ऋण माफी योजना : 8 साल में 2.5 लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण हुआ माफ

Share Product प्रकाशित - 20 Jul 2022 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

ऋण माफी योजना : 8 साल में 2.5 लाख करोड़ रुपए का कृषि ऋण हुआ माफ

ऋण माफी योजना के आठ साल पूरे, 3.7 करोड़ किसानों को मिला लाभ

सरकार की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है जिनका किसानों को लाभ मिल रहा है। इन्हीं योजनाओं में से एक ऋण माफी योजना है जिसके तहत सरकार की ओर से किसानों के पुराने कर्जें माफ किए जा रहे हैं। अब तक इस योजना का लाभ देश के करीब 3.7 करोड़ किसानों को मिला है। इन किसानों के करीब 2.5 लाख करोड़ का कृषि ऋण सरकार की ओर से माफ किए गए हैं। इसमें सबसे बड़ी बात ये हैं कि इस योजना के तहत उन किसानों के ऋण भी माफ किए गए जो नियमित रूप से अपना कृषि ऋण चुका रहे थे। ऐसे किसानों की संख्या 80 फीसदी बताई जा रही है। इसका खुलासा एसबीआई की हालिया रिपोर्ट में किया गया है।

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80 प्रतिशत किसानों को नहीं थी योजना की जरूरत

एसबीआई की रिपोर्ट में सामने आया कि कर्ज माफी योजना (Karj Mafi Yojna) का लाभ वास्तविक रूप से उन किसानों तक नहीं पहुंच पाया है जिसकी इसे सबसे अधिक आवश्यकता थी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस योजना के तहत 80 प्रतिशत ऐसे किसानों के ऋण माफ किए गए जिनको इस योजना की जरूरत नहीं थी यानि ये वे किसान थे जो नियमित रूप से अपने ऋण की अदायगी कर रहे थे। जबकि सरकार ने ऐसे किसानों को भी ऋण माफी के दायरे में ले लिया। इससे ये सवाल उठता है कि क्या सही में ऋण माफी योजना का लाभ वास्तविक रूप से ऐसे किसानों को मिला जिनकी उन्हें जरूरत थी।  

समान रूप से नहीं हुआ योजना का वितरण

एसबीआई की रिपोर्ट इस बात की ओर भी इशारा करती है कि ऋण माफी योजना का वितरण समान रूप से नहीं हुआ है। यही कारण है कि छत्तीसगढ़ में 100 प्रतिशत किसानों को कर्ज माफी का लाभ मिला है, जबकि तेलंगाना में 9 किसानों में से 5 फीसदी किसानों को इस योजना का लाभ मिल पाया है। इसके अलावा झारखंड और मध्यप्रदेश राज्य में भी किसानों को कर्ज माफी दिए जाने का आंकड़ा काफी नीचे पायदान पर है। यहां राज्य के 12 फीसदी किसानों को कर्ज माफी का लाभ दिया गया। हांलाकि दोनों राज्यों में कर्ज माफी का लाभ पाने वाले किसानों की संख्या तेलंगाना से दुगुनी है। 

किस राज्य में कितने प्रतिशत हुई कर्ज माफी

देश के नौ राज्यों में किसान कर्ज माफी योजना चलाई जा रही है जिसमें से 7 राज्यों में किसानों के पुराने कर्जें माफ किए गए। इन 7 राज्यों में कितने प्रतिशत किसानों के कर्ज माफ किए गए, इसे एक नजर में इस तरह समझा जा सकता है।  

क्र. सं. राज्य का नाम  लाभान्वित किसान 
1. मध्यप्रदेश  12 प्रतिशत
2. पंजाब   24 प्रतिशत
3. झारखंड   13 प्रतिशत
4. तेलंगाना में 5 प्रतिशत
5. पंजाब   24 प्रतिशत 
6. कर्नाटक  38 प्रतिशत
7. उत्तर प्रदेश 52 फीसदी 
  • 2018 में छत्तीसगढ़ में 100 फीसदी पात्र किसानों को कर्ज माफी का लाभ दिया गया।
  • वहीं 2020 में महाराष्ट्र में 91 फीसदी पात्र किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ मिला।

अब तक 2.5 लाख करोड़ की हुई कर्ज माफी

ऋण माफी योजना (Kisan Karj Rahat Yojana) के तहत इन आठ सालों में अब तक 2.5 लाख करोड़ की कर्ज माफी किसानों को दी गई। जिन राज्यों में ये योजना चलाई गई उन राज्यों ने 2014 से कुल मिलाकर 2.5 लाख रुपए की कर्जमाफी की घोषणा की है। यह छूट उन खातों के लिए दी गई थी जो समय पर अपनी किस्त का भुगतान कर रहे थे। इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर कृषि सब्सिडी वास्तविक लाभार्थियों तक नहीं पहुंच पाती है। रिपोर्ट में एक और बात कही गई कि ऋण माफी योजना से ऋण संस्कृति खतरे में आ सकती है। ऐसा इसलिए कहा गया क्योंकि जिन सात राज्यों में ऋण माफी हुई उनमें अधिकांश बैंक खाते मानक स्थिति में थे यानि इन खातों में किसानों द्वारा समय पर ऋण की किस्त का भुगतान किया जा रहा था। ये अकाउंट एनपीए या नॉन एक्टिव अकाउंट नहीं होते। इसके बावजूद ऐसे खातों के किसानों के ऋण भी माफ किए गए। 

इन राज्यों में सबसे अधिक मानक खातों के ऋण हुए माफ

जैसा किया कई राज्यों में ऐसे किसानों के ऋण भी माफ किए गए जो नियमित रूप से ऋण चुका रहे थे या अपनी किस्त का भुगतान समय पर कर रहे थे। ऐसे खातों को मानक खाते कहा जाता है। झारखंड, उत्तरप्रदेश और आंध्र प्रदेश में ऐसे 90 प्रतिशत खातों के किसानों को ऋण माफी दी गई जिनके खाते मानक थे। वहीं दो ऐसे राज्य थे जहां मानक खातों की संख्या 50 प्रतिशत से कम थी उनमें महाराष्ट्र और कर्नाटक का नाम आता है। कर्नाटक में 46 प्रतिशत और महाराष्ट्र में इसके 2020 संस्करण में 43 प्रतिशत मानक खाते थे जिनका लोन माफ किया गया। रिपोर्ट में इस बात से भी आगाह किया गया कि ऋण माफी योजना ऋण संस्कृति को नुकसान पहुंचा सकती है, विशेषकर मध्यम से लंबी अवधि में किसानों के हितों को नुकसान पहुंचा सकती है।


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