसके अलावा अपने जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों को भी फसल नुकसान की जानकारी दी जा सकती है। पीएम फसल बीमा योजना के नियम के अनुसार किसानों को फसल नुकसान के 72 घंटे के भीतर नुकसान की सूचना बीमा कंपनी को देनी होती है।
पीएम फसल बीमा योजना (PM fasal beema yojana) के तहत किसानों को प्राकृतिक आपदा जैसे- आंधी, तूफान, बारिश, ओलावृष्टि से फसल को होन वाले नुकसान पर मुआवजा दिया जाता है। यह मुआवजा किसान को फसल में 33 प्रतिशत या उससे अधिक नुकसान होने पर दिया जाता है। इसके लिए कृषि विभाग व फसल बीमा के अधिकारी खेत की फसलों का सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करते हैं और उसी रिपोर्ट के आधार पर किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा प्रदान किया जाता है।
यूपी के कई जिलों में बीते दिनों हुए बारिश और ओलावृष्टि से फसलों में हुए नुकसान पर सर्वे के बाद रिपेार्ट बनाकर सरकार को सौंपी जाएगी। सरकार के निर्देश के बाद कृषि विभाग और बीमा कंपनी की ओर से फसल बीमा मुआवजा राशि निर्धारित की जाएगी। इसके बाद सरकार की ओर से किसानों को मुआवजा राशि का वितरण किया जाएगा। बताया जा रहा है कि प्रदेश के जिन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसलें खराब हुई हैं उनको जल्द ही मुआवजा राशि प्रदान की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Pradhan Mantri Fasal Beema Yojana) तथा चयनित जनपदों में पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना संचालन किया जा रहा है। इसमें खरीफ बुवाई सीजन के लिए धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, उर्द, मूंग, तिल, सोयाबीन, मूंगफली व अरहर को अधिसूचित किया गया है। वहीं रबी की फसलों में गेहूं, जौ, चना, मटर, मसूर, लाही-सरसों, अलसी व आलू को अधिसूचित किया गया है। इसके अलावा औद्यानिकी या बागवानी फसलों में फसलों में मिर्च, केला व पान को खरीफ मौसम में तथा हरी मटर, टमाटर, शिमला मिर्च व आम को रबी मौसम में पुर्नगठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचित किया गया है।
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