प्रकाशित - 27 Oct 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
किसानों को रबी फसल की खेती (Rabi crop cultivation) में कोई परेशानी नहीं आए, इसके लिए केंद्र सरकार की ओर से किसानों के लिए खाद व उर्वरक पर सब्सिडी (Subsidy on manure and fertilizer) के लिए 22,000 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इससे किसानों को सस्ती दर पर खाद व उर्वरक मिलता रहेगा। हांलाकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद व उर्वरकों की कीमतें बढ़ रही है। ऐसे में देश के किसानों को इस पर सब्सिडी का लाभ पहले की तरह मिलता रहेगा जिससे बढ़ी हुई कीमतों का किसान पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह सब्सिडी रबी सीजन के लिए एक अक्टूबर 2023 से लेकर 31 मार्च 2024 तक लागू रहेगी।
आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से सरकार की ओर से किसानों को आगामी रबी सीजन में किस कीमत पर खाद व उर्वरक उपलब्ध कराया जाएगा। बता दें कि सरकार की ओर से खाद व उर्वरकों की अलग-अलग रेट निर्धारित की गई है। ऐसे में किसानों को यह जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि उन्हें कौनसा खाद या उर्वरक किस रेट पर मिलेगा। तो आइये जानते हैं किस खाद व उर्वरक पर किसानों को कितना सब्सिडी का लाभ होगा और इसके बाद किसानों को कितना मूल्य चुकाना होगा।
सूत्रों के मुताबिक यह सब्सिडी पीएनके उर्वरकों पर दी गई है जिसके तहत नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश और सल्फर आते हैं। इस पर सरकार ने नाइट्रोजन के लिए 47.02 रुपए प्रति किलोग्राम की सब्सिडी मंजूर की है। जबकि पोटाश के लिए 2.38 रुपए प्रति किलोग्राम के सब्सिडी दी जाएगी। वहीं सल्फर के लिए 1.89 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से सब्सिडी देय होगी। इसके अलावा फारफोरस के लिए 20.82 रुपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से सब्सिडी मिलेगी।
इससे पहले इसी साल की शुरुआत में केंद्र सरकार ने किसानों को खाद व सब्सिडी के लिए 3,70,128.7 करोड़ रुपए के एक विशेष पैकेज की मंजूरी दी थी। इसमें 3,68,676.7 करोड़ रुपए यूरिया सब्सिडी के लिए रखा था। यह राशि अगले तीन सालों के लिए उपयोग में लानी है। इसके तहत अब तीन साल तक 2022-23 से लेकर 2024-2025 तक किसानों किसानों के लिए यूरिया पर सब्सिडी के लिए यह राशि खर्च की जाएगी। यानी अब किसानों को तीन साल तक यूरिया पुरानी रेट पर मिलता रहेगा। इसके रेट में किसी प्रकार की बढ़ोतरी नहीं होगी। यह सब्सिडी 2022-23 से लेकर 2024-2025 तक के लिए लागू रहेगी। बता दें कि देश में किसान फसल उत्पादन के लिए सबसे ज्यादा यूरिया और डीएपी का इस्तेमाल करते हैं।
केंद्र सरकार की ओर से सब्सिडी दिए जाने के बाद अब किसानों को खाद/उर्वरक के एक बैग की कीतनी कीमत चुकानी होगी, इस पर एक नजर डालते हैं। आपकी सुविधा के लिए हम यहां खाद व उर्वरक के नए रेट लिस्ट नीचे दे रहे हैं।
यूरिया (Urea) | 45 किलोग्राम | 266.50 रुपए प्रति बोरी |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 1350 रुपए प्रति बोरी |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 1470 रुपए प्रति बोरी |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 1700 रुपए प्रति बोरी |
बिना सब्सिडी के खाद/उर्वरक का कितना होता है रेट (rate of fertilizers without subsidy)
खाद/ उर्वरक का नाम खाद/उर्वरक का वजन खाद/उर्वरक का ताजा रेट
यूरिया (Urea) | 45 किलोग्राम | 2450 रुपए प्रति बोरी |
डीएपी (DAP) | 50 किलोग्राम | 4073 रुपए प्रति बोरी |
एनपीके (NPK) | 50 किलोग्राम | 3291 रुपए प्रति बोरी |
एमओपी (MOP) | 50 किलोग्राम | 3654 रुपए प्रति बोरी |
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से यह सब्सिडी किसानों को सस्ता खाद व उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए खाद व उर्वरक निर्माता कंपनियों को दी जाती है। यह सब्सिडी फर्टीलाइर बनाने के लिए काम में आने वाले अवयवों की खरीद के लिए दी जाती है।
किसान यूरिया और डीएपी जिसका पूरा नाम डाई अमोनिया फास्फेट होता है। इसके बारे में तो जानते हैं, लेकिन बहुत से किसान एनपीके, एमओपी और एसओपी का पूरा नाम नहीं जानते हैं। तो हम बता देते हैं कि एनपीके का मतलब नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटेशियम है। इसके निर्माण में इन्हीं तीन पोषक तत्वों का उपयोग किया जाता है। वहीं एमओपी का मतलब है म्यूरेट ऑफ पोटाश और एसओपी का मतलब सल्फेट ऑफ पोटाश से है। एमओपी खाद का उपयोग बागवानी फसलों के लिए किया जाता है। हिमाचल में सेब की खेती में इसका उपयोग किया जा रहा है। जबकि एसओपी खाद विदेशों से मंगवाया जा रहा है।
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