प्रकाशित - 15 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
अब तक हमारे देश में चाय उत्पादन में असम, गुवाहाटी, दार्जीलिंग व जम्मू-कश्मीर होता आया है। लेकिन अब इस लिस्ट में बिहार का नाम भी जुड़ गया है। अब बिहार में भी चाय की खेती की जाएगी। इससे यहां के किसानों की आय बढ़ेगी। बिहार के किशनगंज जिले को इसके लिए चुना गया है। इसके लिए किशनगंज जिले की चाय को राज्य सरकार की ओर से सरकारी टैग “बिहार की चाय” का नाम भी दिया गया है। किशनगंज में 25 हजार हैक्टेयर में चाय की खेती की जाती है। हालांकि इससे पहले भी यहां चाय की खेती की जाती रही है, पर इसको राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अब पहचान मिली है।
जिले में चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए बिहार सरकार की ओर से किसानों को 50 प्रतिशत सब्सिडी का लाभ प्रदान किया जा रहा है। इच्छुक किसान इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 20 सितंबर 2022 रखी गई है। आज हम टैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको बिहार सरकार की किशनगंज जिले में चाय उत्पादन और इसके लिए सरकार की ओर से मिलने वाली सब्सिडी, आवेदन का तरीका और आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी दे रहे हैं ताकि किसानों को चाय की खेती पर मिलने वाली सब्सिडी के लिए आवेदन करने में आसानी हो सके।
बिहार सरकार की ओर से राज्य में चाय का उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष उद्यानिकी फसल योजना शुरू की गई है। इसके तहत किशनगंज जिले में चाय की खेती करने वाले किसानों को अनुदान दिया जाएगा। योजना के तहत इस वर्ष चाय की खेती के लिए डेढ़ सौ हैक्टेयर का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बता दें कि पिछले साल इस जिले को 90 हेक्टेयर में चाय का क्षेत्र विस्तार का लक्ष्य मिला था। लेकिन चाय की खेती में किसानों की बढ़ती रुचि को देखते इस वर्ष इसका रकबा बढ़ाकर डेढ़ सौ हेक्टेयर कर दिया गया है। अब डेढ़ सौ हेक्टेयर में खेती करने वाले नए किसान को सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। इस बार इस योजना का लाभ उन नए किसानों को दिया जाएगा, जिन्होंने जुलाई-अगस्त में चाय के पौधे लगाए हो। पौधा दो तीन महीने का होना चाहिए। किसानों को अनुदान का भुगतान ऑनलाइन उनके खाते में किया जाएगा।
विशेष उद्यानिकी फसल योजना के तहत उद्यानिकी विभाग द्वारा चाय की खेती के लिए सभी वर्ग के किसानों को 50 प्रतिशत तक का सब्सिडी दी जाएगी। जिसमें उद्यानिकी विभाग द्वारा चाय का खेती करने के लिए लागत प्रति हेक्टेयर लागत 4 लाख 94 हजार रुपए तय की गई है। इस पर किसान को लागत का 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा या अधिकतम 2 लाख 47 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तक की राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है। यह राशि किसानों को दो किश्तों में 75:25 अनुपात में दी जाएगी।
विशेष उद्यानिकी फसल योजना तहत चाय क्षेत्र विस्तार के लिए किशनगंज जिले का चयन किया गया है। अत: किशनगंज के किसान इस योजना के तहत आवेदन कर सकते हैं। योजना के तहत अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति के लिए 1 प्रतिशत तथा सभी वर्ग की महिला किसानों के लिए 30 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
योजना के तहत वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू हो चुके हैं। जिले के इच्छुक किसान योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन करके योजना का लाभ उठा सकते हैं। आवेदन करने लिए किसान के पास 13 नंबर का डीबीटी नंबर होना जरूरी है। वहीं जिन किसानों के पास डीबीटी पंजीयन संख्या नहीं है वह किसान https://dbtagriculture.bihar.gov.in/ पर पंजीयन करा सकते हैं। इसके बाद किसान बिहार उद्यानिकी विभाग के पोर्टल horticulture.bihar.gov.in पर आवेदन कर योजना का लाभ ले सकते हैं। किसान, योजना के संबंध में विशेष जानकारी के लिए अपने जिले के सहायक निदेशक उद्यान या प्रखंड उद्यान कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।
सरकारी योजना में सब्सिडी का लाभ पाने के लिए किसानों को आवेदन भरते समय जिन दस्तावेजों की आवश्यकता होगी, वे प्रमुख दस्तावेज इस प्रकार से हैं-
जिले के किसानों को चाय पर सब्सिडी के लिए आवेदन करने से पूर्व बिहार शासन द्वारा इसके लिए तय किए गए नियम व शर्तों को अवश्य पढ़ लें और इसके बाद आवेदन करें। ये नियम और शर्तें इस प्रकार से हैं-
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