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जैविक खेती के लिए 1500 करोड़ रुपए का बजट पास, ऐसे मिलेगा लाभ

प्रकाशित - 04 May 2023

जानें क्या है केंद्र सरकार की जैविक खेती योजना, और इसके फायदे

देश में जैविक खेती (Organic Farming) को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार अच्छे बीज और अच्छे जैविक खाद की व्यवस्था करने में जुटी हुई है। देश-विदेश में जैविक उत्पादों की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। ताकि किसान बाजार के इस मांग का भरपूर फायदा उठा सकें। जैविक खेती मे आ रही चुनौतियों जैसे अच्छी क्वालिटी के बीज और अच्छी क्वालिटी के उन्नत जैविक खाद (Advanced Organic Fertilizers) के निर्माण को तेजी प्रदान करने और किसानों को जैविक खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1500 करोड़ रुपए का बजट पास किया गया है। केंद्र सरकार ने इस बजट की व्यवस्था किसानों के लिए अलग से की है। सरकार रासायनिक उर्वरक के प्रयोग को सीमित करना चाहती है। इस दिशा में किसानों को ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए केंद्र सरकार प्रयासरत है। 

3 साल में एक करोड़ से ज्यादा किसान, जैविक खेती (Organic Farming) से जुड़ेंगे

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में जैविक खेती की अपार संभावनाओं को देखते हुए किसानों को बड़े पैमाने पर इस अभियान से जोड़ा जाएगा। जो किसान अच्छी फसल के लिए रासायनिक उर्वरक का ज्यादा उपयोग करते हैं, उन्हें मृदा परीक्षण करने और जैविक खाद के साथ उपयुक्त मात्रा में रासायनिक खाद (Chemical Fertilizer) का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। इस दिशा में किसानों को अधिक से अधिक जोड़ने के प्रयास में सरकार इससे जुड़ी कई योजनाओं की प्लानिंग कर रही है। एक जनसभा को संबोधित करते हुए तोमर ने कहा है कि सरकार किसानों के हित में निरंतर काम कर रही है। सरकार का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें समृद्ध करना है। यही वजह है कि सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। किसानों को फसल और मिट्टी के अनुसार उपयुक्त बीज (Suitable Seed according to Crop and Soil) और जैविक खाद एवं उर्वरक उपलब्ध कराने पर जोर दे दिया जा रहा है, ताकि किसानों की आय बढ़ाई जा सके।

जैविक खेती में सफल होने की कितनी संभावना?

जैविक खेती में किसानों को शुरुआती दौर में रासायनिक उर्वरक (Chemical Fertilizer) व खेती से कम उत्पादन का सामना करना पड़ता है। लेकिन जैविक उत्पादों का रेट (Rate of Organic Products) ज्यादा होता है जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल जाता है। धीरे धीरे धैर्य के साथ खेती करते रहने पर किसानों को जैविक खेती से अच्छा उत्पादन (Good Production from Organic Farming) मिलने लगता है और मुनाफा काफी बढ़ जाता है। इस तरह जैविक खेती एक लाभ का सौदा है। हालांकि सरकार का मानना है कि किसानों को सीधे जैविक खेती करने के बजाय पहले मिट्टी की जांच करनी चाहिए और अनावश्यक खाद और उर्वरक के प्रयोग के बजाय जैविक खाद का ही उपयोग करना चाहिए। इससे उत्पादन भी अधिक होगा और उत्पाद में रासायनिक उर्वरक की मात्रा भी ज्यादा नहीं आएगी। सरकार जैविक खेती के लिए तरह-तरह की लोक कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अनुदान भी दे रही है। 

बाजार में बढ़ रही है उत्पादों की मांग

जैविक उत्पाद की बाजार में लगातार मांग बढ़ रही है। देशभर में उपभोक्ता जैविक उत्पादों को ऑनलाइन और ऑफलाइन तरीके से खरीद रहे हैं। जैविक उत्पाद की बिक्री के लिए देशभर में कई ब्रांड भी बन चुके हैं जो अच्छी क्वालिटी के जैविक उत्पाद जैसे अनाज, शहद, आटा, चावल, दाल आदि की बिक्री करते हैं। इससे उपभोक्ताओं को स्वास्थ्य का लाभ मिलता है। आज के दौर में रासायनिक उर्वरक के बढ़ते प्रयोग से अनाज और रोजमर्रा की खाने पीने की चीजों से कई साइड इफेक्ट्स भी सामने आ रहे हैं। यही वजह है कि देश में बहुत सारे लोग जैविक उत्पाद खरीदना पसंद कर रहे हैं। भारत सरकार द्वारा लांच किए गए ई नाम पोर्टल पर कई किसान अपना जैविक उत्पाद बेचकर लाखों में कमाई (Earning in Lakhs by Selling Organic Products) कर पा रहे हैं। जैविक खेती करने वाले अधिकांश किसान जैविक खाद, हरी खाद (Green Manure) आदि के माध्यम से अपनी जमीन की उर्वरा शक्ति (Soil Fertility) बढ़ाते हैं। इससे उत्पादकता तो बढ़ती ही है, साथ ही मिट्टी को भी फायदा होता है। 

किन राज्यों में जैविक खेती को सबसे ज्यादा मिल रहा बढ़ावा

हरियाणा, उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश ये ऐसे तीन राज्य हैं जो जैविक खेती को काफी ज्यादा बढ़ावा दे रहे हैं। हालांकि देश के ज्यादातर राज्य सरकारें जैविक खेती को प्रोत्साहित कर रही है लेकिन हरियाणा, यूपी और मध्यप्रदेश में जैविक खेती को काफी ज्यादा प्रोत्साहित किया जाता है। यही वजह है कि इन राज्यों से जैविक खेती में कई किसानों ने सफलता हासिल की है।

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