प्रकाशित - 26 May 2024
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
जून का महीना आने वाला है। इस महीने प्री-मानसून व मानसून की गतिविधियां शुरू हो जाती है। मानसून की बारिश के साथ किसान धान की बुवाई (paddy sowing) करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में धान की खेती (Paddy farming) करने वाले किसानों को उन्नत किस्मों की आवश्यकता होती है।
इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार की ओर से किसानों को धान की बुवाई के लिए उन्नत व प्रमाणिक बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। खास बात यह है कि राज्य सरकार की ओर से किसानों को धान के इन बीजों पर 50 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जा रही है। किसान भाई बीज अनुदान योजना (Seed Subsidy Scheme) के तहत आधी कीमत पर धान के उन्नत बीज (improved rice seeds) प्राप्त कर सकते हैं।
धान के उन्नत बीजों पर किसानों को बीज के कुल मूल्य पर 50 प्रतिशत सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। इस योजना के तहत किसान को धान के बीज पर 50 प्रतिशत या अधिकतम 2,000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से अनुदान दिया जाता है। वहीं जो किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Pradhan mantri Kisan Samman Nidhi Yojana) में रजिस्टर्ड हैं, वे सरकारी बीज गोदाम पर जाकर बीज की मिनी किट नि:शुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
राज्य के किसानों को धान की पीआर 121, पूसा बासमती 1509, पूसा बासमती 1637 और पंत 24 जैसी किस्मों पर सब्सिडी (subsidy) दी जाएगी। बीज अनुदान योजना के तहत किसानों को धान की उन्नत किस्मों के बीजों काे खरीदने के लिए बीज के कुल मूल्य का आधा पैसा ही जमा कराना होगा। शेष राशि अनुदान होगा। इस तरह किसान आधी कीमत पर धान के प्रमाणिक व उन्नत बीज (Authentic and improved seeds of paddy) प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना का लाभ किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा। इस योजना के तहत किसानों धान के अलावा गेहूं, मटर, चना, सरसों और मसूर के बीज पर भी सब्सिडी दी जाती है।
यदि आप यूपी के किसान है तो आप बीज अनुदान योजना का लाभ (Benefit of Seed Subsidy Scheme) उठा सकते हैं, क्योंकि इस समय यूपी सरकार की ओर से राज्य के किसानों को उन्नत बीज पर सब्सिडी दी जा रही है। योजना के तहत आवेदन करते समय किसानों को कुछ दस्तावेजों की आवश्यकता होगी जिसमें आधार कार्ड, निवास प्रमाण-पत्र, आय प्रमाण-पत्र, बैंक अकाउंट, आयु प्रमाण-पत्र, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो और आधार से लिंक मोबाइल नंबर की आवश्यकता होगी।
राज्य के जो किसान सब्सिडी पर धान के बीज प्राप्त करना चाहते हैं वे राजकीय कृषि बीज भंडार पर पहुंचकर सब्सिडी पर धान के उन्नत किस्म के बीज प्राप्त कर सकते हैं। बीज अनुदान योजना यूपी की अधिक जानकारी के लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं।
गेहूं और गन्ने के बाद यूपी में बड़े पैमाने पर धान की खेती की जाती है। रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में करीब 30 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में धान की खेती की जाती है। यहां धान का करीब 150 लाख टन उत्पादन होता है। यूपी में औरेया जिले में धान की खेती सबसे अधिक होती है। वहीं सबसे कम धान का उत्पादन देवरिया में होता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक औरया जिले में पिछले 10 सालों से धान की प्रति हैक्टेयर औसत उपज 33.55 क्विंटल दर्ज की गई जो राज्य में किसी भी अन्य जिले से अधिक है। वहीं दूसरे नंबर पर पीलीभीत जिला है जहां धान की औसत उपज 30.76 क्विंटल प्रति हैक्टेयर है। चंदौली तीसरे नंबर पर धान उत्पादित करने वाला जिला है। वहीं देवरिया, उन्नाव और श्रीवास्ती प्रदेश में सबसे कम धान उत्पादित करने वाले जिले है।
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