प्रकाशित - 13 Jun 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
आम का नाम सुनते ही सभी के मुंह में पानी आ जाता है। आम का मीठा स्वाद लोगों को खूब भाता है। आम को सादा खाने के साथ ही इसका ज्यूस बनाकर भी पीया जाता है। दुनिया भर में आम की सैंकड़ों से ज्यादा प्रजातियां है जिसकी खेती की जाती है। भारत में भी कई राज्यों में आम की खेती की जाती है। भारत में आम की करीब 1500 प्रजातियों की खेती होती है जो अलग-अलग राज्यों में की जाती है। इसी क्रम में आम की एक अनोखी प्रजाति मियाजाकी आम की चर्चा इन दिनों जोरों पर है। खास बात यह है कि इस प्रजाति के आम की कीमत 2.75 लाख रुपए प्रति किलो है। इसे दुनिया का सबसे महंगा आम बताया जा रहा है। इसकी खेती के प्रयास हमारे देश में भी किए गए हैं। कई किसानों ने इसे सफलतापूर्वक उगाया भी है।
हाल ही में पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में मैंगो फेस्टिवल का आयोजन किया गया। इसमें आम की करीब 262 से अधिक किस्मों को प्रदर्शित किया गया। आमों की अनेक प्रकार की वैरायटी के बीच दुनिया का सबसे महंगा आम मियाजाकी भी इसमें शामिल हुआ। ये आम अपने आकर्षक रंग और महंगे दाम के कारण लागों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है। खास बात ये हैं कि इस आम की कीमत हजारों में नहीं लाखों में है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस आम की कीमत 2.75 लाख रुपए प्रति किलोग्राम बताई जा रही है। वहीं मैंगो फेस्टिवल में यह आम करीब दो हजार रुपए प्रति पीस के भाव से बेचा गया।
दुनिया के सबसे महंगे आम की खेती बीरभूम के शौकत हुसैन नामक किसान कर रहे हैं और यही इस आम को लेकर मैंगो फेस्टिवल में पहुंचे। किसान शौकत हुसैन के मुताबिक उन्होंने करीब डेढ़ वर्ष पहले विदेशी जापानी मियाजाकी आम के 5 पेड़ लगाए थे। इसमें से एक पेड़ पर इस बार कुल 38 आम लगे। इसमें कुछ आमों को वह इस फेस्टिवल में लेकर आए थे। फेस्टिवल में यह आम काफी लोगों ने पसंद किया। वहीं कई लोग कौतुहलवश इस आम को देखने के लिए आए। इस आम ने यहां पहुंचे लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया।
मियाजाकी आम मुख्य रूप से जापान के मियाजाकी शहर में उगाया जाता है। इसका रंग बैंगनी होता है। इस आम को उगाने का उचित समय अप्रैल से अगस्त का होता है। बता दें कि जापान के मियाजाकी शहर जहां इस आम की खेती होती है यह शहर जापान के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह शहर गर्म जलवायु के लिए जाना जाता है। यहां का मौसम इस आम की खेती के लिए काफी उपयुक्त है। इसलिए इसकी खेती यहां प्रमुखता से की जाती है।
भारत में इस आम की खेती ऐसी जगह पर की जा सकती है जहां का तापमान अधिक हो। ऐसे में राजस्थान में इसकी खेती की संभावनाएं अधिक हैं। इसे देखते हुए राजस्थान में मियाजाकी आम का मदर प्लांट लगाया गया है। मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक किसान इस किस्म के आम की खेती कर चुके हैं। वहीं झारखंड के एक किसान ने इससे सफलतापूर्वक उगा दिया है। मीडिया में छपी खबरों के अनुसार झारखंड के जामताड़ा के रहने वाले अरिंदम और उनके भाई अनिमेष चक्रवर्ती ने इस आम को उगाने में सफलता हासिल की है। इसके अलावा मध्यप्रदेश के जबलपुर के चरगंवा रोड पर संकल्प परिहार के बगीचे में भी मियाजाकी आम का पेड़ है। यहां हर साल इस किस्म के आम पेड़ों पर लगते हैं। हालांकि संकल्प परिहार ने इस आम की हिफाजत के लिए सिक्योरिटी गार्ड के अलावा 12 विदेशी नस्ल के कुत्ते बाग की रखवाली के लिए तैनात किए हुए हैं।
मियाजाकी आम की खेती अधिक तापमान वाले इलाकों में आसानी से की जाती है क्योंकि इसे विकसित होने के लिए अधिक तापमान की आवश्यकता होती है। इसके लिए एक विशिष्ट प्रकार की जलवायु परिस्थितियों की होनी जरूरी है जो इसके विकास में सहायक हो। इसकी खेती के लिए पर्याप्त धूप, पानी और पोषक तत्व की आवश्यकता होती है। इसे बरसात के समय लगाया जा सकता है इसके रोपण के लिए जून-जुलाई का समय अच्छा रहता है। इसकी खेती के लिए पोषक तत्वों से युक्त थोड़ी अम्लीय से थोड़ी क्षारीय पीएच मान वाली मिट्टी का चयन करना चाहिए। इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 5.5 से 7.5 के बीच होना चाहिए। इस बात का ध्यान रखें की भूमि में जल निकास की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए। उचित वानिकी क्रियाओं का उपयोग करके किसान इस आम की खेती से काफी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।
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