प्रकाशित - 19 Apr 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
गन्ना किसानों के लिए एक खुशखबर आई है। अब सरकार की ओर से गन्ना के उन्नत किस्म के बीज आधी दर पर दिए जाएंगे। इससे गन्ना किसानों को लाभ होगा। बता दें कि कई राज्यों में गेहूं की कटाई के बाद किसान गन्ने की बुवाई करेंगे। इससे पहले ही किसानों को गन्ने का बीज सस्ती कीमत पर उपलब्ध कराया जा रहा है। इसके लिए यूपी सरकार ने राज्य के किसानों के लिए गन्ना की बेतहर दो किस्मों के बीजों की कीमत में भारी कमी की है। इनके रेट में 50 प्रतिशत तक की कमी की गई है। यह बीज गन्ना विकास परिषद के विभिन्न केंद्रों से खरीदे जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव, चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग, संजय भूसरेड्डी ने बताया कि प्रदेश में नवीन किस्मों की सुलभ उपलब्धता हेतु किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए गन्ना किस्म को. शा. 13235 एवं को. 15023 के अभिजनक बीज गन्ने की निर्धारित दरों में कमी की गई है। अब यह गन्ना किस्में उत्तरप्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर से संबंधित केंद्रों चीनी मिल फार्मो से मात्र 850 रुपए प्रति क्विंटल की दर से उपलब्ध हो सकेगी।
गन्ने की को. 15023 किस्म के बीजों की रेट में भारी कमी की गई है। इसकी रेट में 50 प्रतिशत तक कमी कर दी गई है। अब को. 15023 किस्म की दर जो 1.60 रुपए प्रति बड अथवा 1700 रुपए प्रति क्विंटल थी उसे कम करके 850 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। वहीं नवीन किस्म को. शा. 13235 के बीजों की दर जो पहले 1.20 रुपए प्रति बड अथवा 1275 रुपए प्रति क्विंटल थी, उसे कम करके 850 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इस संबंध में सभी केंद्रों को विस्तृत दिशा निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं।
गन्ने की को. 15023 किस्म के गन्ने की पैदावार सामान्य किस्म के गन्ने से अधिक हाेती है। इस किस्म के गन्ने में बीमारियां नहीं लगती हैं। किसानों को इस किस्म की बिजाई सिंगल बड विधि से करनी चाहिए। इसके अंतर्गत बीज से बीज की दूरी 4 फीट तक रखी जाती है।
गन्ने की ये किस्म एसएस 6847 और को. 1148 के संस्करण से विकसित की गई है। इस किस्म का गन्ना सीधा, मोटा मध्यम कड़ा और पीला हरा सफेदी लिए हुए ठोस होता है। इसकी औसत उपज 81-92 टन प्रति हैक्टेयर तक प्राप्त होती है। ये किस्म लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी है।
गन्ना विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में गेहूं की कटाई के बाद गन्ना की बुवाई (sowing of sugarcane) की जाती है। गन्ने की इन दोनों किस्मों जल्दी बढ़ने एवं अधिक उत्पादन देने वाली किस्में हैं। ये दोनों किस्में देर से बसंत की बुवाई के लिए उत्तम पाई गई हैं। देर बसंतकालीन गन्ने की बुवाई करने वाले किसानों के हितों को ये फैसला लिया गया है।
उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद शाहजहांपुर तथा प्रदेश में स्थित इसके अन्य केंद्रों एवं सहकारी व निजी चीनी मिल फार्मों पर वैज्ञानिकों की देखरेख में नवीन किस्म का अभिजनक बीज गन्ना तैयार किया जाता है जिसका वितरण प्रदेश में गन्ना शोध परिषद, शाहजहांपुर द्वारा गन्ना विकास परिषदों के माध्यम से किया जाता है।
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