बकरी पालन : बकरी की इन टॉप 5 नस्लों से होगी लाखों की कमाई

Share Product प्रकाशित - 11 Dec 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

बकरी पालन : बकरी की इन टॉप 5 नस्लों से होगी लाखों की कमाई

जानें, बकरी की इन टॉप 5 नस्लों की विशेषता और लाभ

खेती-किसानी के साथ पशुपालन करके किसान अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकते हैं। छोटे किसानों के लिए बकरी पालन बिजनेस काफी मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है। खास बात यह है कि बकरी पालन (Goat Farming) के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी (subsidy) भी दी जाती है। है। बकरी पालन मुख्य रूप से दूध व मांस के लिए किया जाता है। देश में अलग-अलग राज्यों में बकरी की अलग-अलग नस्लों का पालन किया जाता है।

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बकरी पालन बिजनेस (Goat rearing business), बकरी की नस्ल और उसकी देखभाल व रखरखाव पर निर्भर करता है। ऐसे में पशुपालक किसानों को बकरी की उन्नत नस्ल का चयन करना चाहिए जिनसे अधिक लाभ प्राप्त किया जा सके। बकरी पालन बिजनेस के लिए बकरी की नस्ल का चयन दूध व मांस की मात्रा को ध्यान में रखकर किया जाए तो इससे अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। इसके लिए पशुपालक किसानों को बकरी की उन्नत नस्लों के बारे में जानकारी होनी बेहद जरूरी है ताकि वे बकरी पालन बिजनेस के लिए सही नस्ल का चुनाव करके बेहतर कमाई कर सकें।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बकरी की चुनिंदा टॉप 5 नस्लों (Selected top 5 breeds of goat) की विशेषता, लाभ और सब्सिडी की जानकारी दे रहे हैं।

बकरी की गुजरी नस्ल (Gujri breed) की विशेषताएं

बकरी की गुजरी नस्ल मुख्य रूप से राजस्थान के अलवर में पाई जाती है। यहां इस नस्ल का पालन काफी होता है। इस नस्ल की बकरी प्रतिदिन औसत 1.60 लीटर तक दूध देने की क्षमता रखती है। इसका रंग सफेद और भूरा होता है। इसके मुंह, पैर और पेट पर सफेद धब्बे होते हैं। इसका सिर छोटा व चौड़ा हाेता है। इसके कान लंबे और झुके हुए होते हैं। इसके पैर लंबे और मजबूत होते हैं। इसके बाल सफेद, भूरे या काले रंग के होते हैं। इस नस्ल की बकरी का वजन 58 किलोग्राम और बकरे का वजन 69 किलोग्राम होता है। महाराष्ट्र में इस नस्ल के बकरे को खास तरीके से आहार खिलाया जाता है जिससे इन बकरों का वजन 150 किलोग्राम से भी अधिक हो जाता है। इस नस्ल के बकरों की बाजार मांग भी काफी है इसलिए इनका पालन खास तौर पर किया जाता है।

बकरी की सोजत नस्ल (sojat breed) की विशेषताएं 

बकरी की यह नस्ल दिखने में काफी सुंदर लगती है। इस नस्ल की बकरी का रंग गुलाबी या सफेद होता है। इसके कान लंबे और नीचे की ओर लटके हुए होते हैं। इस बकरी के सींग नहीं होते हैं। इस नस्ल की बकरी की वजन 40 से 50 किलोग्राम होता है, जबकि बकरे का वजन 50 से 60 किलोग्राम होता है। यह बकरी प्रतिदिन 1 से 1.5 लीटर दूध देती है। इस नस्ल की बकरी के मांस में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है। इसके कारण इसकी मांग बाजार में बहुत है। इसे मुख्य रूप से मांस के लिए पाला जाता है। इस नस्ल की बकरी राजस्थान के पाली, जैसलमेर, जोधपुर व नागौर में पाई जाती है।

बकरी की सिरोही नस्ल (sirohi breed) की विशेषताएं

बकरी की सिरोही नस्ल का संबंध राजस्थान के सिरोही जिले से है। इसलिए इसका नाम सिरोही नस्ल रखा गया है। इसका पालन मुख्य रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात में किया जाता है। यह छोटे आकार की बकरी होती है। इसका रंग भूरा होता और इसके शरीर पर हल्के भूरे रंग के धब्बे होते हैं। इसके कान चपटे और नीचे की ओर लटके हुए होते हैं। इसके सींग छोटे और मुड़े हुए होते हैं। इस बकरी का वजन 40 किलोग्राम और बकरे का वजन 50 किलोग्राम होता है। बकरी की यह नस्ल प्रतिदिन औसतन 0.5 से 1.5 लीटर तक दूध दे सकती है। सिरोही बकरी को मांस और दूध के लिए पाला जाता है।

बकरी की बेस्ट बंगाल नस्ल (Best Bengal) की विशेषताएं

बेस्ट बंगाल नस्ल की बकरी के मांस की मांग बाजार में बहुत रहती है। यह नस्ल मांस के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इसके मांस की मांग देश में ही नहीं विदेशों में भी है। यह नस्ल पश्चिमी बंगाल, बिहार, उड़ीसा में पाई जाती है। इसका रंग मुख्य रूप से काला होता है। इसके अलावा यह भूरे, सफेद व सलेटी रंग में भी पाई जाती है। इस नस्ल की बकरी की दूध उत्पादन क्षमता कम होती है। इस नस्ल की बकरी की खास बात यह है कि इसमें नर व मादा दोनों के दाढ़ी होती है। यह बकरी कद में छोटी होती है और इसके बाल बड़े होते हैं। इसके कान सीधे होते हैं। इसके सींग पीछे की ओर मुंडे हुए होते हैं। इसके पैरों का आकार छोटा होता है। इस बकरी की रोग प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है। इस बकरी व बकरे का वजन एक साल में 12 से 14 किलोग्राम तक बढ़ता है।

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बकरी की ओस्मानाबादी नस्ल (Osmanabadi breed) की विशेषताएं

ओस्मानाबादी नस्ल की बकरी महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में पाई जाती है। इस बकरी का आकार सामान्य बकरियों की तुलना में थोड़ा बड़ा होता है। इस नस्ल की बकरी का रंग काला व सफेद होता है और इसमें भूरे धब्बे पाए जाते हैं। यह बकरी 0.5 लीटर तक दूध प्रतिदिन देती है। इस बकरी का वजन 32 किलोग्राम और बकरे का वजन 34 किलोग्राम होता है। इस बकरी का पालन दूध व मांस दोनों के लिए किया जा सकता है।

बकरी पालन से कितना हो सकता है लाभ (How much profit can be made from goat rearing)

यदि आप 20 बकरियों को पालते हैं तो आप इसके दूध व मांस से करीब  2,50,000 रुपए तक की इनकम प्राप्त कर सकते हैं। वहीं आप 20 बकरों का पालन करते हैं तो इससे आपको 2,00,000 रुपए तक की कमाई हो सकती है। बकरी पालन की शुरुआत आप 20 बकरियों से कर सकते हैं। बकरियों को खरीदने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। यह योजना कई राज्यों में संचालित है। इसके अलावा कई बैंक भी बकरी पालन बिजनेस के लिए लोन की सुविधा देते हैं।

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