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सरकार शुरू करेगी फल निर्यात पर नई योजना, किसानों की बढ़ेगी आय

प्रकाशित - 30 Jan 2023

जानें, क्या है राज्य सरकार की योजना और इससे कैसे मिलेगा किसानों को लाभ

सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इसी क्रम में सरकार बागवानी फसलों जैसे- फल, फूल, सब्जी आदि की खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार की ओर से किसानों को अनुदान भी दिया जाता है। इतना ही नहीं अब राजस्थान सरकार चाहती है कि राज्य के किसानों द्वारा उत्पादित फलों का निर्यात विदेशों को किया जाए ताकि किसानों की आय बढ़ सकें। हालांकि कई राज्यों से विदेशों में बागवानी फसलों का निर्यात किया जाता है, लेकिन इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी न के बराबर है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजस्थान सरकार की ओर से राज्य में उत्पादित किए जाने वाले प्रमुख फलों का विदेशों में निर्यात को बढ़ावा देने की योजना बनाई है। इससे राज्य के किसानों को लाभ होगा और उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किसानों की आय बढ़ाने के उद्‌देश्य से राजस्थान कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने फलों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए किसानों का कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) में रजिस्ट्रेशन कराने के निर्देश दिए हैं। यह बात उन्होंने सचिवालय में किन्नू, संतरा, अनार और अमरूद के उत्पादन बढ़ाने के लिए आयोजित की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के दौरान कही। सरकार का मानना है कि इस योजना में रजिस्ट्रेशन होने पर किसानों को अपनी बागवानी फसलों का बेहतर भाव मिल सकेगा जिससे उसकी की आय में वृद्धि होगी।

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन की इस पोस्ट में आपको फलों के निर्यात और किसानों की आय में बढ़ोतरी को लेकर राजस्थान सरकार की फल निर्यात योजना के बारें में जानकारी दे रहे हैं।

किसानों को जरूरी होगा एपीडा (APEDA) में रजिस्ट्रेशन कराना

यदि किसान राजस्थान सरकार की इस फलों के निर्यात के लिए बनाई गई इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो उन्हें इसके लिए सबसे पहले एपीडा में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद ही एपीडा के माध्यम से किसानों द्वारा उत्पादित फलों को विदेशी बाजारों में बेचा जा सकेगा। इससे किसानों को बेहतर भाव मिल सकेंगे और उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। बता दें कि कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए एपीडा में पंजीयन करना जरूरी होता है। इसके बाद ही किसान के द्वारा उत्पादित बागवानी फसल को विदेशों में बेचा जा सकता है।

हर माह 50 किसान करा सकेंगे योजना में रजिस्ट्रेशन

राजस्थान सरकार की विदेशों में फलों के निर्यात को लेकर शुरू की जाने वाली इस योजना में हर माह राज्य के 50 किसान अपना रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। इस तरह एक साल में करीब 600 किसान इस योजना के तहत पंजीकृत किए जा सकेंगे। इस संबंध में राजस्थान कृषि एवं उद्‌यानिकी विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने फलों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों का एपीडा में रजिस्ट्रेशन करने के निर्देश दिए हैं। किसान एपीडा में रजिस्ट्रेशन करवा कर विदेशों में अपनी उत्पादित फलों की पहचान बना सकेंगे जिससे उन्हें बेहतर आय प्राप्त हो सकती है।

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किन जिलों के किसानों को मिलेगा योजना का लाभ

प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि जालौर, बाड़मेर, सिरोही और झालावाड़ से एक महीने में 50-50 किसानों का पंचीयन किया जाए जिससे एक साल में इन जिलों से दो-दो कंसाइनमेंट एक्सपोर्ट हो सके। इसके अलावा इन जिलों के किसानों को बायर-सेलर्स मीट में भी आमंत्रित करने को कहा गया है ताकि उन्हें अपनी बागवानी फसलों का बेहतर दाम मिल प्राप्त हो।

