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गन्ने का नया एफआरपी 2024-25 : गन्ना किसानों को मोदी सरकार ने दी बड़ी सौगात

प्रकाशित - 22 Feb 2024

5 करोड़ गन्ना किसानों के लिए खुशखबरी : गन्ना कीमत में 25 रुपए की बढ़ोत्तरी

केंद्र सरकार ने देश के सभी गन्ना किसानों को जबरदस्त खुशखबरी दी है। सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले गन्ने की कीमत में 8 प्रतिशत की वृद्धि की है। अब गन्ना किसानों को नई गन्ना कीमत के रूप में 340 रुपए प्रति क्विंटल का भुगतान मिलेगा। गन्ने की नई कीमत का फायदा किसानों को अगले सीजन से मिलेगा जो 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 तक चलेगा। इस संबंध में 21 फरवरी 2024 को आयोजित केंद्रीय केबिनेट की बैठक में गन्ना खरीद कीमत में 8 प्रतिशत की वृद्धि को मंजूरी दी गई है। अब गन्ने का उचित व लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 340 रुपए प्रति क्विंटल होगा। इससे पहले गन्ने का एफआरपी 2023-24 में 315 रुपए प्रति क्विंटल है। सरकार के इस कदम के बाद गन्ना किसानों को चीनी सीजन 2024-25 के लिए 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का भुगतान किए जाने की संभावना है। 

भारत में गन्ने की ऐतिहासिक कीमत, किसानों को सबसे ज्यादा भुगतान

भारत में गन्ना किसानों को दुनिया में सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है और उपभोक्ताओं को सबसे सस्ती चीनी। केंद्र सरकार ने गन्ने के एफआरपी (उचित और लाभकारी मूल्य) को गन्ने की ऐतिहासिक कीमत बताया है, जो चालू सीजन 2023-24 के लिए गन्ने की एफआरपी से लगभग 8 प्रतिशत ज्यादा है। गन्ने की A2+FL लागत से 107 प्रतिशत अधिक है। कुल मिलाकर गन्ने का नया एफआरपी गन्ना किसानों की समृद्धि सुनिश्चित करेगा। केंद्र की मोदी सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों (परिवार सदस्यों सहित) और चीनी क्षेत्र से जुड़े लाखों अन्य लोगों को फायदा होगा।

गन्ने का एफआरपी दस साल में 210 से 340 रुपए प्रति क्विटंल पहुंचा

केंद्र सरकार ने हमेशा कृषि और किसानों के हित में काम किया है। पिछले दस साल के दौरान गन्ने का FRP यानी फेयर एंड रिम्यूनरेटिव प्राइस 210 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 340 रुपए प्रति क्विंटल पहुंच गया है। गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य 2014-15 में 210 रुपए प्रति क्विंटल था जो अब 2024-25 में 340 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस अवसर पर कहा कि इससे गन्ना किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। इस फैसले से किसानों की आय दोगुना करने की मोदी की गारंटी पर मुहर लग जाती है।

10.25 फीसदी की चीनी रिकवरी पर मिलेगा गन्ने का यह एफआरपी

केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब चीनी मिलों द्वारा गन्ने की एफआरपी 10.25 प्रतिशत की रिकवरी पर 340 रुपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों को भुगतान किया जाएगा। प्रत्येक 0.1 प्रतिशत की अधिक रिकवरी पर किसानों को 3.32 रुपये प्रति क्विंटल ज्यादा मिलेंगे, जबकि वसूली में 0.1 प्रतिशत की कमी होने पर समान राशि की कटौती की जाएगी। वहीं 9.5 फीसदी या उससे कम रिकवरी वाली चीनी मिलों के लिए उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 315.10 रुपए प्रति क्विंटल होगा।

चीनी मिलें हुई आत्मनिर्भर तो किसानों को मिला पूरा भुगतान

मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल के दौरान चीनी मिलों और गन्ना किसानों की स्थिति में सुधार हुआ है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले दस साल के दौरान किसानों के कल्याण के लिए कई महत्वपूर्ण काम किए हैं। 2014 से पहले किसानों को अपनी मांगों के लिए सड़क पर उतरना पड़ता था, उस समय गन्ने की कीमत भी उचित नहीं मिलती थी। लेकिन अब मोदी सरकार के 10 साल के कार्यकाल में किसानों को सही समय पर सही मूल्य मिले, इसके लिए काम हुआ है। चीनी मिलें जहां आत्मनिर्भर बनी है वहीं गन्ना किसानों को लगभग पूरा भुगतान मिल चुका है। चीनी सीजन 2022-23 का 99.5 प्रतिशत व अन्य सभी चीनी सीजन का 99.9 प्रतिशत बकाया भुगतान हो चुका है। अब चीनी इतिहास में सबसे कम बकाया भुगतान शेष है। अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि चीनी सीजन 2021-22 के बाद से चीनी मिलों को किसी भी प्रकार की सरकारी सहायता नहीं दी जा रही है। सभी चीनी मिलें आत्मनिर्भर हो गई है।

सीधे किसानों के खाते में भेजी रकम

केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों को राहत देते हुए उनके खाते में रकम भेजी है। किसानों को हर साल ज्यादा पैसा मिल रहा है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि साल 2019-20 में गन्ना किसानों के खाते में 75,854 करोड़ रुपये भेजे गए। साल 2020-21 में गन्ना किसानों को 93,011 करोड़ रुपये मिले। 2021-22 में गन्ना किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। वहीं, 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपये की राशि सीधे किसानों के खातों में भेजी गई। अब उम्मीद है कि 2024-25 चीनी सीजन में किसानों को 2 लाख करोड़ से ज्यादा की राशि भेजी जाएगी।

पीएम मोदी ने जताई खुशी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गन्ना कीमत में वृद्धि पर खुशी जताई है। उन्होंने X पर पोस्ट कर कहा ‘देशभर के अपने किसान भाई-बहनों के कल्याण से जुड़े हर संकल्प को पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में गन्ना खरीद की कीमत में ऐतिहासिक बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। इस कदम से हमारे करोड़ों गन्ना उत्पादक किसानों को लाभ होगा।’

क्या है एफआरपी

एफआरपी को उचित एवं लाभकारी मूल्य कहा जाता है। यह वह न्यूनतम मूल्य है जिस पर चीनी मिलों को किसानों से गन्ना खरीदना होता है। कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) हर साल एफआरपी की सिफारिश करता है।

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