प्रकाशित - 21 Dec 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
सरकार की ओर से किसानों को खेती के साथ ही पशुपालन के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए सरकार की ओर से पशु खरीदने से लेकर पशु आवास (पशु शेड) बनाने हेतु सब्सिडी दी जाती है। राज्य सरकार पशु शेड निर्माण और गो पालन हेतु 75 और 90 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) पर उपलब्ध कराने जा रही है। यह सब्सिडी किसानों को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Chief Minister Livestock Development Scheme) के तहत दी जा रही ।
राज्य की जीडीपी में कृषि का योगदान 20 प्रतिशत हो इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। इस योजना का लाभ उठाकर पशुपालक किसान 90 प्रतिशत सब्सिडी पर अपने पशुओं के लिए पशु आवास का निर्माण करवा सकेंगे। इससे पशुपालकों को लाभ होगा। इसी के साथ राज्य सरकार पशुओं के दूध बेचने पर 3 रुपए की सब्सिडी भी दे रही है। इसके अलावा राज्य में पशुपालकों के लिए और भी लाभकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना (Chief Minister Livestock Development Scheme) के तहत पशुपालकों को पशु की खरीद के लिए सब्सिडी दी जाती है। इसके अलावा पशुपालकों को पशु आवास के लिए भी वित्तीय सहायता दी जाती है। इस तरह योजना के माध्यम से पशुपालकों को पशु की खरीद व आवास के लिए 90 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। इस योजना के तहत और भी कई कार्य किए जाते हैं, जिसमें टीकाकरण, कृत्रिम गर्भाधान, बंध्याकरण, कृमिनाशक दवा वितरण, विशेष पशु चिकित्सा शिविर, पशु पालन हेतु प्रशिक्षण आदि नि:शुल्क प्रदान किए जाते हैं। इस योजना के जरिये पशुपालकों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा रहा है।
पशु खरीदने व पशु आवास पर सब्सिडी के लिए आपको मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के तहत आवेदन करना होगा। इसके लिए आपको कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। योजना के तहत आपको जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे दस्तावेज इस प्रकार से हैं
यदि आप झारखंड से हैं तो आप राज्य में चलाई जा रही मुख्यमंत्री पशुधन योजना में आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आपको ऑफ लाइन आवेदन करना होगा। आप ऑफलाइन आवेदन इस प्रकार कर सकते हैं
मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना के लिए कुछ पात्रता और शर्तें निर्धारित की गई हैं, जो इस प्रकार से हैं
राज्य सरकार की ओर से जल्द ही पशुधन के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए मोबाइल वेटनरी एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत की जाएगी। उस एंबुलेंस में डॉक्टर, कंपाउंडर, दवा, जांच और सर्जरी की व्यवस्था होगी। इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस योजना के तहत प्रत्येक एंबुलेंस में तीन विशेषज्ञों की टीम हमेशा उपस्थित रहेगी। यह एंबुलेंस पशुपालकों को घर-घर जाकर पशु चिकित्सा उपलब्ध कराएगी। इसके अलावा पशुधन बीमा का प्रस्ताव भी विभाग की ओर से तैयार किया जा रहा है। इसके लिए कई राज्यों के मॉडल का अवलोकन किया जा रहा है। इसके अलावा यहां पशुपालन विभाग की ओर से प्रतिवर्ष 9000 पशुपालकों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। विभाग का उद्देश्य ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार लाना है। फार्म का यही उद्देश्य है कि राज्य का हर किसान पशुधन के पोषण, रखरखाव और उसका उपयोग करके आर्थिक रूप से खुद को समृद्ध कर सके।
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