खजूर की खेती के लिए मिलेगी 75 प्रतिशत तक सब्सिडी, अभी करें आवेदन

Share Product प्रकाशित - 09 Aug 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

खजूर की खेती के लिए मिलेगी 75 प्रतिशत तक सब्सिडी, अभी करें आवेदन

जानें, खजूर की खेती पर कितनी मिलेगी सब्सिडी और कैसे करना होगा आवेदन

किसानों को अलग-अलग प्रकार की खेती के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहित किया जाता है। इसके तहत उन्हें सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जाता है। सब्सिडी मिलने से किसान कम लागत में फसलों की खेती कर सकते हैं। सरकार की ओर से फल व सब्जियों की खेती के लिए सब्सिडी का लाभ दिया जा रहा है। इसी कड़ी में खजूर की खेती (date palm farming) के लिए राजस्थान सरकार किसानों को 75 प्रतिशत तक सब्सिडी (subsidy) दे रही है। खजूर ड्राय फ्रूट (dry fruit) के अंतर्गत आता है। इसके लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (National Agriculture Development yojana) के तहत किसानों को सब्सिडी (subsidy) का लाभ प्रदान किया जाता है।

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वित्तीय वर्ष 2023-24 में उद्यान विभाग की ओर से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत खजूर की खेती पर किसानों को सब्सिडी (subsidy) का लाभ दिया जा रहा है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत किसानों को टिश्यू कल्चर तकनीक (tissue culture techniques) एवं ऑफशूट तकनीक (offshoot technique) से उत्पादित खजूर पौधों के रोपण के लिए 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जा रही है। इसके लिए राज्य के 17 जिलों का चयन किया गया है। यदि किसान इस योजना के तहत अपने खेत में खजूर का बगीचा लगाता है तो उसे इस योजना का लाभ दिया जाएगा। बता दें कि राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में यह योजना बाड़मेर, चूरू, सिरोही, जैसलमेर, श्रीगंगानगर, जोधपुर, हनुमानगढ़, नौगार, पाली, जालौर, बीकानेर, झुंझुनूं आदि जिलों में संचालित की जा रही है।

खजूर के पौधे लगाने पर कितनी मिलेगी सब्सिडी (subsidy)

सहायक निदेशक उद्यानिकी विभाग जैसलमेर के अनुसार किसानों को न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर से अधिकतम 4 हैक्टेयर क्षेत्रफल में खजूर की खेती के लिए सब्सिडी दी जाएगी। चयनित जिलों के किसान टिश्यू कल्चर या ऑफशूट तकनीक से तैयार पौधों से खजूर का बगीचा तैयार कर सकते हैं। शर्त यह है कि खजूर के बगीचे की स्थापना के लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम स्थापित करना अनिवार्य होगा। इसके लिए किसानों को अलग से अनुदान दिया जाएगा। किसानों को टिश्यू कल्चर तकनीक से खजूर के पौधों का रोपण करने पर प्रति पौधा अधिकतम 3000 रुपए या प्रति पौधा इकाई लागत का 75 प्रतिशत जो भी कम हो अनुदान (subsidy) दिया जाएगा। यदि किसान ऑफशूट तकनीक से उत्पादित खजूर पौधे को खरीद कर रोपण करता है तो उसे मातृ पौधे से अलगाव के तुरंत बाद के ऑफशूट खूजर के प्रति पौधे की खरीद मूल्य 1100 रुपए का 75 प्रतिशत एवं जड़ विकसित अथवा जमाव उपरांत प्लास्टिक थैली सहित खजूर पौधे की खरीद पर 1500 रुपए का 75 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा।

खजूर की किन उन्नत किस्मों के लिए मिलेगी सब्सिडी

किसानों को खजूर के पौधरोपण के लिए प्रति हेक्टेयर उन्नत किस्म के 148 मादा पौधे व 8 नर पौधों की आवश्यकता होगी। इसमें खजूर की मादा किस्मों में बरही, खूनेजी, मेडजूल, खलास, खदरावी, हलावी, सगई जैसी उन्नत किस्में शामिल हैं। वहीं नर किस्मों में अल-इन सिटी व घनामी किस्म पर ही अनुदान दिया जाएगा।

खजूर की प्रमुख किस्में और उनकी संख्या

खजूर की नर व मादा किस्में होती है। खजूर की 148 मादा किस्म के पौधों के साथ, 8 नर पौधे लगाना जरूरी होता है। इसलिए किसानों को इसके नर और मादा दोनों को इसी अनुपात में खरीदना चाहिए यानि 148 मादा पौधों के साथ 8 नर पौधे लगाने चाहिए।

