प्रकाशित - 06 Mar 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा नई दिल्ली में 2 से 4 मार्च 2023 तक आयोजित पूसा कृषि विज्ञान मेले का समापन शनिवार को हुआ। इस 3 दिन दिवसीय मेले में देशभर के लाखों किसानों ने शिरकत की और कृषि क्षेत्र में हो रहे अपडेट्स को जाना। समापन समारोह के अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने मेला परिसर में लगी हुई 'पूसा एग्री कृषि हाट परिसर' का अवलोकन किया तथा मेले में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आएं हजारों प्रगतिशील किसान, महिला उद्यमी और स्टार्ट-अप्स के साथ संवाद किया।
साथ ही राज्य कृषि मंत्री ने किसानों के लिए केंद्र सरकार द्वारा संचालित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का जिक्र किया। राज्य कृषि मंत्री ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसानों व गरीबों की सरकार है इसलिए सरकार किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। पूसा कृषि विज्ञान मेला समारोह में केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने पूसा संस्थान द्वारा किसान हितों के लिए किए जा रहे प्रयासों की तारीफ करते हुए किसानों से नई तकनीकों, वैज्ञानिक नवाचारों का अधिकाधिक लाभ उठाने का आग्रह किया। राज्य कृषि मंत्री ने भारत सरकार द्वारा किसान हितों में किए जा रहे कार्यों और कृषि क्षेत्र से संबंधित योजनाओं की जानकारी देते हुए कहा कि सरकार किसानों को बीज से लेकर फसल बेचने के लिए बाजार उपलब्ध कराने तक की सुविधाएं प्रदान कर रही है, जिसकी कल्पना देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की है। देश के किसानों की मेहनत और वैज्ञानिकों के नए अनुसंधान की बदौलत भारतीय कृषि लगातार नए आयामों को प्राप्त कर रही है। केंद्र की मोदी सरकार की कृषि हितैषी योजनाओं की बदौलत युवाओं में खेती-किसानी के प्रति उत्साह जागृत हो रहा है, जिससे उन्हें रोजगार भी मुहैया हो रहा है। किसान भाइयों आज ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपके साथ कृषि विज्ञान मेले के समापन से जुड़ी सभी जानकारियां साझा करेंगे।
केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश के कृषि बजट को लगातार बढ़ाया है, जो कि वर्तमान में 1.32 लाख करोड़ रुपये है जबकि लगभग 9 साल पहले कांग्रेस सरकार के समय लगभग 23 हजार करोड़ रुपये का था। वर्तमान बजट में से आधी से ज्यादा धनराशि डीबीटी के माध्यम से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के रूप में सीधे किसानों के बैंक खातों में डाली जा रही है। केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री चौधरी ने कहा कि 2014 से पहले, देश का कृषि बजट 25,000 से 30,000 करोड़ रुपये के बीच था, लेकिन अगले वित्त वर्ष में कृषि बजट 1,50,000 करोड़ रुपये से अधिक का है। उन्होंने कहा, "जो पहले किसानों को पांच साल में दिया जा रहा था, हमारी सरकार ने एक साल के बजट में उससे कहीं ज्यादा राशि का आवंटन किया है।"
किसान मेले के आयोजन के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की तारीफ करते हुए, नीति आयोग के सदस्य प्रोफेसर रमेश चंद ने कहा कि तीन-दिवसीय मेले के दौरान किसानों ने 45 लाख रुपये से अधिक के बीज खरीदे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत अपनी कृषि उपज का 6-7 प्रतिशत निर्यात कर रहा है।
कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (डीएआरई) के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्रा ने कहा कि इस वर्ष कृषि विज्ञान मेले में 80 हजार से अधिक किसानों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि सरकार की "मेरा गांव, मेरा गौरव" योजना के तहत देश के लगभग 13,500 गांवों को कवर किया जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक हर महीने इन गांवों में जाते हैं, किसानों से बात करते हैं और देखते हैं कि वे किन समस्याओं का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं, वे अपने अनुभव से सीखते हैं और आईसीएआर को अपनी प्रतिक्रिया तथा सुझाव देते हैं। कृषि विज्ञान मेला किसानों को एक-दूसरे से सीखने का अवसर भी है।
केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकार ने न केवल फसलों की एमएसपी (MSP) को बढ़ाया है बल्कि एमएसपी पर फसलों की खरीद भी बढ़ाई है। देश में 10 हजार नये एफपीओ बनाने की प्रक्रिया के साथ ही एक लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रा फंड से गांव-गांव तक सुविधाएं पहुंचाई जा रही है।
कृषि से संबंधित क्षेत्रों के लिए भी सरकार विशेष पैकेज दे रही है। साथ ही मोटे अनाज को बढ़ावा देने के केंद्र सरकार के प्रयास दर्शाते हैं कि सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाकर देश को आत्मनिर्भर बनाने में जुटी हुई है। उन्होंने किसानों से सरकार के साथ मिलजुल कर, योजनाओं का लाभ उठाते हुए आगे बढ़ने का आग्रह किया।
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