प्रकाशित - 29 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों की आय में बढ़ोतरी के लिए सरकार तरह-तरह की कल्याणकारी योजनाएं लाती है। साथ ही पशुपालन या डेयरी एवं कृषि क्षेत्र में नए अनुसंधानों को बढ़ावा देती है। नए-नए अनुसंधान की वजह से ही आज देश में खाद्यान्नों के उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है। लगातार घट रही कृषि योग्य भूमि के बावजूद देश में खाद्यान्नों की कोई कमी नहीं है। हरित क्रांति, दुग्ध क्रांति (Milk Revolution) आदि अनुसंधान की वजह से संभव हो पाया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा पशुधन वाला देश है। यहां मौजूद पशुओं की संख्या दुनिया के सभी देशों से ज्यादा है। इसके बावजूद भारत का डेयरी उद्योग (Dairy Industry) विश्व में अच्छी रैंकिंग पर नहीं है। अमेरिका, ब्राजील, इंग्लैंड जैसे देश दुग्ध उत्पादन (Dairy Industry) में हमसे कहीं आगे है। यही वजह है कि भारत सरकार इन देशों से डेयरी टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (Dairy Technology Transfer) की बात करती है। भारत और ब्राजील के आपस में काफी अच्छे संबंध हैं। ब्राजील दुग्ध उत्पादन में कई उन्नत तकनीकों का उपयोग करता है।
ट्रैक्टर जंक्शन के इस पोस्ट में हम ब्राजील से मिलने वाले डेयरी तकनीक के बारे में जानकारी देंगे और भारत के प्रयासों की विवेचना करते हुए आने वाले भविष्य में भारत के डेयरी में कितने बदलाव की संभावना रहेगी इसके बारे में भी बात करेंगे।
पशुपालन के विकास के लिए और पशुपालक किसानों की आय बढ़ाने के लिए ब्राजील तकनीक (Brazilian Technology) लागू करने वाला भारत का पहला राज्य हरियाणा होगा। हरियाणा सरकार पशुपालक किसानों के लिए तरह-तरह की योजनाएं लाती रहती है। प्रदेश में दुग्ध उत्पादन (Milk Production) को बढ़ाकर किसानों की आय बढ़ाई जा सकेगी। हरियाणा सरकार प्रदेश में इस तकनीक को लाने के लिए प्रतिबद्ध दिख रही है। इस कदम से हरियाणा के किसानों को काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
पशुओं के व्यवसाय में ब्राजील तकनीक के आने से हरियाणा के पशुपालकों के दुग्ध उत्पादन में 50 से 100% तक की वृद्धि की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि इस तकनीक से प्रदेश में पशुओं के ऐसे नस्ल (Breed) विकसित हो जाएंगे जो रोजाना 60 से 70 लीटर तक दूध का उत्पादन कर सकते हैं। इतना ही नहीं सरकार पशुपालकों के लिए अनुदान (Grant for Animal Husbandry) देने का प्रावधान कर रही है।
प्रदेश के किसानों को केंद्र और राज्य सरकार के इस कदम से काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है। सरकार इस योजना के लिए अनुदान देने के साथ साथ पशुपालक किसानों की आय भी बढ़ाएगी। अच्छे नस्ल का सीमन की व्यवस्था भी करेगी। पशुपालकों और डेयरी संचालकों को अच्छे नस्ल का सीमन (Good Quality Semen) उपलब्ध कराएगी। हरियाणा के कृषि मंत्री (Minister of Agriculture) ने बताया, अच्छे सीमन की उपलब्धता न होने के कारण कई किसान अपने पशुओं से दूध का अच्छा उत्पादन नहीं ले पाते हैं। ब्राजील से अच्छी तकनीक वाले सीमन प्राप्त होने से प्रदेश में किसान दूध का अच्छा उत्पादन कर अपने व्यवसायिक गति में लौट सकेंगे। पशुपालन को मुनाफे का सौदा (Profitable Deal for Animal Husbandry) बनाने से पशुपालक किसान के काफी लाभान्वित होने की उम्मीद है।
वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के साथ 15 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। रक्षा, व्यापार, वाणिज्य, कृषि, साइबर सुरक्षा, पशुपालन और जैव ऊर्जा जैसे कई क्षेत्रों में दोनों देशों ने एक दूसरे को सहयोग देने का निश्चय किया। 71वें गणतंत्र दिवस के मौके पर दोनों देश के प्रधानसेवकों ने इस समझौते के लिए एक दूसरे को बधाई दी। पीएम मोदी ने कहा, कि ब्राजील के साथ पशुपालन और डेयरी क्षेत्र में अपार सहयोग (Huge Cooperation in Animal Husbandry and Dairy Sector with Brazil) की संभावना मौजूद है। एक समय था जब गिर और कंकरेजी गायें भारत से ब्राजील गई थी। आज ब्राजील भारत को पशुओं का उच्च किस्म का नस्ल उपलब्ध कराने में मदद करेगा। भारत के सिर्फ इस एक समझौते से भारतीय डेयरी उद्योग (Indian Dairy Industry) को व्यापक लाभ मिलने की उम्मीद है। देश आगे भी इसी तरह नए समझौतों, उन्नत तकनीकों की ओर अग्रसर रहेगा ताकि देश में दूध का उत्पादन बढ़ाकर निर्यात के लिए तैयार किया जा सके। देश के किसानों की आय में वृद्धि की जा सके।
डेयरी उद्योग में आने वाले क्रांति से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। देश के ज्यादातर राज्य ब्राजील तकनीक के प्रति सकारात्मक हैं और अपने राज्य में इस तकनीक को लाना चाहते हैं ताकि किसानों को इसका फायदा हो सके। केंद्र सरकार और राज्य सरकार के सहयोग से किसानों को ये लाभ दिया जाएगा। उम्मीद है कि अगले 3 से 5 सालों में भारत के ज्यादातर हिस्सों में किसान डेयरी के उच्च तकनीक से रूबरू हो जाएंगे। हरियाणा इस मामले में सबसे आगे है। हरियाणा के किसानों को भारत-ब्राजील समझौते (India-Brazil Agreement) का खासा लाभ मिलने वाला है। इस तकनीक से जुड़ी कोई भी अपडेट प्राप्त होती है तो ट्रैक्टर जंक्शन पर सबसे पहले सूचित करने का प्रयास किया जाएगा।
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