न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए इस तारीख से शुरू होंगे पंजीयन

Share Product प्रकाशित - 17 Jan 2025 ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा

न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए इस तारीख से शुरू होंगे पंजीयन

जानें, किस तारीख से शुरू होंगे पंजीयन और इसके लिए किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता

केंद्र और राज्य सरकारों की ओर से फसल विपणन सीजन 2025–26 के लिए गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसे लेकर हाल ही में समीक्षा बैठक की गई जिसमें राज्य सरकार ने 20 जनवरी से गेहूं की खरीद के लिए पंजीयन शुरू करने क ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि इस बार प्रदेश भर में गेहूं खरीद के लिए पिछले साल से अधिक खरीद केंद्र खोले जाएंगे ताकि किसानों को अपनी गेहूं की फसल बेचने में कोई परेशानी नहीं आए। केंद्र सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2025 यानी इस साल के लिए 2425 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है जो पिछले साल के मुकाबले 150 रुपए अधिक है। ऐसे जो किसान इस साल अपनी गेहूं की फसल एमएसपी पर बेचना चाहते हैं, वे 20 जनवरी से इसके लिए पंजीयन करा सकेंगे। 

इस बार राज्य में कितने बनाए जाएंगे गेहूं के लिए खरीद केंद्र

केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजिनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने गेहूं की खरीद को लेकर राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार और गुजरात खाद्य मंत्रियों व सहकारिता मंत्रियों के साथ एक वर्जुअल बैठक की। इस अवसर पर मध्यप्रदेश सरकार ने गेहूं के लिए किसानों के पंजीयन की तारीख का ऐलान कर दिया। ऐसे में उम्मीद है कि अन्य राज्य भी अपने यहां गेहूं खरीद के लिए पंजीयन की तारीख का ऐलान कर सकते हैं। समीक्षा बैठक में मध्यप्रदेश के खाद्य, नागरिक आपूर्ति उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि राज्य में गेहूं की खरीद के लिए किसानों का ऑनलाइन पंजीयन 20 जनवरी, सोमवार से शुरू किया जाएगा। गेहूं खरीदी के लिए इस बार 4 हजार खरीद केंद्र बनाए जाएंगे। पिछले साल राज्य में गेहूं खरीद के लिए 3800 उपार्जन केंद्र बनाए गए थे। ऐसे में इस बार गेहूं खरीद के लिए 200 केंद्र अधिक बनाए जाएंगे। 

गेहूं उपार्जन के बाद जल्द भुगतान सुनिश्चित करें 

केंद्रीय मंत्री जोशी ने समीक्षा बैठक में कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता लाएं। किसानों को गेहूं उपार्जन के बाद जल्द से जल्द भुगतान सुनिश्चित करें। रजिस्ट्रेशन जल्द शुरू करें। उन्होंने कहा कि क्वालिटी कंट्रोल में जिम्मेदार लोगों की ड्यूटी लगाएं। इस अवसर पर मध्यप्रदेश के खाद्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस साल उपार्जन केंद्रों पर गेहूं की मेकेनाइज्ड क्लीनिंग के लिए मशीन लगाने का प्रस्ताव है। इससे खराब गेहूं की खरीद रुकेगी। उन्होंने समितियों को दिए जाने वाले कमीशन की राशि बढ़ाने की भी बात की। राजपूत ने गेहूं और चावल के द्वितीय त्रैमास के प्रावधानिक अनुदान देयक एवं फोर्टिफाइड राइस आदि मदों की लंबित राशि जल्द उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। 

गेहूं की खरीद के लिए इन बातों पर दिया गया जोर

बैठक के दौरान केंद्रीय मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि उपरोक्त पांच राज्यों में गेहूं की खरीद की अच्छी क्षमता है और वे केंद्रीय पूल में पर्याप्त योगदान दे सकते हैं, जो राष्ट्र की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है और आवश्यकता पड़ने पर कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आपूर्ति आधारित हस्तक्षेप के लिए भी महत्वपूर्ण है। बैठक में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि गेहूं खरीद के तहत समयबद्ध कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जैसे कि क्षमता के आधार पर जिलावार लक्ष्य तय करना, दूर-दराज के क्षेत्रों में खरीद केंद्र खोलकर गहन पहुंच, स्टॉक के अंतर-राज्यीय आवागमन से पहले विभिन्न केंद्रीय/राज्य मानदंडों का अनुपालन, किसान को एमएसपी का समय पर भुगतान, खरीदे गए स्टॉक की क्वालिटी बनाए रखना, किसानों के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को सुविधाजनक और आसान बनाना, मंडियों में प्रशिक्षत कार्यबल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, बिहार जैसे राज्यों में पैक्स द्वारा सक्रिय दृष्टिकोण, खरीद के लिए पंचायतों/एफपीओ/समितियों को शामिल करना।

