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पेड़ी गन्ने की अधिक पैदावार के लिए किसान अपनाएं ये टॉप 10 टिप्स

प्रकाशित - 04 Apr 2024

जानें, पेड़ी गन्ने से अधिक लाभ प्राप्त करने के आसान तरीके

गन्ने की खेती (Sugar Cane Farming) करने वाले किसानों को कम लागत पर अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए खेती की उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके लिए किसानों को समय-समय पर कृषि वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों की ओर से खास तरीके, टिप्स द्वारा मार्गदर्शन दिया जाता है। इसी कड़ी में यूपी के पीलीभीत के जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव ने किसानों को गन्ने की अधिक पैदावार प्राप्त करने के लिए कुछ टिप्स दिए हैं। इन टिप्स या तरीकों को अपनाकर गन्ना किसान अपनी गन्ने की पैदावार बढ़ाकर अपनी इनकम में बढ़ोतरी कर सकते हैं। 

आज हम ट्रैक्टर जंक्शन के माध्यम से आपको गन्ने की पैदावार बढ़ाने के आसान टिप्स की जानकारी दे रहे हैं। तो आइये, जानते हैं क्या है पेडी गन्ने की खेती (Pedi Sugarcane Cultivation) में पैदावार बढ़ाने के आसान टिप्स।

पेड़ी गन्ने की कम पैदावार मिलने का क्या है कारण (What is the reason for low yield of paddy sugarcane)

कृषि अधिकारी के मुताबिक किसानों को गन्ने की पेड़ी प्रबंधन (sugarcane plantation management) पर विशेष ध्यान देना चाहिए। देखने में आता है कि अधिकांश किसान पौधा गन्ना में तो अधिक मेहनत और देखभाल करते हैं लेकिन गन्ने की पेड़ी फसल की उचित देखभाल नहीं करते हैं। इसके कारण पेड़ी गन्ना की प्रति हैक्टेयर कम पैदावार प्राप्त होती है। गन्ना अधिकारी ने कहा कि किसानों के बीच यह धारणा है कि पेड़ी की फसल बिना लागत की फसल है। पेड़ी का रकबा करीब 50 प्रतिशत होता है, लेकिन सही से देखभाल नहीं करने के कारण इसकी पैदावार भी कम प्राप्त होती है। यदि देखा जाए तो गन्ने की पेड़ी की फसल में अधिक पैदावार एवं चीनी परता पाया जाता है। यदि पेड़ी गन्ने की फसल का सही तरीके से प्रबंधन नहीं किया जाए तो इसकी पैदावार में 25 से 30 प्रतिशत तक कमी आ सकती है।

पेड़ी गन्ने की पैदावार बढ़ाने के लिए अपनाएं ये टॉप 10 टिप्स/तरीके (Adopt these top 10 tips/methods to increase the yield of paddy sugarcane)

  • पेड़ी गन्ने के लिए किसानों को कुछ टिप्स अपनाने चाहिए ताकि इसकी बेहतर पैदावार प्राप्त की जा सके। पेड़ी गन्ने की अधिक पैदावार के लिए किसान नीचे दिए गए टिप्स या तरीके अपना सकते हैं
  • पेड़ी गन्ने की अच्छी पैदावार के लिए गन्ने की कटाई बिल्कुल खेत की मिट्‌टी की सतह से मिलाकर करनी चाहिए। ऐसा करने से कल्ले अधिक निकलते हैं।
  • यदि खेत में लाल सड़न, उकठा या कंडुवा रोग का प्रकोप हो तो उस खेत में पेड़ी की फसल नहीं लेनी चाहिए। यदि ऐसे खेत में गन्ने की फसल लेना जरूरी हो तो इसके लिए पौधे गन्ने के ठूंठ की छंटाई जरूरी है। इस काम के लिए गन्ना समितियों में आरएमडी यंत्र उपलब्ध है जो ट्रैक्टर से चलता है उसका उपयोग किया जा सकता है।
  • पेड़ी प्रबंधन के तहत फसल का रखरखाव बेहतर तरीके से किया जाना चाहिए। पैड़ी गन्ने के ठूंठ में इथोफोन दवा की 50 मिली मात्रा को 500 लीटर पानी में घोलकर ठूंठ पर छिड़काव करना चाहिए। इससे फुटाव अच्छा होता है और पौधा जल्दी वृद्धि करता है।
  • यदि खेत में पौधों पर सूखी पत्तियों के अवशेष हो तो इसे दोनों पंक्तियों के बीच बिछाने के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए। ऐसा करने से मिट्‌टी में नमी बनी रहती है।
  • पेड़ी फसल को काला चिटका, दीमक, सैनिक कीट व मिलीबग कीटों से बचाव के लिए कीटनाशक रसायन यूजो (क्लोरोपैरिफॉस 50 प्रतिशत प्लस 5 प्रतिशत साईपर) की 400 मिली. मात्रा को 400 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ की दर से छिड़काव करना चाहिए।  
  • पेड़ी गन्ने के लिए 20 से 25 प्रतिशत तक उर्वरक की जरूरत होती है। इसके लिए 220 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फॉस्फोरस और 80 किलोग्राम पोटाश की मात्रा ली जाती है। इस मात्रा को गोबर की सड़ी खाद, जैव उर्वरक एवं रासायनिक उर्वरकों से पूरा किया जा सकता है। इसके लिए 10 किलोग्राम एजोबेक्टर तथा 10 किलोग्राम पी.एस.बी. को 5 क्विंटल सड़ी गोबर की खाद के साथ मिलाकर दोनों लाइनों के बीच डालकर गुड़ाई कर देनी चाहिए।
  • पेड़ी गन्ने के पौधों को फफूंदजनित रोगों से सुरक्षा के लिए ट्राईकोडर्मा 10 किलोग्राम प्रति एकड़ का प्रयोग गोबर की खाद में तैयार कर जरूर करना चाहिए।
  • पेड़ी गन्ने में कहीं-कहीं गैप अधिक हो जाता है, जिसे अवश्य भरना चाहिए। इसके लिए महिला समूहों द्वारा सीडलिंग उपलब्ध है, जिसे किसान अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं।
  • जिन किसानों के पास संसाधन की कमी है, वे पेड़ी गन्ने में जब 4 से 5 पत्तियां आ जाए तो एन.पी.के. 19:19:19 जल विलेय उर्वरक का क्लोरोपैरिफॉस 20 ई.सी. के 2 प्रतिशत घोल के साथ पत्रप छिड़काव जरूर करना चाहिए। इससे कीटों से पौधों को सुरक्षा मिलती है और बढ़वार भी अच्छी होती है।  
  • पेड़ी गन्ने में समय-समय पर निराई-गुड़ाई एवं अनुकूलतम सिंचाई करते रहना चाहिए।

इस प्रकार किसान भाई का बेहतर प्रबंधन करके इससे काफी अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। 

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