प्रकाशित - 20 Oct 2023
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
गेहूं की खेती (wheat cultivation) करने वाले किसानों के लिए खुशखबरी है। इन दिनों गेहूं के भावों (wheat prices) में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है। गेहूं के भावों में तेजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि गेहूं के भाव (wheat prices) पिछले 8 महिने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं। दीवाली से पहले गेहूं के भावों में तेजी आने से उन किसानों व व्यापारियों को फायदा होगा जिन्होंने गेहूं का स्टॉक कर रखा है और वे अब इस समय गेहूं का विक्रय करके काफी अच्छा लाभ प्राप्त कर सकते हैं। बाजार जानकारों की मानें, तो गेहूं के भावों में आगे भी तेजी बनी रह सकती है। हालांकि सरकार की ओर से गेहूं की कीमतें कम करनेक के लिए कई कदम उठाए गए हैं जिसमें स्टॉक सीमा, निर्यात पर प्रतिबंध, खुले बाजार में गेहूं की बिक्री जैसे काम शामिल हैं। इसके बावजूद भी गेहूं की कीमतों में इजाफा हो रहा है और आगे भी गेहूं के भाव (wheat prices) और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन माध्यम से आपको देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव (wheat prices), आगे गेहूं को लेकर बाजार का क्या रूख रहेगा और भाव में तेजी बनी रहेगी या फिर गिरावट आएगी आदि बातों के बारे में जानकारी दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गेहूं के थोक भावों में तेजी देखी जा रही है। इसके भाव में 100 से लेकर 150 रुपए प्रति क्विंटल की तेजी देखने को मिल रही है। यदि बात करें मध्य भारत की तो यहो सबसे ज्यादा रेट मध्य प्रदेश की बदनावर मंडी में रहा। यहां गेहूं का अधिकतम रेट 3390 रुपए प्रति क्विंटल तक चल रहा है। मंडी में 37.1 टन गेहूं की आवक हुई है। जबकि साल 2023 के लिए गेहूं का सरकारी रेट यानि गेहूं का एमएसपी (wheat msp) 2125 रुपए है। यदि गेहूं के मंडी भाव (wheat market price) की एमएसपी से तुलना की जाए तो भावों में काफी अंतर है। मंडी में गेहूं बेचने से किसान को काफी अच्छा भाव इस समय मिल रहा है। ऐसे में वह किसान काफी खुश है जिन्होंने भाव बढ़ने के इंतजार में अपनी गेहूं की उपज को भंडारगृह में सुरक्षित रखा हुआ था और अब उसे बेच रहे हैं।
गेहूं की कीमतें बढ़ने के पीछे क्या है कारण
बाजार एक्सपर्ट्स के अनुसार दशहरा और दीवाली का त्योहार आने वाला है। इसके कारण बाजार में गेहूं की मांग (demand for wheat) में बढ़ोतरी हुई है। त्योहारी सीजन को देखते हुए इसकी बिक्री ने जोर पकड़ा है। अन्य खाद्य वस्तुओं की तरह गेहूं की भावों में इजाफा हो रहा है। मंहगाई बढ़ने से सभी वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर व्यापारियों का कहना है कि जिस तरह गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है उससे ऐसा अनुमान है कि आगे भी गेहूं के भावों में तेजी बनी रह सकती है।
राजस्थान में सबसे अधिक गेहूं का भाव/रेट (wheat price/rate) 2732 रुपए क्विंटल खानपुर मंडी में चल रहा है। मध्यप्रदेश की बदनावर मंडी में गेहूं का सबसे अधिक भाव 3390 रुपए रहा। महाराष्ट्र की कल्याण मंडी में गेहूं का भाव 3400 रुपए प्रति क्विंटल रहा। गुजरात की महुवा (स्टेशन रोड) मंडी में गेहूं का भाव 3305 रुपए प्रति क्विंटल रहा। छत्तीसगढ़ की बिलासपुर मंडी में गेहूं का भाव 2526 रुपए रहा। यूपी की महोली मंडी में गेहूं का भाव 2485 रुपए प्रति क्विंटल रहा। पश्चिम बंगाल की विष्णुपुर (बांकुडा) व खतरा मंडी में गेहूं का सर्वाधिक भाव 2900 रुपए क्विंटल रहा।
देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के भाव एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं। गेहूं के भावों में तेजी से किसान और व्यापारी दोनों खुश हैं। आपकी जानकारी के लिए हम यहां नीचे राज्यवार प्रमुख मंडियों भाव दे रहे हैं, जो इस प्रकार से हैं
गेहूं के भाव उसकी क्वालिटी को देखकर तय किए जाते हैं। यदि गेहूं की क्वालिटी (wheat quality) सही है तो आपको बाजार में अच्छा भाव मिलता है और इसके विपरित यदि आपका गेहूं टूटा, सिकुडा हुआ है दाना सही नहीं है तो बाजार में इसका भाव कम ही मिल पाएगा। गेहूं की सबसे अच्छी किस्म शरबती गेहूं (sherbati wheat) माना जाता है। बाजार में शरबती गेहूं का भाव (Sharbati wheat price), सामान्य किस्म के गेहूं के भाव (price of common wheat) से काफी ज्यादा होता है। शरबती गेहूं की खेती (Sharbati wheat cultivation) सबसे अधिक मध्यप्रदेश में की जाती है।
गेहूं के भावों को लेकर बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकार ने आयात शुल्क नहीं हटाया तो आने वाले दिनों में गेहूं के भावों में ओर तेजी आ सकती है। हालांकि सरकार खुले तौर पर ओएमएस के जरिये गेहूं का विक्रय कर रही है लेकिन ओएमएस के माध्यम से गेहूं की मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। बता दें कि सरकार ने गेहूं पर 40 प्रतिशत आयात शुल्क लगा रखा है। सरकार ने 2023 के दौरान देश में 341.5 टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा था जिसके एवज में 2.62 टन गेहूं की खरीद ही हो पाई है जो लक्ष्य से बहुत कम है। ऐसे में गेहूं के भावों में अभी फिलहाल कोई कमी होने की संभावना नजर नहीं आती है। हालांकि विधानसभा चुनावों को देखते हुए सरकार की ओर से गेहूं के भावों पर लगाम लगाने के लिए कुछ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं।
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