फसल नुकसान मुआवजा : मौसम से खराब हुई फसलों का मिलेगा 15,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा, यहां करें आवेदन

Share Product प्रकाशित - 13 Mar 2024 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

फसल नुकसान मुआवजा : मौसम से खराब हुई फसलों का मिलेगा 15,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा, यहां करें आवेदन

जानें, कैसे करना होगा आवेदन और इसके लिए किन कागजों की होगी आवश्यकता

Crop Loss Compensation : पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से कई राज्यों में फसलों को नुकसान हुआ है। इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को 15,000 रुपए प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाएगा। किसानों को हुए नुकसान को ध्यान में रखते हुए अधिकारियों को सर्वे के निर्देश भी दे दिए गए हैं। ऐसे में राज्य के किसान अनियमित मौसम से खराब हुई अपनी फसल के नुकसान की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल (e-compensation portal) पर दे सकते हैं। राज्य सरकार ने प्रदेश के किसानों से अपील की है कि वे जल्द से जल्द ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी दें ताकि उन्हें मुआवजा दिए जाने की कार्रवाई की जा सके। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल किसान 15 मार्च 2024 तक नुकसान की जानकारी दे सकते हैं।

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ई- क्षतिपूर्ति पोर्टल पर कैसे दें नुकसान की रिपोर्ट (How to report loss on e-compensation portal)

जिन किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है, वे किसान ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल की वेबसाइट (Website of e-compensation portal) पर अपनी फसलों के नुकसान का विवरण निर्धारित समय के पहले दे सकते हैं। यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि फसल नुकसान मुआवजा उन किसानों को ही मिलेगा जिनका मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल (my crop my details portal) पर रजिस्ट्रेशन किया हुआ है। ऐसे में जिन किसानों ने अभी तक मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है उन्हें सबसे पहले अपना रजिस्ट्रेशन मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर कराना होगा। इसके बाद ही वे अपनी फसल नुकसान की जानकारी ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर दर्ज करा सकेंगे।  

पांच एकड़ तक की शर्त भी हटाई

हरियाणा सरकार ने क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी दर्ज कराने के लिए पांच एकड़ तक के नुकसान की क्षतिपूर्ति करने की शर्त रखी थी यानी किसान का चाहे पांच एकड़ से अधिक भूमि पर फसल नुकसान हुआ हो उसे सिर्फ पांच एकड़ तक के नुकसान की ही भरपाई की जाएगी। लेकिन किसानों की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने यह शर्त भी हटा ली है। अब यहां के किसानों को जितना फसल में नुकसान हुआ है उसी के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा चाहे वह पांच एकड़ से अधिक की क्यों न हो। सरकार के इस फैसले से राज्य के किसानों को राहत मिली है।

किसानों को फसल नुकसान की भरपाई की क्या रहेगी प्रक्रिया (What will be the process to compensate farmers for crop loss)

जिन किसानों की फसल को बेमौसम बारिश से नुकसान हुआ है। उन्हें सबसे पहले इसकी जानकारी क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। इसके बाद सरकार की ओर से राजस्व अधिकारियों द्वारा सर्वे करवाया जाएगा। सत्यापन के बाद सर्वे रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी। इसके बाद किसानों के बैंक खातों में नुकसान के अनुसार मुआवजे की राशि भेजी जाएगी।

किसान कैसे दें क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल नुकसान की जानकारी (How should farmers give information about crop loss on the compensation portal)

राज्य के किसान क्षतिपूर्ति पोर्टल के माध्यम से अपनी फसल में हुए नुकसान की जानकारी सरकार को दे सकते हैं। किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा जिले की सभी तहसीलों में हेल्प डेस्क स्थापित की गई हैं। ऐसे में जो किसान कॉमन सर्विस सेंटर नहीं जा सकते हैं वे तहसील स्तर पर स्थापित इन हेल्प डेस्क पर जाकर भी अपने नुकसान का ब्यौरा दर्ज करा सकते हैं।

बेमौसम बारिश से कहां, कितना हुआ नुकसान (Where and how much damage was caused by unseasonal rain)

पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश से हरियाणा के कई जिलों में फसलों को नुकसान पहुंचा है जिसका मोटे तौर पर आंकलन कृषि विभाग की ओर से किया गया है। हरियाणा में हिसार, भिवानी, सोनीपत, कुरुक्षेत्र और अंबाला में फसलों को अधिक नुकसान हुआ।  

हिसार में कितना हुआ फसल को नुकसान

कृषि विभाग के मुताबिक हिसार में करीब एक लाख एकड़ में गेहूं की फसल और 38 हजार एकड़ में सरसों की फसल को 51 से 75 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। इसमें गेहूं की 230 एकड़ और सरसों की 4,571 एकड़ फसल को 76 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ। इसके अलावा सरसों की 43,220 एकड़ फसल और गेहूं की 39,065 एकड़ फसल 26 से 50 प्रतिशत तक खराब हुई। कई इलाकों में 25 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ।

भिवानी में कितना हुआ फसलों को नुकसान

भिवानी में सबसे अधिक नुकसान सरसों की फसल में हुआ। यहां करीब 4500 एकड़ में सरसों की फसल को 76 से 100 फीसदी तक नुकसान पहुंचा। जबकि 8117 एकड़ में 51 से 75 प्रतिशत तक फसल प्रभावित हुई। इसी प्रकार 33772 एकड़ फसल में 26 से 50 प्रतिशत नुकसान हुआ। जबकि भिवानी में गेहूं की फसल को कम नुकसान हुआ। यहां पर गेहूं की 2100 एकड़ फसल में 76 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा। वहीं 580 एकड़ में 51 से 75 प्रतिशत व 9289 एकड़ क्षेत्र में 26 से 50 प्रतिशत फसल प्रभावित हुई।

सोनीपत में कितना हुआ फसलों को नुकसान

सोनीपत जिले में गेहूं की 17065 एकड़ फसल में 76 से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। वहीं 19635 एकड़ में 51 से 75 प्रतिशत और 40563 एकड़ में 26 से 50 फीसदी नुकसान हुआ। जबकि सरसों की 2021 एकड़ फसल में 76 से 100 फीसदी तक नुकसान हुआ। वहीं 2340 एकड़ में 51 से 75 फीसदी और 1577 एकड़ फसल में 26 से 50 प्रतिशत तक नुकसान हुआ।

कुरुक्षेत्र में कितना हुआ फसलों को नुकसान

कुरुक्षेत्र में करीब 63,807 एकड़ क्षेत्र में फसल को नुकसान हुआ। यहां गेहूं की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, इसमें करीब 62,200 एकड़ में गेहूं की फसल प्रभावित हुई। वहीं 1607 एकड़ क्षेत्र में सरसों की फसल को नुकसान पहुंचा। यहां गेहूं की 500 एकड़ फसल को 51 से 75 प्रतिशत नुकसान हुआ। वहीं 12 एकड़ में सरसों की फसल को 51 से 75 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। 280 एकड़ फसल में करीब 26 से 50 प्रतिशत और 1315 एकड़ फसल में 0 से 25 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है। इसके अलावा बाकी फसलों को 0 से 25 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचा।

अंबाला में कितना हुआ फसलों को नुकसान

अंबाला जिले में फसलों का अनुमानित नुकसान करीब 10780 एकड़ का है। इसमें 8500 एकड़ में गेहूं, सरसों और तोरिया की 1140 एकड़, सूरजमुखी की 980 एकड़ फसल को नुकसान हुआ। इसके अलावा 160 एकड़ में मक्का की फसल को नुकसान हुआ।

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