खुशखबरी : इस दिन से शुरू होगी गन्ने की खरीद, किसानों को भेजे जाएंगे मैसेज

Share Product प्रकाशित - 28 Sep 2023 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

खुशखबरी : इस दिन से शुरू होगी गन्ने की खरीद, किसानों को भेजे जाएंगे मैसेज

जानें, कब से शुरू होगी गन्ने की खरीद और गन्ना खरीदी की क्या रहेगी व्यवस्था

गन्ना की खेती (sugarcane cultivation) करने वाले किसानों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है। सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर गन्ने की खरीद (purchase of sugarcane at support price) जल्द शुरू करने जा रही है। इस बार सरकार ने किसानों की सुविधा का खास ख्याल रखा है। किसानों को अपना गन्ना बेचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो इसके लिए किसानों को पहले मैसेज भेजा जाएगा और उसके बाद ही वह अपना गन्ना पेराई के लिए लेकर आएंगे। बता दें कि किसानों से हर साल सरकारी रेट पर गन्ने की खरीद राज्य सरकार की ओर से की जाती है। इसके लिए राज्य अलग से किसानों के लिए गन्ने का एसएपी (SAP price of sugarcane) तय करती है उसी के अनुसार किसानों से गन्ने की खरीद की जाती है। गन्ने का एसएपी (राज्य परामर्श मूल्य) हमेशा केंद्र द्वारा जारी किए गए गन्ने के एफआरपी (Sugarcane FRP Price) से ज्यादा होता है। अलग-अलग राज्यों में गन्ने का एसएपी वहां की राज्य सरकार तय करती है। यदि बात की जाए हरियाणा की तो यहां गन्ने का एसएपी इस बार के लिए 372 रुपए प्रति क्विंटल है जो केंद्र द्वारा तय किए गए एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) 315 रुपए से कहीं ज्यादा है। बता दें कि देशभर में पंजाब व हरियाणा में किसानों को सबसे ज्यादा गन्ने का मूल्य दिया जा रहा है।

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कब से शुरू होगी गन्ने की खरीद (When will the procurement of sugarcane start)

राज्य सरकार की ओर से इस साल 2023-24 में गन्ने के पेराई कार्य नवंबर से पहले सप्ताह में शुरू करने का फैसला किया है। ऐसे में नवंबर के पहले सप्ताह की किसी भी तारीख से किसानों को गन्ना पेराई के लिए बुलाया जा सकता है। इसके लिए किसानों को मोबाइल पर मैसेज दिए जाएंगे, ऑनलाइन संदेश भेजे जाएंगे जिसकी व्यवस्था राज्य सरकार ने कर ली है ताकि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी व देरी का सामना नहीं करना पड़े। किसान निर्धारित तिथि को अपना गन्ना पेराई के लिए लेकर आए। इस संबंध में सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा है कि मिल में गन्ना लाने वाले किसानों की सुविधा के लिए मोबाइल पर ऑनलाइन संदेश भेजने की व्यवस्था की गई है जिससे किसानों को अपना गन्ना बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए केवल 10 रुपए में सस्ती दर पर पौष्टिक एवं गुणवत्ता युक्त आहार मुहैया करवाने की भी व्यवस्था की गई है।

इस बार कितनी होगी गन्ने की पेराई (How much sugarcane will be crushed this time)

सहकारिता मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल 424 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई तथा 10 प्रतिशत रिकवरी रेट का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चीनी मिलों की क्षमता और उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों का कलस्टर बनाकर एथनॉल प्लांट लगाए जाने की योजना शुरू की गई है ताकि चीनी मिलों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। शाहाबाद की चीनी मिल में एथनॉल प्लांट ने कार्य करना शुरू कर दिया है और पानीपत में भी जल्द ही एथनॉल प्लांट लगाया जाएगा।

क्या है एफआरपी और एसएपी रेट में अंतर (What is the difference between FRP and SAP rates)

हर साल केंद्र और राज्य द्वारा किसानों के लिए एफआरपी और एसएपी मूल्य की घोषणा की जाती है। ऐसे में अलग-अलग राज्य में किसानों से अलग-अलग रेट पर गन्ने की खरीद की जाती है। ऐसा इसलिए कि राज्य सरकार अपने स्तर पर गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करती है। जबकि केंद्र द्वारा जारी किया गया एफआरपी पूरे भारत में एक सामान होता है। लेकिन राज्य अपने स्तर पर गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी करके किसानों को स्थानीय भाव के अनुसार गन्ने का मूल्य दिलाने का प्रयास करती हैं ताकि किसानों को नुकसान नहीं हो। केंद्र द्वारा तय किए गए गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य को एफआरपी कहा जाता है जबकि राज्य सरकार की ओर से जो मूल्य बढ़ाकर किसानों को दिया जाता है उसे एसएपी कहा जाता है। एसएपी सदैव एफआरपी से ज्यादा होता है।

किस राज्य में कितना है 2023-24 के लिए गन्ने का मूल्य/गन्ने का भाव (price of sugarcane)

अलग-अलग राज्य सरकार ने अपने यहां अलग-अलग गन्ने का मूल्य निर्धारित किया हुआ है। ऐसे में किसी राज्य में किसानों को गन्ने का कम मूल्य मिल रहा है तो किसी में ज्यादा। देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में गन्ने का मूल्य इस प्रकार से है

  • हरियाणा में गन्ने का मूल्य 372 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है।
  • पंजाब में गन्ने का मूल्य 380 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित है।
  • उत्तर प्रदेश में गन्ने का मूल्य 350 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • उत्तराखंड में गन्ने का मूल्य 355 रुपए प्रति क्विंटल है।
  • बिहार में गन्ने का मूल्य 355 रुपए प्रति क्विंटल है।

किस राज्य में कितना होता है गन्ने का उत्पादन

देश में गन्ना उत्पादन में उत्तर प्रदेश सबसे अग्रणी है। यहां का वार्षिक गन्ना उत्पादन 133.3 मिलियन टन है जो भारत में सबसे अधिक है। यूपी में करीब 2.5 करोड़ लोग गन्ना उद्योग से जुड़े हुए हैं। यदि बात की जाए बिहार की तो यहां यह राज्य 14.68 मिलियन टन गन्ना उत्पादन के साथ दूसरे स्थान पर आता है जो देश के कुल गन्ना उत्पादन का 4.17 प्रतिशत है। वहीं हरियाणा गन्ना उत्पादन में आठवें स्थान पर है। यहां मुख्य रूप से गुड़गांव, करनाल, फरीदाबाद, सोनीपत और रोहतक में गन्ने की खेती होती है। राज्य में 1.3 लाख हेक्टेयर भूमि में 9.3 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है। पंजाब 6.6 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन होता है। देश में यह गन्ना उत्पादन करने वाले राज्यों में नवें नंबर पर आता है। इसके अलावा उत्तराखंड गन्ना उत्पादन में देश में 10 पायदान पर है यहां करीब 6.4 मिलियन टन गन्ने का उत्पादन होता है।

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