प्रकाशित - 05 Feb 2025
ट्रैक्टर जंक्शन द्वारा
केंद्र सरकार की रबी फसल विक्रय सीजन 2025–26 के लिए एमएसपी (MSP) के ऐलान के बाद राज्य सरकारों की ओर से किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) यानी एमएसपी पर फसल खरीद को लेकर तैयारियां की जा रही हैं। मार्च, अप्रैल तक नई फसल बाजार में आ सकती है। इस बार किसानों ने सरसों, मूंग, चना व मसूर की बुवाई की है। इसे देखते हुए राज्य सरकार की ओर से रबी मार्केटिंग सीजन 2025–26 के लिए तिलहन और दलहन की खरीद को लेकर तैयारियों की समीक्षा की गई और बैठक में सरसों, चना, मूंग और मसूर की एमएसपी पर खरीद की तारीखों तय की गई है। राज्य के मुख्य सचिव ने अधिरियों को खरीद की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करने, खरीद केंद्रों को चिह्नित करने, भंडारण और बारदाने की समुचित व्यवस्था करने और समय पर खरीद शुरू करने के निर्देश दिए हैं।
रबी फसल विपणन सीजन 2025-26 (Rabi Crop Marketing Season 2025-26) के लिए हरियाणा सरकार की ओर से राज्य के किसानों से सरसों, चना, मूंग और मसूर की एमएसपी पर खरीद का ऐलान कर दिया गया है। इसके साथ ही इन फसलों की खरीद की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है, जो इस प्रकार से हैं-
क्र. सं. | फसल का नाम | एमएसपी पर खरीद शुरू होने की तारीख |
1. | सरसों | 28 मार्च 2025 से |
2. | चना | 1 अप्रैल 2025 से |
3. | समर मूंग | 15 मई 2025 से |
4. | मसूर दाल | 20 मार्च 2025 से |
5. | सूरजमुखी | 1 जून 2025 से |
किसानों को किस फसल का कितना मिलेगा रेट (MSP Rate List 2025-26)
केंद्र सरकार की ओर से रबी फसल विपणन सीजन 2025-26 (Rabi Crop Marketing Season 2025-26) के लिए फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की घोषित किया हुआ है, किसानों से उसी एमएसपी रेट पर ही किसानों से रबी फसलों की खरीद की जाएगी, रबी सीजन की तिलहनी व दलहनी फसलों के लिए इस साल के लिए एमएसपी रेट इस प्रकार है।
क्र. सं. | फसल का नाम | एमएसपी रेट |
1. | सरसों | 5950 रुपए प्रति क्विंटल |
2. | चना | 5650 रुपए प्रति क्विंटल |
3. | समर मूंग | 8682 रुपए प्रति क्विंटल |
4. | मसूर दाल | 6700 रुपए प्रति क्विंटल |
5. | सूजरमुखी | 7280 रुपए प्रति क्विंटल |
राज्य में कितने एकड़ में की गई है तिलहन व दलहन की खेती
बैठक में मुख्य सचिव ने बताया कि राज्य में साल 2024–25 के दौरान सरसों की खेती (Mustard cultivation) करीब 21.8 लाख एकड़ में की गई है। वहीं चना की खेती (Chickpea Cultivation) 0.61 लाख एकड़ में की गई है। जबकि सूरजमुखी की खेती (Sunflower cultivation) 0.63 लाख एकड़ और मसूर की खेती (Lentil cultivation) 98 एकड़ जमीन में की गई है। इस साल 740 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की 15.59 लाख मीट्रिक टन पैदवार होने की संभावना है। इसी प्रकार 494 किलोग्राम प्रति एकड़ के हिसा से चने की 0.30 लाख मीट्रिक टन और 800 किलोग्राम प्रति एकड़ के अनुसार सूरजमुखी का 0.50 लाख मीट्रिक टन उत्पादन होने की संभावना है। वहीं समर मूंग की खेती औसतन एक लाख एकड़ क्षेत्र में की गई है जिससे 0.48 लाख मीट्रिक टन के उत्पादन मिल सकता है।
हरियाणा सरकार की ओर से मंडी आढ़तियों को भी राहत देने का काम किया जा रहा है। इसके तहत राज्य सरकार की ओर से रबी खरीद सीजन 2024–25 में नमी के कारण तोल में हुई कमी के नुकसान की भरपाई के लिए उन्हें प्रतिपूर्ति राशि देने को लेकर मंजूरी दे दी गई है। इसके लिए राज्य सरकार 3,09,95,571 रुपए की राशि वहन करेगी। इस कुल राशि में से 77,22,010 रुपए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग की ओर से वहन किए जाएंगे। वहीं 1,71,16,926 की राशि हरियाणा राज्य सहकारी आपूर्ति एवं विपणन संघ लिमिटेड (हैफेड) द्वारा वहन की जाएगी। इसके अलावा शेष राशि 61,56,605 रुपए हरियाणा राज्य भंडारण निगम (एचएसडब्ल्यूसी) वहन करेगी। यह निर्णय मुख्यमंत्री नायब सैनी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
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