फसल नुकसान मुआवजा : किसानों के खाते में आएंगे 3 हजार 501 करोड़ रुपए

Share Product प्रकाशित - 13 Sep 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

फसल नुकसान मुआवजा : किसानों के खाते में आएंगे 3 हजार 501 करोड़ रुपए

15 सितंबर को किया जाएगा किसानों के खाते में भुगतान, जानें, पूरी जानकारी

इस साल मानसून की अनियमितता के कारण कई राज्यों पर भारी बारिश से बाढ़ के हालात बन गए और फसलों को नुकसान हुआ। वहीं इसके उलट कई राज्यों में किसान सूखे की स्थिति का सामना कर रहे हैं। ऐसे में सरकार की ओर से किसानों के फसल नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा की घोषणा समय-समय की जाती है। इसी क्रम में महाराष्ट्र में इस साल जुलाई में हुई भारी बारिश से किसानों की फसल को हुए नुकसान की भरपाई के लिए मुआवजा दिए जाने की घोषणा राज्य सरकार की ओर से की गई है। इसके लिए सरकार की ओर से 3 हजार 501 करोड़ रुपए सहायता राशि किसानों को वितरित करने का ऐलान किया गया है। ये मुआवजा राशि किसानों को 15 सितंबर को दी जाएगी। इस योजना के तहत किसानों को तीन हेक्टेयर तक के नुकसान पर मुआवजा राशि का लाभ दिया जाएगा। 

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Crop Loss Compensation : प्रति हैक्टेयर कितनी मिलेगी सहायता राशि

महाराष्ट्र में इस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ से हुई फसलों को पहुंचे नुकसान को लेकर महाराष्ट्र सरकार ने किसानों को 3 हजार 501 करोड़ की सहायता देने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत 3 हेक्टेयर तक के नुकसान के लिए मदद की जाएगी। इस योजना के तहत किसानों को 27 हजार प्रति हेक्टेयर से 36 हजार प्रति हैक्टेयर तक सहायता राहत प्रदान की जाएगी। इसके अलावा आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से किसानों को मदद दी जाएगी। सरकार की ओर से कहा गया है कि केंद्र से नुकसान की राशि आने पर अतिरिक्त मदद बाद में दी जाएगी।

जून और अगस्त के बीच हुई बारिश से फसलों को हुआ था काफी नुकसान

जानकारी के लिए बता दें कि महाराष्ट्र में जून से अगस्त महीने के बीच भारी बारिश और बाढ़ से कुल 23 लाख 81 हजार 920 हेक्टेयर में लगे फसलों को नुकसान पहुंचा था। इस दौरान भारी बारिश से राज्य के 25 लाख 93 हजार किसान बुरी तरह प्रभावित हुए थे। इसी को देखते हुए प्रभावित किसानों के लिए 3 हजार 501 करोड़ रुपए की सहायता की घोषणा की गई है। सहायता राशि के वितरण को लेकर सरकार ने राहत एवं पुनर्वास विभाग से संबंधित अफसरों को प्रभावित किसानों को शीघ्र राहत राशि वितरित करने के निर्देश दिए हैं। इसी के साथ ही किसानों के लिए राहत राशि संबंधित संभागीय आयुक्तों, जिला कलेक्टरों को सौंप दी गई है। सरकार ने इस सहायता राशि को सीधे किसानों के बैंक खाते में ऑनलाइन जमा करने के लिए कहा गया है।

नांदेड़ जिले के किसानों को मिलेगी सबसे अधिक सहायता

महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले को सबसे अधिक सहायता राशि दी जाएगी। राज्य सरकार ने नांदेड़ जिले के लिए 877 करोड़ रुपए की राशि की घोषणा की है। जानकारी के लिए बता दें कि इस साल जुलाई माह में मराठवाड़ा के नांदेड़ जिले में सबसे ज्यादा भारी बारिश हुई थी जिससे किसानों की फसलों को नुकसान हुआ। आंकड़ों के अनुसार जिले में जुलाई के महीने में औसत से दुगनी बारिश हुई थी जिससे जिले में सोयाबीन की खेती को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा था। इस जिले में अधिक वर्षा के साथ ही प्रभावित क्षेत्र भी अधिक था। 

किसानों को अब पहले से ज्यादा मिलेगा मुआवजा

कुछ दिन पूर्व महाराष्ट्र सरकार की ओर से प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता राशि बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसके अनुसार कृषि योग्य खेती के पहले पहले 6800 रुपए की दर से मुआवजा दिया जाता था जिसे बढ़ाकर 13 हजार 600 रुपए प्रति हेक्टेयर कर दिया गया है। वहीं बागवानी के लिए पहले किसानों को 13 हजार 500 रुपए मुआवजा दिया जाता था जिस बढ़ाकर 27 हजार रुपए किया गया है। इसी प्रकार बारहमासी कृषि के लिए पूर्व में दी जाने वाली मुआवजा राशि दर 18 हजार रुपए को बढ़ाकर 36 हजार रुपए कर दिया गया है। इस तरह अब किसानों को फसल नुकसान पर सरकार की ओर से अधिक मुआवजा दिया जाएगा। वहीं मराठावाड़ा के उस्मानाबाद जिले को इससे बाहर रखा गया है। 

जुलाई में हुई बारिश से यहां हुआ था फसलों को नुकसान

महाराष्ट्र में जुलाई माह में लगातार हुई भारी बारिश के कारण किसानों की फसल खराब हो गई थी। जुलाई के पहले दिन के बाद से ही राज्य में ऐसी बारिश हुई है कि बोए गए क्षेत्र में ज्यादातर फसल जलमग्न हो गई है और इसमें सबसे ज्यादा नुकसान सोयाबीन और कपास की फसल को हुआ। हालांकि जून के अंत में कम बारिश हुई लेकिन जुलाई माह में मात्र दस दिनों की भारी बारिश ने सब कुछ जलमग्न कर दिया। किसानों के खेतों में पानी भर गया जिससे उनकी फसलें बर्बाद हो गईं। इस दौरान महाराष्ट्र में विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र, मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी भागों में सबसे अधिक बारिश हुई जिससे फसलों को नुकसान पहुंचा। कृषि विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार इस साल भारी बारिश से अमरावती जिले में 32 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद हुई। इसमें अकेले मोर्शी ब्लॉक में ही 15 हजार हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा। इसमें सबसे अधिक नुकसान सोयाबीन की फसल को हुआ। 
 

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