प्रकाशित - 13 Aug 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
जलवायु परिवर्तन (Climate change) के कारण इस साल भी असामान्य बारिश (unusual rain) से कई राज्यों में बहुत अधिक बारिश से फसलों को नुकसान हुआ है। ऐसे में किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए राज्य सरकार ने उन्हें मुआवजा दिए जाने का निर्णय लिया है। निर्णय के अनुसार जिन किसानों की फसलों को अत्याधिक बारिश से नुकसान हुआ है उन्हें प्रति एकड़ 15,000 रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। अपनी फसलों में हुए नुकसान का मुआवजा (compensation for damage to crops) पाने के लिए किसान 18 अगस्त तक फसलों में हुए नुकसान की सूचना विभाग को दे सकते हैं। इन सभी किसानों को 7 सितंबर 2023 तक मुआवजा राशि दे दी जाएगी। राज्य सरकार के इस फैसले से लाखों किसानों को राहत मिलेगी। बता दें कि इस साल बारिश से कई इलाकों में जलभराव के कारण किसानों की फसलें तबाह हुई है। वहीं मवेशी और मकानों को भी नुकसान पहुंचा है। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से बिना देर किए किसानों को बारिश से फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी जा रही है और इसके लिए उन्हें 7 सितंबर तक फसल नुकसान का मुआवजा दिया जा रहा है। राज्य के वे सभी किसान जिनकी फसलें बारिश के कारण खराब हुई है वे बिना देरी किए इसकी सूचना प्रशासन को दें और फसल नुकसान की लिस्ट में अपना नाम जुड़वाएं ताकि उन्हें सरकार की ओर से दिए जा रहे फसल नुकसान का मुआवजा (compensation for damage to crops) मिल सकें।
हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि जिन किसानों की फसलों को बाढ़ या ज्यादा बारिश से नुकसान हुआ है उनका आंकलन करके 7 सितंबर 2023 तक किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की धनराशि ट्रांसफर कर दी जाएगी। उन्होंने यह जानकारी एक पत्रकार वार्ता में दी। बता दें कि हरियाणा में बारिश से प्रभावित फसलों में हुए नुकसान पर 15,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा देना तय किया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि इससे पहले भी ज्यादा बारिश से फसलों को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है। लेकिन इस साल सरकार ने राज्य में पहली बार बाढ़ घोषित की है ताकि प्रभावित किसानों की फसलों को पहुंचे नुकसान की भरपाई की जा सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में आई बाढ़ के दौरान करीब 1475 गांवों में जल भराव की स्थिति बन गई है। वहीं राज्य में करीब 4 लाख 8 हजार एकड़ में फसलों को बाढ़ से नुकसान हुआ है। उन्होंने किसानों से अपील की है कि यदि किसी किसान ने अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट अभी तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड नहीं की है तो वह 18 अगस्त तक पोर्टल पर इसकी रिपोर्ट अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद नुकसान की सभी रिपोर्ट्स मिलने के बाद आंकलन किया जाएगा और 7 सितंबर तक प्रभावित किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की राशि को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
बारिश या बाढ़ से हुई फसल नुकसान की रिपोर्ट किसान हरियाणा किसान फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दे सकते हैं। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर प्रदर्शित की गई सूचना के अनुसार क्षतिपूर्ति पोर्टल पर वही किसान अप्लाई कर सकते हैं जिस गांव में फसल खराब हुई है और खराबा के अधीन आने वाले गांव का चयन डिप्टी कमिश्नर ऑफिस द्वारा किया जा रहा है। यदि किसी गांव में फसल खराब हुई है और किसान खराबा दर्ज कराना चाहता है तो कृपया पहले उपायुक्त से अनुमति प्राप्त कर ले और इसके बाद जिला राजस्व अधिकारी से संपर्क करें। बता दें कि ई-फसल क्षतिपूर्ति सूचना देने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर फसल का पंजीकरण करना अनिवार्य है। मेरी फसल मेरा ब्यौरा के क्षतिपूर्ति पोर्टल पर लॉगिन के लिए आप पीपीपी आईडी, एमएफएमबी आईडी, मोबाइल नंबर इन तीनों में से किसी एक का उपयोग करके लॉगिन कर सकते हैं।
किसानों को बारिश या बाढ़ से खराब हुई फसलों का मुआवजा समय पर मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार ने बड़े निर्णय लिए हैं। इसके तहत सरकार की ओर से तीन महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसमें पहला पटवारियों की कमी को पूरा करने के लिए क्षतिपूर्ति सहायक लगाए जा रहे हैं ताकि फसलों के नुकसान का आंकलन समय पर हो सके। दूसरा निर्णय यह लिया है कि ज्यादा बारिश या गैर बाढ़ वाले क्षेत्रों में गिरदावरों की सहायता के लिए आवश्यकतानुसार गिरदावर सहायक लगाए जाएंगे। वहीं तीसरे और अहम निर्णय की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यमुना नदी में बाढ़ या ज्यादा बारिश के दौरान पानी का बहाव तेज होने के कारण यमुना के साथ लगते यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत तथा पलवल, फरीदाबाद जिले में यमुना के आसपास के खेतों में जमीन का कटाव हो जाता है जिसके कारण किसानों की फसलों का नुकसान होता है। वहीं उनके खेतों में भारी मात्रा में गाद जमा हो जाती है। ऐसे प्रभावित किसानों के हित में पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया गया है जिससे उन्हें लाभ होगा।
जिन किसानों के खेतों में गाद जमा हो जाती है उन किसानों के हित में राज्य सरकार पॉलिसी बनाने जा रही है। इसके तहत किसान के खेत में एकत्रित हुई गाद की नीलामी की जाएगी। इस नीलामी से मिलने वाली 10 लाख रुपए तक की धनराशि में से एक तिहाई हिस्सा किसान का होगा और दो तिहाई हिस्सा सरकार के खाते में जाएगा। इस पॉलिसी से किसान और सरकार दोंनों का लाभ होगा। देश में हरियाणा एक मात्र राज्य होगा जो सबसे पहले ऐसी पॉलिसी बनाने जा रहा है।
क्षतिपूर्ति पोर्टल लिंक- https://fasal.haryana.gov.in/farmer/kharabalogin
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल लिंक- https://fasal.haryana.gov.in/
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