महिंद्रा 585 डीआई पावर प्लस BP

PMGKAY के तहत पर्याप्त मात्रा में हो गेहूं की खरीद और भंडारण

केंद्रीय मंत्री द्वारा राज्यों के खाद्य मंत्रियों से अनुरोध किया गया कि वे तैयारियों के साथ–साथ बाद की खरीद प्रक्रियाओं पर व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दें। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि राज्य कम से कम उतना गेहूं खरीदने का प्रयास करें जितना पीएमजीकेएवाई के तहत राज्य को चाहिए ताकि केंद्रीय पूल में पर्याप्त मात्रा में गेहूं का भंडारण हो और अन्य राज्यों से परिवहन में होने वाली लागत से भी बचा जा सके। राज्य मंत्रियों ने आश्वासन दिया कि बैठक में विचार–विमर्श किए गए सभी सुझावों का पालन किया जाएगा ताकि आरएमएस 2025-26 के दौरान गेहूं की खरीद बढ़ाने के साझा लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। बता दें कि पीएमजीकेएवाई यानी प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना भारत सरकार की एक योजना है जिसे कोविड- 19 के दौरान आर्थिक मंदी से उबरने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के तहत सरकार की ओर से गरीबों को मुफ्त गेहूं या चावल दिया जाता है। इस योजना के तहत मोटा अनाज भी वितरित करना शुरू किया गया है। 

किसान एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए पंजीयन हेतु इन दस्तावेजों को रखें अपने साथ

मध्यप्रदेश में 20 जनवरी, सोमवार से गेहूं उपार्जन के लिए पंजीयन शुरू हो रहे हैं, ऐसे में जो किसान पंजीयन कराना चाहते हैं, वे पंजीयन कराते समय अपने साथ अपना आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर, मोबाइल नंबर, जमीन के दस्तावेज लेकर जाएं। इसी के साथ इस बात का विशेष तौर से ध्यान रखें कि मध्यप्रदेश सरकार उपार्जन पोर्टल पर खरीदी गई फसल का भुगतान आधार से लिंक बैंक खाते में करती है। ऐसे में आपको उसी बैंक खाते का नंबर पंजीकरण कराते समय देना है जो आधार से लिंक हो और आपका खाता डीबीटी एक्टिव हो। इस खाते में सरकार द्वारा फसल का भुगतान किया जाएगा। यदि आप गेहूं की फसल एमएसपी पर उपार्जन केंद्र पर जाकर बेचेंगे तो आपकी फसल का भुगतान आपके आधार कार्ड से लिंक बैंक खाते में ही प्राप्त होगा।

ट्रैक्टर जंक्शन हमेशा आपको अपडेट रखता है। इसके लिए ट्रैक्टरों के नये मॉडलों और उनके कृषि उपयोग के बारे में एग्रीकल्चर खबरें प्रकाशित की जाती हैं। प्रमुख ट्रैक्टर कंपनियों वीएसटी ट्रैक्टरमहिंद्रा ट्रैक्टर आदि की मासिक सेल्स रिपोर्ट भी हम प्रकाशित करते हैं जिसमें ट्रैक्टरों की थोक व खुदरा बिक्री की विस्तृत जानकारी दी जाती है। अगर आप मासिक सदस्यता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमसे संपर्क करें।

अगर आप नए ट्रैक्टरपुराने ट्रैक्टरकृषि उपकरण बेचने या खरीदने के इच्छुक हैं और चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा खरीददार और विक्रेता आपसे संपर्क करें और आपको अपनी वस्तु का अधिकतम मूल्य मिले तो अपनी बिकाऊ वस्तु को ट्रैक्टर जंक्शन के साथ शेयर करें।

हमसे शीघ्र जुड़ें

Call Back Button
scroll to top
Close
Call Now Request Call Back