खजूर की प्रमुख मादा उन्नत मादा किस्में और उनकी कीमत

  • मेडजूल किस्म की कीमत 3433 रुपए प्रति पौधा है।
  • खलास किस्म की कीमत 2233 रुपए प्रति पौधा है।                
  • खुनैजी किस्म की कीमत 2183 रुपए प्रति पौधा है।
  • बरही किस्म की कीमत 2233 रुपए प्रति पौधा है।

खजूर की प्रमुख नर किस्में ओर उनकी कीमत

अलइल सिटी किस्म की कीमत 2433 रुपए प्रति पौधा है।
 घनामी किस्म की कीमत 2933 रुपए प्रति पौधा है।
 (ऊपर दी गई कीमत खजूर के पौधे की अनुमानित कीमत हैं, अलग-अलग नर्सरी में इसकी कीमत अलग-अलग हो सकती है।)

खजूर की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन हेतु किन दस्तावेजों (documents) की होगी आवश्यकता

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत खजूर की खेती पर सब्सिडी प्राप्त करने के लिए किसानों को आवश्यक दस्तावेजों (documents) के साथ आवेदन करना होगा। आवेदन के लिए किसानों को जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं

  • आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड/जनाधार कार्ड/ भामाशाह कार्ड
  • आवेदन करने वाले किसान का फोटो
  • खेत की जमाबंदी, नक्सा ट्रेस
  • स्थाई सिंचाई स्त्रोत का प्रमाण-पत्र
  • अलग से ड्रिप संयंत्र स्थापित करने का प्रमाण-पत्र
  • मिट्‌टी-पानी की जांच रिपोर्ट
  • बैंक खाता विवरण इसके लिए बैंक पासबुक की कॉपी
  • शपथ पत्र

कैसे करना होगा खजूर की खेती पर सब्सिडी के लिए आवेदन

किसानों को आवश्यक दस्तावेजों सहित आवेदन पत्र तैयार करके कार्यालय उपनिदेशक उद्यान में पंजीयन करवाना होगा। खजूर की खेती के लिए बगीचा स्थापित करने के लिए इच्छुक किसान को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। किसानों का पंजीयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से संपर्क कर सकते हैं।

किसान कहां से प्राप्त कर सकते हैं खजूर के पौधे

खजूर की खेती के लिए आवेदन करने पर यदि किसान का चयन हो जाता हहै तो किसान राजकीय फार्म सगरा भोजका, जैसलमेर, मेकेनाइज्ड कृषि फार्म, खारा, बीकानेर व राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों से इसके पौधे प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा ऐसे किसान जिन्होंने पूर्व में खजूर के बगीचे लगाए है और गुणवत्तायुक्त ऑफशूट उपलब्ध कराने में समक्ष है, उनसे ऑफशूट पौधे प्राप्त कर सकते हैं।

वहीं टिश्यू कल्चर के पौधे कृषक डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी से एक्रिडिएटेड प्रयोगशालाओं, अतुल राजस्थान डेटपाम लिमिटेड, चोपासनी, जोधपुर तथा विभाग द्वारा निविदा के बाद चयनित आपूर्तिकर्ता फर्म यथा नेकॉफ तथा एनएफसीडी से प्राप्त कर सकते हैं।

खजूर की खेती पर से संबंधित खास बातें

  • खजूर की रोपाई जुलाई से लेकर सितंबर में की जा सकती है।
  • खजूर के पौधे को किसी प्रकार की मिट्‌टी में लगाया जा सकता है।
  • राजस्थान खजूर की खेती के लिए उपयुक्त है। यहां की मिट्‌टी खजूर की खेती के लिए अच्छी मानी गई है।
  • इसके एक हैक्टेयर में 156 पौधे लगाए जा सकते हैं। इसमें 8 नर पौधे लगाने जरूरी हैं।
  • इसके पौधों का रोपण करते समय एक पौधे की दूसरी दूसरे पौधे से 8 मीटर और कतार से कतार की दूरी भी 8 मीटर होनी चाहिए ताकि पौधे को फैलने के लिए पर्याप्त स्थान मिल सके।
  • इस तरह खजूर के पौधे को 8 गुणा 8 के वर्गाकार स्थान पर लगाना चाहिए।
  • इस पौधे को लगातार पानी की आवश्यकता होती है। इसके लिए ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाना अच्छा रहता है। क्योंकि इसके तने और फल लगने वाले हिस्से को गर्मी की आवश्यकता होती है।
  • खजूर के मीठे फसल को चींटियों, पक्षियों और गिलहरियों से बचाने के लिए इसे ढंक कर रखा जाता है।
  • खजूर की खेती से संबंधित और अधिक जानकारी आप अपने जिले के उद्यानिकी विभाग से प्राप्त कर सकते हैं।

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