प्रकाशित - 22 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
देश के किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार पशुपालन को बढ़ावा दे रही है। पशुपालन ही एक ऐसा क्षेत्र है जिससे किसान कम लागत खर्च में ज्यादा कमाई कर सकता है। अब पशुपालकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। केंद्र सरकार की विशेष योजना के तहत अब हर गांव के पशुपालक को 10 साल की लंबी अवधि का लोन आसान शर्तों पर मिलेगा। पशुपालक लोन की इस राशि से दुधारू पशु गाय व भैंस की खरीद कर सकता है। इसके अलावा डेयरी उद्योग भी शुरू कर सकता है। इस योजना की सबसे खास विशेषता यह है कि लोन पर किसानों को भारी सब्सिडी भी मिलेगी और ब्याज दर भी इतनी कम है कि किसानों को लोन चुकाने में कोई परेशानी नहीं आएगी। कुल मिलाकर गांवों में पशुपालकों व किसानों की आय में वृद्धि के लिए यह योजना बनाई गई है। आईये, ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में जानें कि किसानों के लिए यह खास योजना क्या है?
भारत में डेयरी उद्योग से 8 करोड़ से ज्यादा किसानों को रोजगार मिला हुआ है। सरकारी नीतियों के चलते पशुपालन करने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में केंद्र सरकार की नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना से बहुत ही आसान शर्तों पर लोन लिया जा सकता है। इस लोन की सबसे खास बात इसकी लंबी अवधि और कम ब्याज दर है। नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना के तहत ब्याज दर 6.5% से 9% प्रति वर्ष है। साथ ही लोन चुकाने की अवधि 10 वर्ष तक की है।
नाबार्ड भारत का शीर्ष विकास बैंक है जिसकी स्थापना 1982 में संसद के एक अधिनियम के माध्यम से की गई। नाबार्ड ग्रामीण समृद्धि के लिए कई योजनाओं के माध्यम से वित्त व सब्सिडी की सुविधा मुहैया कराता है। नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना भी एक ऐसी ही योजना है, जिसके माध्यम से छोटे से छोटे किसान को पशुधन खरीदने और डेयरी फार्मिंग शुरू करने के लिए लोन दिया जाता है। इस योजना का फायदा उठाकर किसान पशु खरीदने के लिए 50 हजार रुपए से लेकर 12 लाख रुपए तक का लोन उठा सकता है। वहीं, डेयरी फार्मिंग के लिए 10 लाख से लेकर 25 लाख रुपए तक का लोन मिलता है।
नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना (NABARD Dairy Farm Loan Scheme) में पशुपालक किसानों को अच्छी खासी सब्सिडी मिलती है। योजना के तहत सामान्य वर्ग के किसानों को अधिकतम 3.30 लाख रुपए की सब्सिडी मिलती है जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग के किसानों को 4.40 लाख रुपए तक की सब्सिडी दी जाती है।
नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना के तहत आवेदक को 25 प्रतिशत राशि की व्यवस्था खुद ही करना होगा। जबकि शेष राशि नाबार्ड द्वारा अधिसूचित बैंकों से अनुमोदित होगी। अगर आप इस योजना के तहत दुग्ध उत्पादों के प्रोसेसिंग के लिए उपकरण खरीदते हैं तो इसके लिए अधिकतम राशि 13.20 लाख रुपए है। इस राशि पर आपको सरकार की ओर से 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 3.30 लाख रूपए मिलते हैं।
नाबार्ड डेयरी फार्म लोन योजना में आवेदन के लिए कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। जो इस प्रकार है
नाबार्ड डेयरी फार्म लोन का लाभ हर किसान तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है। योजना में आवेदन के लिए कुछ पात्रता निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है
नाबार्ड की डेयरी लोन योजना में आवेदन के लिए किसान को नाबार्ड के स्थानीय कार्यालय में जाना होगा। वहां से आवेदन पत्र लेकर उसमें सभी जानकारी सही तरीके से भरनी होगी। इसके अलावा आवेदन फार्म के साथ प्रोजेक्ट रिपोर्ट भी सबमिट करनी होगी। अगर आप कम राशि का लोन लेना चाहते हैं तो नाबार्ड से अधिसूचित बैंक से संपर्क कर सकते हैं।
देश में पशुपालक किसानों को पशुधन खरीदने व डेयरी फार्मिंग के लिए कई अन्य योजनाएं भी संचालित है। सबसे प्रमुख पशु क्रेडिट कार्ड योजना है। इसमें 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर लोन मिलता है। समय पर लोन चुकाने पर 3 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी मिलती है। इस प्रकार ब्याज दर 4 प्रतिशत पड़ती है। कुछ अन्य योजनाएं इस प्रकार है
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