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धान किसानों के खाते में भेजे 23 हजार करोड़ रुपए, 21 लाख किसानों को फायदा

प्रकाशित - 18 Jan 2024

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का नया रिकॉर्ड, 111.75 लाख मीट्रिक टन धान की बंपर खरीद

देश के कई राज्यों में किसानों से धान की खरीद (Paddy Procurement) जारी है। झारखंड में किसानों को धान मूल्य पर 117 रुपए का बोनस दिया जा रहा है। यहां किसानों से 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जा रहा है। वहीं उत्तरप्रदेश में 'धान कॉमन' की 2183 रुपये प्रति क्विंटल और 'ग्रेड ए' की 2203 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद जारी है। वहीं छत्तीसगढ़ में किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान को सरकारी एजेंसियों द्वारा खरीदा जा रहा है। इस बीच किसानों के लिए एक खुशखबरी सामने आई है।

सरकार ने 21 लाख धान किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से 23 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा कराई है। सरकार आगे भी धान किसानों के खाते में पैसे जमा कराएगी। इसलिए जिन किसानों ने अभी तक अपना धान सरकार को नहीं बेचा है वो बेच सकते हैं। छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीद 31 जनवरी, उत्तरप्रदेश में 29 फरवरी व झारखंड में 31 मार्च 2024 तक जारी रहेगी।

एक एकड़ के किसान को 25500 रुपए का फायदा

धान उत्पादक राज्यों में छत्तीसगढ़ एक अग्रणी राज्य है। इसलिए इसे धान का कटोरा भी कहा जाता है। इस बार छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीद ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण धान पर बोनस का मिलना है। छत्तीसगढ़ में किसानों से 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीद की जा रही है। जबकि धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य (Minimum Support Price Of Paddy) 2183 रुपए प्रति क्विंटल है। इस प्रकार किसानों को प्रति क्विंटल 917 रुपए का बोनस मिल रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार किसानों से प्रति एकड़ के हिसाब से 21 क्विंटल धान खरीद रही है। 21 क्विंटल धान बेचने पर किसानों को 65100 रुपए मिल रहे हैं जो पिछले साल के मुकाबले 25500 रुपए ज्यादा है।

छत्तीसगढ़ में धान की रिकॉर्ड बिक्री : अब तक 111.75 लाख मीट्रिक टन की बंपर खरीद

छत्तीसगढ़ में नवगठित भाजपा सरकार ने इस सीजन में 130 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य रखा है। इस बार एमएसपी पर धान बेचने के लिए 26 लाख 86 हजार किसानों ने अपना पंजीयन कराया है। पंजीकृत धान का रकबा 33 लाख 15 हजार हेक्टेयर है। अब तक करीब 21 लाख किसान 111.75 लाख मीट्रिक टन धान को सरकारी खरीद केंद्र पर बेच चुके हैं। सरकार इन 21 लाख किसानों के खाते में 23,448 करोड़ रुपए का डीबीटी के माध्यम से भुगतान कर चुकी है। अभी राज्य में 31 जनवरी तक धान की खरीद होगी। उम्मीद है कि सरकार अपने लक्ष्य को पूरा कर लेगी।

पिछले साल 23.42 लाख किसानों ने बेचा था धान

छत्तीसगढ़ में धान की सरकारी खरीद ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। पिछले साल खरीफ सीजन 2022-23 में प्रदेश के 23 लाख 42 हजार 50 किसानों ने सरकार को अपना धान बेचा था। इन किसानों से कुल 107.53 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई थी। इसके एवज में किसानों को करीब 22 हजार 067 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था। इस साल अब तक 21 लाख 266 किसानों ने 111 लाख 75 हजार 247 मीट्रिक टन अपना धान बेचा है और सरकार से 23 हजार 448 करोड़ रुपए का भुगतान प्राप्त किया है।

धान का उठाव निरंतर जारी

छत्तीसगढ़ में धान की खरीद के साथ-साथ धान का निरंतर उठाव भी जारी है। सरकार अब तक 92 लाख 5 हजार 247 मीट्रिक टन धान को चावल मिलों में भेजने के आदेश जारी कर चुकी है। मिलर्स 71 लाख 87 हजार 338 मीट्रिक टन धान को राइस मिल्स को भेज चुके हैं। इससे सार्वजनिक वितरण प्रणाली में चावल की आपूर्ति करने के लिए केंद्रीय पूल से चावल की खरीद संभव हो सकेगी।

झारखंड के किसानों को मिल रहे 275 रुपए ज्यादा

झारखंड के धान किसानों को इस बार पिछले साल के मुकाबले धान की बिक्री पर प्रति क्विंटल 275 रुपए ज्यादा मिल रहे हैं। सामान्य किस्म के धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2183 रुपए तय है। इस पर राज्य सरकार की ओर से 117 रुपए का अतिरिक्त बोनस दिया जा रहा है। यानी किसानों का धान 2300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बिक रहा है। जबकि पिछले साल किसानों को धान 2025 रुपए प्रति क्विटंल की दर से बिका था। इसमें धान का बोनस भी शामिल था। इस प्रकार किसानों को इस साल 275 रुपए ज्यादा मिल रहे हैं। राज्य में धान की खरीदारी के लिए 600 से ज्यादा केंद्र बनाए गए हैं और 31 मार्च तक धान की खरीद जारी रहेगी।

उत्तरप्रदेश के किसानों को 7 फीसदी का फायदा

उत्तरप्रदेश में धान की सरकारी खरीद 29 फरवरी 2024 तक चलेगी। प्रदेश की योगी सरकार ने धान कॉमन की रेट 2183 रुपए प्रति क्विंटल और धान ग्रेड ए की रेट 2203 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है जिसमें 143 रुपए प्रति क्विंटल की दर से 7 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है। योगी सरकार ने 4 हजार खरीद केंद्रों के माध्यम से 70 लाख टन धान की खरीद का लक्ष्य तय किया है।

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