किन फलों के निर्यात के लिए होगा रजिस्ट्रेशन

एपीडा (APEDA) रीजनल हेड हरप्रीत सिंह ने कहा है कि राजस्थान में किन्नू, संतरा, अनार एवं अमरूद के निर्यात को बढ़ावा दिया जाना चाहिए जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके। इसके लिए निर्यातक देशों की कंडीशन के अनुसार फार्म और किसानों का रजिस्ट्रेशन किया जाना चाहिए। बता दें कि रजिस्ट्रेशन में फसल बुवाई, फ्लोरिंग एवं कटाई के समय फसल की स्थिति का रिकॉर्ड रहता है। इससे यह पता चलता है कि फसल निर्यात गुणवत्ता वाली है या नहीं। इसके आधार पर फसलों का निर्यात और उसके भावों को तय किया जाता है।

एपीडा के तहत पंजीकृत किसानों को क्या होगा लाभ

  • एपीडा में पंजीकृत किसान अपनी बागवानी फसल विदेशों में बेच सकेंगे।
  • किसानों को अपने द्वारा उत्पादित फसलों का बेहतर भाव मिल सकेगा।
  • विदेशों में फसल निर्यात होने से किसानों को ज्यादा पैसा मिलेगा जिससे उनकी आय बढ़ेगी।
  • विदेशों में फलों के निर्यात से हमारे देश के फलों को एक नई पहचान मिलेगी।

जयपुर में खुल सकता है एपीडा का स्थानीय ऑफिस

एपीडा रीजनल हेड हरप्रीत सिंह ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में एपीडा का स्थानीय ऑफिस खोलने की इच्छा जताई है। उन्होंने बताया कि पूरे देश से करीब 688 करोड़ रुपए के अनार का निर्यात किया जाता है जिसमें राजस्थान का हिस्सा शून्य है। उन्होंने बताया कि राज्य में फल उत्पादन और उसके निर्यात को बढ़ावा देकर किसानों को बेहतर भाव दिलवाया जा सकता है।   

क्या है एपीडा और किसानों के लिए क्या कार्य करता है

एपीडा का पूरा नाम कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण है। इसकी स्थापना भारत सरकार द्वारा दिसंबर 1985 में संसद द्वारा पारित कृषि और प्रसंस्कृत खाद्‌य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण अधिनियम के तहत की गई थी। एपीडा पिछले 27 सालों से कृषि-निर्यात समुदाय की सेवा कर रहा है। एपीडा देश में कृषि उत्पाद के निर्यात को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके लिए एपीडा द्वारा कृषि निर्यात प्रोत्साहन योजना बनाई गई है। इस योजना के तहत बाजार विकास, बुनियादी ढांचा विकास, गुणवत्ता विकास और परिवहन सहायता के उप घटकों के तहत पंजीकृत निर्यातकों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इस तरह एपीडा अपने यहां पंजीकृत निर्यातकों (किसानों) को विदेशी निर्यात के जरिये उत्पाद का बेहतर भाव दिलाने में उनकी मदद करता है।

बता दें कि देश के विभिन्न हिस्सों में निर्यातकों तक पहुंचने के लिए, एपीडा ने मुंबई, बेंगलोर, हैदराबाद, कोलकाता और गुवाहाटी में 5 क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित किए हैं। इसके अलावा इसके 13 आभासी कार्यालय जो तिरुवंतपुरम (केरल), भुवनेश्वर (उड़ीसा), श्रीनगर (जे एंड के), चंडीगढ़, इंफाल (मणिपुर), अगरतला (त्रिपुरा), कोहिमा (नागालैंड), चेन्नई (तमिलनाडु), रायपुर (छत्तीसगढ़), अहमदाबाद (गुजरात ), भोपाल (मध्य प्रदेश), लखनऊ (उत्तर प्रदेश) और पणजी (गोवा) में स्थापित किए गए हैं।

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