प्रकाशित - 08 Mar 2024
किसानों को खेती के लिए सस्ती दर पर खाद व उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार की ओर से हर साल करोड़ों रुपए की सब्सिडी (subsidy) दी जाती है। इस साल भी किसानों को खरीफ सीजन में सस्ती दर पर खाद व उर्वरक मिलता रहे, इसके लिए सरकार ने खरीफ सीजन से पहले ही 24,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी को मंजूरी दे दी है। इससे किसानों को लाभ होगा। उन्हें खरीफ सीजन में भी रबी सीजन की तरह ही सस्ती दर पर यूरिया, डीएपी सहित अन्य उर्वरक प्राप्त हो सकेंगे जिससे उनका खेती का काम आसान होगा और पैसों की बचत भी होगी।
हाल ही में किसानों को रियायती, किफायती और उचित मूल्य पर उर्वरक उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कैबिनेट में खरीफ सीजन के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। कैबिनेट ने फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर एनबीएस योजना के तहत 3 नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद एक आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि खरीफ फसल सीजन 2024 के लिए अस्थाई बजटीय आवश्यकता करीब 24,420 करोड़ रुपए होगी।
इस बार खास बात यह है कि देश में तिलहन व दालों का उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से सरकार ने उर्वरक के तीन नए ग्रेड भी जोड़े हैं। किसानों पर आर्थिक बोझ नहीं पड़े इसके लिए सरकार ने पिछले साल की तरह ही इस साल भी उर्वरकों की कीमतों को यथावत रखने का निर्णय लिया है जिसके लिए सब्सिडी (subsidy) की राशि बढ़ा दी गई है। खरीफ सीजन 2024 के लिए नाइट्रोजन (N) पर 47.02 रुपए प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक (P) पर 28.72 रुपए प्रति किलोग्राम, पोटाश (K) पर 2.38 रुपए प्रति किलोग्राम और सल्फर (S) पर 1.89 रुपए प्रति किलोग्राम तय की गई है।
किसानों के लिए यूरिया, डीएपी सहित अन्य उर्वरक के रेट पर कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। ऐसे में किसानों को पिछली बार की तरह ही सरकार की ओर से सस्ती दर पर खाद व उर्वरक उपलब्ध होता रहेगा। यूरिया सहित अन्य उर्वरकों का रेट इस प्रकार से है-
खाद/उर्वरक का नाम | प्रति बोरी मात्रा | प्रति बोरी कीमत |
---|---|---|
यूरिया (UREA) | 45 किलोग्राम | 266 रुपए |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 1350 रुपए |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1470 रुपए |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 1677 रुपए |
खाद की अंतराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। इसका प्रभाव भारत पर नहीं पड़े इसके लिए यूरिया उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास सरकार की ओर से किए जा रहे हैं। सरकार उर्वरक उत्पादकों व आयातकों के जरिये किसानों को रियायती कीमतों पर 25 ग्रेड के पीएंडके उर्वरक उपलब्ध करा रही है। पीएंडके उर्वरकों पर सब्सिडी 1 अप्रैल 2010 से एनबीएस योजना द्वारा नियंत्रित है। उर्वरकों और इनपुट यानि यूरिया, डीएपी, एमओपी और सल्फर की अंतराष्ट्रीय कीमतों में हालिया रुझानों को देखते हुए सरकार ने फॉस्फेटिक और पोटाश (पीएंडके) उर्वरक पर 1 अप्रैल 2024 से 30 सितंबर 2024 तक प्रभावी खरीफ सीजन 2024 के लिए एनबीएस दरों को मंजूरी देने का फैसला किया है।
यदि सरकार किसानों को यूरिया व अन्य उर्वरकों पर सब्सिडी का लाभ प्रदान नहीं करें तो किसान को इसका काफी अधिक मूल्य चुकाना पड़ जाए, क्योंकि बिना सब्सिडी के इन खाद व उर्वरकों की कीमत इतनी ज्यादा है जो भारतीय किसान के लिए खरीदना महंगा साबित हो सकता है। ऐसे में सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है। बिना सब्सिडी के खाद व उर्वरकों का मूल्य कुछ इस प्रकार से हैं-
खाद/उर्वरक का नाम | प्रति बोरी मात्रा | प्रति बोरी कीमत |
---|---|---|
यूरिया (UREA) | 45 किलोग्राम | 2450 रुपए |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 4073 रुपए |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 2654 रुपए |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 3291 रुपए |
खाद/उर्वरक का नाम | प्रति बोरी मात्रा | प्रति बोरी कीमत |
---|---|---|
यूरिया (UREA) | 45 किलोग्राम | 2183.50 रुपए |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 2501 रुपए |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1918 रुपए |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 759 रुपए |
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