प्रकाशित - 02 Feb 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
इस बार रबी सीजन (Rabi Season) में अधिकांश किसानों ने रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई की है और इसकी बंपर पैदावार होने की उम्मीद की जा रही है। इसी बीच सरकार ने किसानों को तोहफा देते हुए 125 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देने की घोषणा की है। इससे किसानों को गेहूं बेचने से पहले की अपेक्षा इस बार अधिक लाभ प्राप्त होगा। इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।
बता दें कि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है। वहीं गेहूं की खेती (wheat cultivation) की लागत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने किसानों को रबी फसल विपणन सीजन 2024-25 के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बोनस के रूप में अतिरिक्त लाभ देने का फैसला किया है। इसके लिए पंजीयन भी किए जा रहे हैं। प्रदेश के जो किसान गेहूं बेचने के लिए पंजीयन करना चाहते हैं वे इसके लिए पंजीयन करवा कर गेहूं की उपज विक्रय पर बोनस का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य सरकार की ओर से किसानों को प्रति क्विंटल 125 रुपए बोनस दिया जाएगा। केंद्र सरकार की ओर से गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2024-25 के लिए 2275 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस पर प्रदेश सरकार 125 रुपए बोनस के जोड़कर 2400 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसानों से गेहूं की खरीद करेगी। इससे प्रदेश के लाखों किसानों को लाभ होगा।
राज्य में गेहूं की खरीद भारतीय खाद्य निगम (Food Corporation of India) के माध्यम से की जाएगी। इसके लिए निगम द्वारा संचालित खरीद केंद्रों पर किसानों से रबी विपणन वर्ष 2024-25 के तहत गेहूं की खरीद (purchase of wheat) की जाएगी। इसके लिए किसान को भारतीय खाद्य निगम डिपो ऑनलाइन सिस्टम के ई- प्रोक्योरमेंट मोड्यूल पर ऑनलाइन पंजीयन करा सकते हैं। राज्य सरकार द्वारा 20 जनवरी 2024 से किसानों का पंजीयन शुरू हो चुका है। जिन किसानों ने अभी तक न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन नहीं कराया है, वे किसान इसके लिए ई-मित्र केंद्र (E-Mitra Center), अटल सेवा केंद्र (Atal Seva Kendra) या अन्य माध्यम से पंजीयन करवा सकते हैं। बता दें कि राज्य में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 10 मार्च 2024 से शुरू की जाएगी।
किसानों को गेहूं का एमएसपी पर विक्रय करने से पूर्व पंजीयन कराना जरूरी होगा। इसके लिए उन्हें कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, ये दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
किराये की भूमि/बटाईदार/अनुबंध भूमि- भूमि मालिक का जन आधार कार्ड, माह जिसमें बटई एग्रीमेंट हुआ है, रेंट एग्रीमेंट की कॉपी (पीडीएफ प्रारूप में जिसका अधिकतम आकार 150 केबी तक होना चाहिए)
बता दें कि पंजीकरण के लिए किसान को आवश्यक रूप से जन आधार कार्ड में जानकारी जैसे- नाम, मोबाइल नंबर, बैंक खाता आदि को अपडेट कराना सुनिश्चित करना होगा ताकि पंजीयन में कोई समस्या नहीं आए।
यदि आप राजस्थान के किसान है तो आप एमएसपी पर गेहूं की फसल बेचकर बोनस का लाभ उठा सकते हैं। इसके लिए राज्य के किसानों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया इस प्रकार है
आपके द्वारा गेहूं की उपज बेचने के लिए पंजीकरण कराने के 7 से 10 दिनों तक आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर कोई एसएमएस (संदेश) प्राप्त नहीं होता है तो इस दशा में आपको संबंधित क्रय केंद्र पर संपर्क करना चाहिए। इसके अलावा आप इस संबंध में स्वयं के पंजीकरण संख्या अथवा जन आधार से विभाग की वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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