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सहजन की खेती पर मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी, अभी करें आवेदन

प्रकाशित - 11 Nov 2022

जानें, क्या है बिहार राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा लाभ

हमारे देश में किसान अब पारंपरिक खेती के साथ-साथ अपनी आय में वृद्धि करने के लिए नई-नई फसलों की खेती कर रहे हैं। सरकार भी किसानों को नई फसलों की खेती करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों की मदद करती हैं। इन योजना का लाभ उठाकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। कोरोना काल के बाद से ही भारत व विश्व में औषधीय पौधों की मांग बढ़ रही हैं। भारत को विश्व में जड़ी-बूटियों के बड़े उत्पादक और निर्यातक देश के तौर पर देखा जाता है। इसी में शामिल है सहजन, इसके पौधे का हर हिस्सा बेहद फायदेमंद होता है। इसके फल, फूल, पत्तियों, बीजों में कई औषधीय गुण होते है। हमारे देश में पिछले कुछ सालों में किसानों का औषधीय खेती करने की तरफ रुझान बढ़ रहा हैं।

इसी कड़ी में बिहार की नीतीश सरकार किसानों के लिए एक बेहतरीन योजना लेकर आई हैं। बिहार सरकार ने सहजन की खेती करने के इच्छुक किसानों को 50 प्रतिशत का सब्सिडी लाभ देने का फैसला किया हैं। किसान भाइयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ बिहार सरकार की इस योजना से जुड़ी सभी जानकारी साझा करेंगे।

बंजर भूमि पर सहजन की खेती करने पर मिलेगी सब्सिडी

बिहार राज्य सरकार बेकार, खाली और बंजर पड़ी भूमि पर सहजन की खेती (Sehjan Farming) को बढ़ावा देने के लिए 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी का लाभ किसानों को दे रही है। सरकार की इस योजना के तहत सहजन की खेती करने के लिए 74000 रुपए प्रति हैक्टेयर की लागत सरकार द्वारा निर्धारित की गई है। किसानों को इस निर्धारित लागत पर 50 प्रतिशत यानि कि 37000 रुपए प्रति हेक्टेयर का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के परिपालन के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सहजन की खेती के लिए किसानों के समूह बनाए जाएंगे और पायटल प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी खेती होगी। इसके लिए बिहार सरकार ने 12 जिलों का चयन भी कर लिया है।

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योजना में कितनी किश्तों में मिलेगी सब्सिडी

बिहार राज्य की इस योजना के तहत सरकार ने 74000 रुपए प्रति हेक्टेयर की लागत सहजन की खेती करने के लिए तय की है, जिस पर किसान को 37000 रुपए प्रति हेक्टेयर का सब्सिडी लाभ मिलेगा। सब्सिडी राशि दो किश्तों में किसानों को दी जाएगी। सहजन की खेती के पहले साल में किसान को 27 हजार 750 रुपए का अनुदान मिलेगा, वहीं दूसरे साल में 9 हजार 250 रुपए दिए जाएंगे। हालांकि यह सब्सिडी राशि तभी मिलेगी, जब अच्छी देखभाल और प्रबंधन के माध्यम से सहजन के 90 प्रतिशत पौधे जीवित रहेंगे। इसका मतलब यह है कि अगर दूसरे साल किसी कारणवश पौधे सूख जाते हैं, तो सरकार द्वारा योजना की दूसरी किश्त नहीं दी जाएगी।

किन किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

बिहार राज्य सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य ऐसे किसानों को लाभ पहुंचाना है, जिनके पास बंजर या कम उपजाऊ भूमि है। इच्छुक किसान योजना का लाभ लेने के लिए अपने नजदीकी कृषि विभाग के अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं। बीते दिनों राज्य सरकार द्वारा बिहार के करीब 12 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया था। इन जिलों में पानी की कमी होने के कारण खेती करने में किसानों को दिक्कत और मुश्किल हो रही थी। ऐसे में राज्य सरकार ने किसानों को सहजन की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए योजना चलाई है। जिससे किसान कम संसाधनों में भी अच्छा मुनाफा कमा सकें। 

सहजन की खेती के लिए पौधे और मार्केटिंग की व्यवस्था करेगी सरकार

सरकार की इस योजना के तहत सहजन की खेती करने के लिए पौधे भी 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल' की हाइटेक नर्सरी से किसानों को दिए जाएंगे। ताकि 100 फीसदी पौधे जीवित रह सकें और किसानों को सब्सिडी का लाभ भी मिल सके। योजना का दूसरा बड़ा फायदा यह है कि किसानों को सहजन की खेती करने के बाद फसल बेचने के लिए सरकार बाजार भी उपलब्ध कराएगी। उपज की मार्केटिंग में बिहार उद्यान विभाग किसानों की मदद करेगा।

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सहजन की खेती करके कमा सकते हैं लाखों का मुनाफा

सहजन एक औषधीय पौधा है। इस पौधा का हर हिस्सा बेहद फायदेमंद होता है। सहजन के फल, फूल, पत्तियों, बीजों में कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं। इसीलिए सहजन की पूरे साल डिमांड रहती है। सहजन जल्द विकसित होने वाली फसल है, इसके पौधे की रोपाई के 1 साल बाद ही फल देना शुरू कर देते हैं और सहजन के एक पौधे से करीब 25 से 30 किलोग्राम फल आसानी से प्राप्त कर सकते है। सहजन की खेती करने के लिए प्रति हेक्टेयर करीब 1600 पौधों की रोपाई की जाती है। आप सहजन की खेती करके सालाना 6 लाख रुपए तक आसानी से कमा सकते हैं। 

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